दीपोत्सव पर तीन लाख से अधिक दीपों से जगमगाएगी श्री राम की नगरी

अयोध्या में रामजन्म भूमि विवाद की अदालत में रोजाना सुनवाई चल रही है और सर्वोच्च न्यायालय ने आगामी 18 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी करने के निर्देश भी दे दिए है।

Update:2023-06-14 12:21 IST

मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार बीते तीन साल से अयोध्या में दीपोत्सव मना रही है। इस साल छोटी दीपावली पर अयोध्या में सरयू किनारे राम की पैड़ी के घाटों पर करीब छह हजार स्वयंसेवकों की टीम तीन लाख 21 हजार दीपक जला कर दीपोत्सव मनायेंगी और बीते साल के वर्ल्ड रिकार्ड को तोड़ते हुए गिनीज बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड में नया रिकार्ड दर्ज करायेंगी।

इधर, अयोध्या में रामजन्म भूमि विवाद की अदालत में रोजाना सुनवाई चल रही है और सर्वोच्च न्यायालय ने आगामी 18 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी करने के निर्देश भी दे दिए है।

ऐसा माना जा रहा है कि नवंबर में सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अपने सेवानिवृत्त होने से पहले इस पर निर्णय सुना कर ही विदा लेंगे। इस बीच अयोध्या में दीपोत्सव की तैयारियां भी शुरू हो गयी है।

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इसके लिए डा. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में स्वयंसेवियों की टीम बनाने का काम शुरू हो गया है। दीपोत्सव पर्व के लिए योगी सरकार ने छह करोड़ रुपये का बजट स्वीकृति कर रखा है। जबकि पिछले साल इस आयोजन पर करीब नौ करोड़ रुपये खर्च किए गये थे।

अवध विवि के जनसंपर्क अधिकारी आशीष मिश्र ने न्यूजट्रैक को बताया कि दीपोत्सव के लिए दीपों का ऑर्डर दे दिया गया है। अयोध्या जिले के कई गांवों और शहरों के कई मोहल्लों में दीपक बनाने का काम चल रहा है।

उन्होंने बताया कि दीपक का आकार पिछले वर्ष जैसा ही है, हर दीपक में 40 मिली. तेल डाला जायेगा। दीपकों में कुल 12 हजार 840 लीटर तेल खर्च होगा।

तीन लाख एक हजार 152 दीपक जलाने का रिकार्ड

पिछले वर्ष राम की पैड़ी पर हुए दीपोत्सव में पांच हजार स्वयंसेवकों ने तीन लाख एक हजार 152 दीये जलाकर सबसे अधिक दीपक एक साथ जलाने का विश्व रिकार्ड बनाया था।

जबकि इस वर्ष अवध विश्वविद्यालय अपने स्वयंसेवकों की संख्या बढा कर छह हजार से अधिक करने की तैयारी कर रहा है। इसके अलावा राम की पैड़ी के घाटों को 13 जोन में बांट कर अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जायेगी।

हर जोन पर स्वयंसेवकों के साथ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, और प्रशासनिक अधिकारी भी तैनात रहेंगे। करीब छह हजार स्वयंसेवकों और विश्वविद्यालय प्रोफेसरों व अधिकारियों की टीम इस बार नया इतिहास रचने के ओर अग्रसर है।

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