Ayodhya: जमीन विवाद पर घमासान,अविमुक्तेश्वरानंद बोले- जांच होने तक हटाए जाएं चंपत राय व अनिल मिश्र

Ayodhya News: अयोध्या में राम मंदिर की जमीन घोटाले में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के बाद अब उनके उत्तराधिकारी और रामालय ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट को घेरा है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shivani
Update: 2021-06-17 06:54 GMT

अविमुक्तेश्वरानंद -चंपत राय File photo

Ayodhya News : अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Ram Mandir Trust) की ओर से खरीदी गई जमीन (Land Deal Scam) को लेकर शुरू हुआ घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। सियासी दलों के साथ ही अब इस मामले में बड़े धर्माचार्य भी कूद पड़े हैं। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के बाद अब उनके उत्तराधिकारी और रामालय ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Swami Avimukteshwaranand) ने भी इस मामले को लेकर श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट को घेरा है।

जमीन संबंधी विवाद के बाद अयोध्या पहुंचे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इस इस मामले में जल्द से जल्द जांच कमेटी का गठन किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जांच का काम पूरा होने तक ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय (Champat Rai) और ट्रस्टी अनिल मिश्र (Anil Mishra) को पद से हटा दिया जाना चाहिए।
दूसरी ओर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने इस मामले में विपक्ष पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि रामभक्तों के खून से होली खेलने वाले अब राम मंदिर को लेकर दुष्प्रचार करने में जुटे हुए हैं।

जमीन विवाद की निष्पक्ष जांच कराने की मांग

रामालय ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि राम मंदिर की लड़ाई लड़ने वाले संतों को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में कोई जगह नहीं दी गई। राम मंदिर के भूमि पूजन के कार्यक्रम में भी ऐसे संतों को निमंत्रण नहीं भेजा गया। ऐसे लोगों को ट्रस्ट में शामिल किया गया है जिन्हें किसी भी सूरत में ट्रस्ट में जगह नहीं दी जानी चाहिए थी।
उन्होंने कहा कि कोई बंद आंखों वाला व्यक्ति भी जमीन संबंधी इस घपले को आसानी से समझ सकता है। दो मिनट पहले कोई चीज दो करोड़ की होती है तो वह आठ मिनट बाद ही 18 करोड़ की कैसे हो सकती है। यह कतई संभव नहीं है मगर अयोध्या के जमीन मामले में इसे संभव कर दिखाया गया।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि यह राम मंदिर से जुड़ा हुआ मामला है जिसके साथ करोड़ों राम भक्तों की आस्था जुड़ी हुई है। ऐसे में इस मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए और जांच का काम पूरा होने तक चंपत राय और अनिल मिश्र को ट्रस्ट से बाहर किया जाना चाहिए।

जुटाए गए पैसे का हो रहा दुरुपयोग

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि सच बात तो यह है कि जिन लोगों के ऊपर आरोप लगे हैं उन्हें खुद ही जांच पूरी होने तक ट्रस्ट के काम से अलग हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और अनिल मिश्र पर लगे आरोप काफी गंभीर हैं। इसलिए इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जजों से कराई जानी चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि राम मंदिर बनाने के लिए जुटाए गए पैसे से अन्य मंदिर खरीदे जा रहे हैं और फिर उन्हें तोड़ने का काम किया जा रहा है। उन्होंने इस मामले में विधिक कार्रवाई करने की भी बात कही। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने निर्मोही अखाड़ा के अधिवक्ता रहे रणजीत लाल वर्मा से उनके आवास पर जाकर मुलाकात भी की।

शंकराचार्य ने भी बोला था हमला

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से पहले शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने भी अयोध्या में जमीन घोटाले को लेकर बड़ा हमला बोला था। उन्होंने ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को गैर जिम्मेदार बताते हुए उन्हें तत्काल पद से हटाने की मांग की थी।

मोदी सरकार और संघ पर निशाना साधते हुए शंकराचार्य का कहना था कि श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट में भ्रष्टाचारी लोगों को शामिल कर लिया गया है। उन्होंने शुभ मुहूर्त में श्रीराम मंदिर का शिलान्यास किए जाने का आरोप भी लगाया था।

राम भक्तों को मारने वाले कर रहे दुष्प्रचार

इस बीच उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जमीन खरीद को लेकर लगाए जा रहे आरोपों को लेकर विपक्ष पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने राम भक्तों पर गोलियां चलवाईं, आज वे लोग अयोध्या को लेकर दुष्प्रचार करने में जुटे हुए हैं।
डिप्टी सीएम ने कहा कि यही लोग पहले राम के अस्तित्व को नकार रहे थे। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद इन लोगों की छाती फटी जा रही थी और आज ये लोग अयोध्या को लेकर दुष्प्रचार करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष की दुष्प्रचार की कोई भी साजिश से सफल नहीं हो पाएगी क्योंकि जमीन की खरीद में कोई घपला नहीं किया गया है।
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