अयोध्या: शिवसेना व विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम को लेकर तेज हुई चहलकदमी

Update: 2018-11-24 06:37 GMT

अयोध्या: अयोध्या राम नगरी में शिवसेना वविश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम को लेकर चहल कदमी तेज हो गई है। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था ठीक रखने के लिए स्थानीय स्तर पर एक डीआईजी, 3 एसपी, 10 एसएसपी, 21 डीएसपी, 160 इंस्पेक्ट,र 700 कांस्टेबल, 48 कंपनी पीएसी, 5 कंपनी आरएएफ और एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड के अलावा कई उच्च अधिकारी लगे हुए हैं। इसी के साथ एडीजी जोन राजीव कृष्ण अयोध्या मे कैंप स्वयं कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें: हमारी धरती पर बढ़ रही असहिष्णुता, मुश्किल दौर से गुजर रहा है देश: प्रणब मुखर्जी

शिवसेना के कार्यक्रम को लेकर शिवसैनिक काफी उत्साहित हैं और मुंबई से शिवसैनिकों की खेप विशेष ट्रेनों द्वारा पहुंच अयोध्या पहुंच गई है। सभी शिवसैनिक अयोध्या में भ्रमण कर रहे हैं, जिनका कहना है कि इस कार्यक्रम के माध्यम से हम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जगाने आए हैं।

यह भी पढ़ें: तेलंगाना विधानसभा चुनाव: सिर्फ हैदराबाद की 8 सीटों पर चुनाव लड़ेगी ओवैसी की पार्टी AIMIM

शिवसेना का दावा है अयोध्या के चारों तरफ से भारी संख्या में शिवसैनिक व राम भक्त अयोध्या आएंगे, जिसके लिए पिछले कई दिनों से संपर्क अभियान चलाया गया था। शिव सेना का प्रमुख कार्यक्रम के बाबत महाराष्ट्र सरकार के मंत्री व शिवसेना नेता एक नाथ शिंदे ने भारत न्यूज़ ट्रैक के संवाददाता को बताया लक्ष्मण किला में केंद्र सरकार द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाना या अध्यादेश लाने के लिए जनसंवाद कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें: 2019 लोकसभा चुनाव के लिए BJP दिल्ली के तीन सांसदों के काट सकती है टिकट

जिसमें अयोध्या के सभी प्रमुख संत शामिल होकर हमारे इस आंदोलन को आशीर्वाद प्रदान करेंगे और हमारे नेता उद्धव ठाकरे इस कार्यक्रम में 1100 संत धर्माचार्य पंडित पुरोहितों का सम्मान करेंगे। शाम को श्री ठाकरे सरयू की पवित्र आरती करेंगे। दूसरे दिन 25 नवंबर को सरजू स्नान कर रामलला का दर्शन भी करेंगे पत्रकारों से वार्ता करने करने के उपरांत वह मुंबई के लिए वापस चले जाएंगे।

यह भी पढ़ें: J-K: पंचायत चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग शुरू , 5239 उम्मीदवार आजमा रहे किस्मत

सेना के इस कार्यक्रम में अयोध्या के प्रमुख संत एवं श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास प्रमुख रूप से उपस्थित रहेंगे, जबकि कार्यक्रम की शुरुआत में उन्होंने बिना अनुमति के उनका नाम इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए उठा था। उन्होंने इसपर आपत्ति जताई थी।

उधर, 25 नवंबर को अयोध्या में ही विश्व हिंदू परिषद द्वारा राम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ा भक्त महल की बगिया में धर्म सभा का आयोजन किया जा रहा है। जो 60000 वर्ग फिट का मैदान है, जिसमें 75 फिट लंबे 35 फीट चौड़े मंच पर 200 संतों की बैठने की व्यवस्था की जा रही है। विहिप के अंतर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय स्थानीय साधु संतों भाजपा नेताओं के तैयारियों में मशगूल नजर आ रहे हैं।

भारी संख्या में इस धर्म सभा में राम भक्तों को लाने का विशेष प्रयास किया जा रहा है। जिनके खाने-पीने रहने सुरक्षा सहित संपूर्ण का इंतजाम स्थानीय स्तर पर किया जा रहा है। महाराष्ट्र के शिव सैनिकों द्वारा अयोध्या बस्ती फैजाबाद के सभी होटलों को 25 तारीख तक बुक कर लिया गया ।है जिसका परिणाम यह है कि इस कार्यक्रम को लेकर देशभर से मीडिया कर्मी आए हुए हैं, जिन्हें रहने कमरे नहीं मिल पा रहे हैं।

धर्म सभा स्थल पर पहुंचने के लिए सारे रास्ते व सुरक्षा व्यवस्था साफ सफाई की व्यवस्था के लिए संबंधित विभाग पिछले कई दिन से जुटे हुए हैं। देशभर के 500 साधु-संतों प्रमुख रूप से आमंत्रित किए गए हैं, जो इस धर्म सभा में शामिल होंगे इन दोनों कार्यक्रमों को लेकर प्रशासन फिलहाल खाती चौकसे माननीय सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश व अन्य पहलुओं ध्यान में रखते हुए भीड़ को विवादित परिसर से दूर रखने की व्यवस्था की जा रही है।

किसी प्रकार कोई भी भी विवादित स्थल की तरफ न जा सके। राम जन्म भूमि पर रामलला का दर्शन करने के लिए फिलहाल कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। मगर रामलला का दर्शन करने के लिए भीड़ के रूप में कोई नहीं जा पाएगा। एक-एक व्यक्ति सुरक्षा मानको को पूरा करते हुए रामलला का दर्शन कर पाएगा। इन कार्यक्रमों को लेकर जो प्रतिक्रियाएं अयोध्या से मिली है।

श्री राम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी का कहना है कि इस कार्यक्रम से हम अपनी आवाज बुलंद करेंगे। जिससे सरकार कान और आंख खोलें जनमत बहुमत धर्म आचार्यों का मत सब राम मंदिर निर्माण के पक्ष में है। अपनी सरकार है इसलिए थोड़ा प्रतीक्षा कर सकते हैं। लेकिन फोन करने के लिए भी तैयार हैं। हमारा एकमात्र लक्ष्य राम मंदिर का निर्माण को सचेत करने के लिए यह धर्म सभा की जा रही है।

श्री राम जन्म भूमि न्यास के सदस्य वसंत सांसद डॉ रामविलास वेदांती का कहना है इन कार्यक्रमों का मकसद भीड़ जुटाना नहीं है। बल्कि कानून बनाने के लिए प्रामाणिकता सिद्ध करना है। इस मुहिम में देश के प्रधानमंत्री मोदी की सहमति है अब कानून बनाकर मंदिर बनाने का रास्ता प्रशस्त करना होगा। सुप्रीम कोर्ट एक लाख साल में भी फैसला नहीं कर पाएगा।

वही श्री राम वल्लभा कुंज के अधिकारी राजकुमार दास का कहना है सनातन धर्मावलंबियों की भावनाओं कोर्ट में सरकार समझे यही इन कार्यक्रमों का मतलब है। अब राम मंदिर निर्माण में देरी नहीं होनी चाहिए श्री राम जन्म भूमि के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि अयोध्या का कार्यक्रम राम मंदिर निर्माण के लिए शक्ति प्रदर्शन है। उनका कहना है इस मामले का जल्द् फैसला हो।

वहीं पर विवादित स्थल के प्रकार हाजी महबूब कहते हैं कि राम मंदिर संविधान से बनेगा। तोड़ने के लिए भीड़ जुटाकर सफल हो सकते हैं। मगर बनाने के लिए नहीं उन्होंने अयोध्या छोड़ने के सवाल पर कहा भ्रम नहीं है। हिंदू भाई हमारे साथ हैं। जब हमने 92 में घर नहीं छोड़ा अब छोड़ने का कोई मतलब नहीं है। यह अयोध्या में कार्यक्रम सियासी लाभ के लिए है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के इशारे पर हो रहा है।

इस मामले के दूसरे पक्षकार इकबाल अंसारी का कहना है कि मामला कोर्ट में है। कोर्ट का फैसला मानेंगे जो लोग अध्यादेश लाने की बात कर रहे हैं। मामले में देर होगी हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी शासन की है। वह जाने और सभी चाहते इस मामले का जल्दी से जल्दी समाधान हो।

आगामी 6 दिसंबर को राम मंदिर निर्माण को को लेकर आत्मदाह की घोषणा करने वाले तपस्वी जी की छावनी के परमहंस दास ने रामघाट स्थित अपने आश्रम पर मंत्रों के साथ पिता पूजन किया। गौरतलब है, कुछ दिन पूर्व मंदिर निर्माण को लेकर अनशन पर बैठे। इन महान स्कोर पुलिस ने गिरफ्तार कर पीजीआई में भर्ती कराया था। जहां पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इनका अनशन करवाया था 6 दिसंबर को कारसेवकों द्वारा विवादित स्थल को गिरा दिया गया था।

Tags:    

Similar News