Ayodhya News: प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में 11 से 13 जनवरी तक प्रतिष्ठा द्वादशी महोत्सव, CM योगी करेंगे रामलला का अभिषेक
Ayodhya News: रामलला के विराजमान होने के एक वर्ष पूर्ण होने पर 11 से 13 जनवरी तक प्रतिष्ठा द्वादशी का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान 11 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी रामलला का अभिषेक करेंगे।;
Ayodhya News: अयोध्या में श्रीराम के मंदिर में रामलला के विराजमान होने के एक वर्ष पूर्ण होने पर 11 से 13 जनवरी तक प्रतिष्ठा द्वादशी का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान 11 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 11 बजे गर्भगृह में श्रीरामलला का अभिषेक करेंगे। इसके बाद वे अंगद टीला पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे और श्रद्धालुओं को संबोधित करेंगे। उसी दिन रामलला के एक वर्ष पूरे होने पर सोनू निगम, शंकर महादेवन, और मालिनी अवस्थी जैसे मशहूर कलाकारों द्वारा गाए गए भजनों का भी विमोचन किया जाएगा।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के प्रतीक मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के जन्मस्थान अयोध्या में नवनिर्मित मंदिर की स्थापना के एक वर्ष पूरे हो रहे हैं। यह उत्सव 11 जनवरी को पौष शुक्ल द्वादशी के दिन शुरू होगा और 13 जनवरी तक मनाया जाएगा। इस अवसर पर अयोध्या के प्रमुख चौराहों जैसे लता चौक, जन्मभूमि पथ, श्रृंगार हाट, राम की पैड़ी, सुग्रीव किला, और छोटी देवकाली पर कीर्तन भी आयोजित किए जाएंगे, जिनमें युवा कलाकार वाद्य यंत्रों के साथ नगर को मंत्रमुग्ध करेंगे।
राग सेवा कार्यक्रम होगा गर्भगृह के निकट
इस अवसर पर तीन दिवसीय श्रीराम राग-सेवा कार्यक्रम मंदिर परिसर में गर्भगृह के निकट मण्डप में आयोजित किया जाएगा। इसमें प्रभु श्रीराम की भक्ति के प्रति विनीत भाव से संगीत, नृत्य और वादन द्वारा उन्हें सेवा अर्पित की जाएगी। इस कार्यक्रम के संयोजक अयोध्या के कलाविद् यतीन्द्र मिश्र हैं, और इसे संगीत नाटक अकादमी का समर्थन प्राप्त है।
महाकुंभ में गए अयोध्यावासियों से आग्रह
चंपत राय ने कहा कि महाकुंभ में गए अयोध्यावासियों से आग्रह किया गया है कि वे कार्यक्रम के तीन दिनों में से कम से कम एक दिन अयोध्या आकर इस महोत्सव में शामिल हों।
कार्यक्रम का विवरण
पहला दिन (11 जनवरी): राग-सेवा की शुरुआत लता मंगेशकर की बहन उषा मंगेशकर और मयूरेश पई द्वारा भजन के साथ होगी। इसके बाद साहित्य नाहर सितार और संतोष नाहर द्वारा वॉयलिन की जुगलबंदी से भक्ति संगीत प्रस्तुत किया जाएगा। पहले दिन का समापन डॉ. आनन्दा शंकर जयन्त द्वारा भरतनाट्यम नृत्य से होगा।
दूसरा दिन (12 जनवरी) : महोत्सव की शुरुआत लोकगायिका शैलेश श्रीवास्तव के बधावा और सोहर गायन से होगी। इसके बाद शास्त्रीय गायिका कलापिनी कोमकली श्रीराम भजन और निर्गुण गायन प्रस्तुत करेंगी। कार्यक्रम का समापन बांसुरी वादक राकेश चौरसिया द्वारा बांसुरी वादन से होगा।
तीसरा दिन (13 जनवरी): अंतिम दिन की राग-सेवा का आरंभ शास्त्रीय गायिका आरती अंकलिकर के गायन से होगा। इसके बाद प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना शोभना नारायण की कथक प्रस्तुति होगी। समापन दक्षिण भारतीय गायकों श्रीकृष्ण मोहन और श्रीराम मोहन त्रिचूर ब्रदर्स द्वारा शास्त्रीय गायन और श्रीराम भजन के साथ होगा।