Ayodhya News: मिल्कीपुर सीट पर टिकट को लेकर बीजेपी में मारामारी, चहेतों को टिकट दिलाने के लिए फिल्डिंग

Ayodhya News: मिल्कीपुर सीट पर टिकट को लेकर सबसे ज्यादा मारामारी देखने को मिल रही है। क्योंकि इस सीट को जिताने की जिम्मेदारी सीएम योगी के हाथों में हैं।

Report :  NathBux Singh
Update:2024-09-12 08:38 IST

BJP in Ayodhya    (फोटो: सोशल मीडिया )

Ayodhya News: उत्तर प्रदेश की दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर बीजेपी को जिताने की जिम्मेदारी ली है। लेकिन इससे पहले ही पार्टी के अंदर टिकट को लेकर जबरदस्त खींचतान देखने को मिल रहा है। पार्टी के अंदर टिकटों की दावेदारी को लेकर कलह शुरू हो गई है। बड़े नेता अपने चहेतों को टिकट दिलाने के लिए फिल्डिंग में लगे हुए हैं।

इस सीट पर टिकट के दर्जनों दावेदार होने से सबसे ज्यादा मारामारी देखने को मिल रही है। क्योंकि इस सीट को जिताने की जिम्मेदारी सीएम योगी के हाथों में हैं। पार्टी ने इन सीटों पर पूरा जोर लगाया हुआ है। ऐसे में टिकट के दावेदारों ने इन सीटों पर जीत पक्की मानकर चल रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में सीएम योगी के दौरे भी इस क्षेत्र में बढ़े हैं और यहां कई योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया है।

अयोध्या के मिल्कीपुर में सीएम योगी के लगातार दौरे होने से क्षेत्र में परिस्थितियां काफी हद तक बदल गई है। सूत्रों की माने तो मिल्कीपुर में पार्टी के कुछ लोग अपने चहेतों को टिकट दिलाना चाहते हैं। मिल्कीपुर सीट पर टिकट को लेकर आपसी खींचतान शुरू हो गई है। संगठन के कई पदाधिकारी भी टिकट के जुगाड़ करने में लगे हैं। इन सीटों पर आधे दर्जन से ज्यादा दावेदार होड़ में लगे हैं। बीजेपी के अंदर मारामारी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि खुलकर नेता एक दूसरे की पोल खोल रहे है।

भाजपा में टिकट की दावेदारी 

मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए भाजपा में टिकट की दावेदारी की प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। अलग-अलग फोरम पर अब तक 24 से अधिक पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से आवेदन के साथ बायोडाटा दिया जा चुका है। पार्टी नेतृत्व प्रत्याशी चयन में जल्दबाजी के मूड में नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से उपचुनाव में इस सीट की कमान संभालने के बाद स्थानीय संगठन ने पूरा ध्यान अब यहीं पर केंद्रित कर दिया है। लोकसभा चुनाव में अयोध्या की हार के बाद पार्टी यहां पर कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। इसीलिए हर कदम फूंक-फूंक कर रखा जा रहा है। संगठन ने प्रत्याशी की घोषणा होने का इंतजार किए बगैर अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। कई पदाधिकारियों का ज्यादातर समय यहीं पर बीत रहा है।

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