Ayodhya News: चंपत राय ने की नई व्याख्या, अब अयोध्या के राजा हनुमान हैं, जो सदैव विराजमान हैं
अयोध्या के इतिहास पर संक्षिप्त चर्चा करते हुए चंपत राय ने कहा कि जब काल ने श्री राम को मानव रूप में उनकी पृथ्वी पर लीला समाप्त होने की सूचना दी और उनसे अपने धाम लौटने का अनुरोध किया, तो राम ने संपूर्ण अयोध्या का दायित्व हनुमंत लाल को सौंप दिया और स्वयं सरयू में जल समाधि ले ली।
Ayodhya News: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय ने कहा कि देश के विभिन्न राजनीतिक दलों को राम के जीवन चरित्र से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्हें राम का अनुसरण कर उनके दिखाए मार्ग पर चलने का प्रयास करना चाहिए। रविवार को चम्पत राय आईआईटी कानपुर से अयोध्या दर्शन के लिए कारसेवकपुरम आए छात्रों से अनौपचारिक भेंट कर रहे थे। उन्होंने सभी छात्रों से क्रमशः उनके रुचि के शैक्षिक विषयों की जानकारी ली। "एकोहम बहुस्यामि" की व्याख्या करते हुए चम्पत राय ने कहा कि एक ने अयोध्या दर्शन का मन बनाया, उनसे दो, दो से चार जुड़ते हुए इतने लोग साथ आ गए। ठीक इसी तरह बढ़ते हुए सम्पूर्ण प्रकृति व सृष्टि का निर्माण हुआ।
अयोध्या के इतिहास की संक्षिप्त चर्चा में चम्पत राय ने कहा कि जब काल ने श्री राम से पृथ्वी पर उनके मनुष्य रूप में की जाने वाली लीला के समय समाप्ति की जानकारी दी और अपने धाम चलने के लिए निवेदन किया तो राम ने संपूर्ण अयोध्या की जिम्मेदारी हनुमंत लाल को सौंप कर स्वयं सरयू में जल समाधि ले ली। वहां उन्होंने भौतिक शरीर को नष्ट कर दिया। सरयू में उस समाधि स्थान को आज गुप्तार घाट के रूप में जाना जाता है। इसके बाद ही से अयोध्या के राजा के रूप में हनुमान जी सदैव विराजमान रहते हैं।
प्रभु राम ने सत्ता की जिम्मेदारी अपने किसी पुत्र अथवा नजदीकी को नहीं दी, जो आज के राजनीतिक दलों के लिए सीखने का विषय है। अयोध्या में होने वाले परम्परागत एकत्रीकरण, मेलों की चर्चा करते हुए कहा कि उन तिथियों में यहाँ का भ्रमण कर पुरातनकाल की सांस्कृतिक विरासत को समझना चाहिए, कि किस तरह सुगम मार्गो के न होने पर भी कठिनाई सहकर पूर्वजों ने विभिन्न परिक्रमाएं, मेलों की परम्परा जीवित रखी। उन्होंने छात्रों को अयोध्या धाम के अन्य परम्परागत दर्शनीय स्थलों की भी जानकारी दी। उन्होंने बेहतर शिक्षा लेकर देश सेवा करने के लिए भी प्रेरित किया।