Ayodhya News: कार्तिक पूर्णिमा स्नान के चलते सोमवार तक रहेगा डायवर्जन, यहां चेक करें रूट

Ayodhya News: कार्तिक पूर्णिमा स्नान व मेला के चलते रविवार (26 नवम्बर 2023) से सोमवार (27 नवम्बर 2023) को शाम पांच बजे तक डायवर्जन रहेगा।

Report :  NathBux Singh
Update:2023-11-26 12:42 IST

अयोध्या में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के चलते सोमवार तक रहेगा डायवर्जन (न्यूजट्रैक)

Ayodhya news: कार्तिक पूर्णिमा स्नान व मेला के चलते रविवार (26 नवम्बर 2023) से सोमवार (27 नवम्बर 2023) को शाम पांच बजे तक डायवर्जन रहेगा। रामनगरी के मुख्य मार्ग एवं प्रमुख मंदिरों सहित स्नान घाट पर अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की गयी है। राजधानी लखनऊ की ओर से गोरखपुर-बस्ती की ओर जाने वाले वाहनों को बाराबंकी से जरवल रोड, गोण्डा से मनकापुर से बभनान से हरैया से बस्ती से गोरखपुर की ओर डायवर्जन किया जाएगा। गोण्डा-बलरामपुर की ओर से अयोध्या होकर लखनऊ-बाराबंकी की ओर जाने वाले वाहनों को नवाबगंज पर रोककर गोण्डा से रामनगर होते हुए बाराबंकी, लखनऊ की ओर डायर्वजन किया जाएगा।

प्रयागराज-सुल्तानपुर की ओर से अयोध्या होकर बस्ती-गोरखपुर को जाने वाले वाहनों को (कटका) सुल्तानपुर से अम्बेडकरनगर होते हुए कलवारी बस्ती से गोरखपुर की ओर डायवर्ट किया जाएगा। इसी तरह अम्बेडकनगर की ओर से अयोध्या होकर बस्ती-गोरखपुर जाने वाले वाहनों को अम्बेडकरनगर से टाण्डा कलवारी पुल होते हुए बस्ती की तरफ से भेजा जाएगा। रायबरेली, अमेठी की ओर से जनपद अयोध्या होकर बस्ती-गोरखपुर की ओर आने वाले वाहनों को जगदीशपुर अयोध्या मार्ग से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे वाया अम्बेडकरनगर होते हुए बस्ती, गोरखपुर की ओर डायर्वजन किया जाएगा। आजमगढ़ से अम्बेडकरनगर से अयोध्या होकर लखनऊ की ओर-जो वाहन लखनऊ जाने है, उनको अम्बेडकरनगर से दोस्तपुर (सुल्तानपुर) मार्ग से पूर्वांचल एक्प्रेस-वे पर डायजर्वन किया जाएगा। गोरखपुर, बस्ती से आने वाले वाहनों को बस्ती से कलवारी, टाण्डा,(अम्बेडकरनगर) होते हुए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से लखनऊ की तरफ डायवर्ट किया जाएगा।

कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त

26 नवंबर 2023 को 14ः25 से पूर्णिमा आरम्भ व 27 नवंबर को 13ः17 पर पूर्णिमा समाप्त होगी। उदया तिथि के हिसाब से इस बार कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी। इस दिन गंगा स्नान भी रहेगा अतः इस दिन प्रातःकाल पवित्र नदी व सरोवर में स्नान करने की परंपरा है। इसी दिन “देव दीपावली“ भी मनाई जाती है मान्यताओं के अनुसार देवता इस दिन स्वर्ग से उतरकर जमीन पर विचरण करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान, ध्यान जप, हवन, दान का विशेष महत्व है।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन नदी सरोवर के तटों पर जाकर स्नान करने की परंपरा है। यदि नदी स्नान किसी कारणवश संभव न हो तो घर पर अपने नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर व पवित्र नदियों का स्मरण करते हुए स्नान किया जा सकता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन सूर्य अर्घ्य का भी विशेष महत्व है इस दिन स्नान के उपरांत सूर्य भगवान को अर्ध्य दिया जाता है। इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु की उपासना की जाती है, विष्णु भगवान के मंत्र जाप- विष्णु सहस्त्रनाम व सत्नारायण भगवान की कथा इत्यादि करने का भी विधान है।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान का विशेष महत्व

इस दिन सात्विक व आचारित किसी ईश्वर आराधक (ब्राह्मण) को भोजन करवाने का दान- दक्षिणा देने का विधान है। कार्तिक पूर्णिमा की संध्या- प्रदोष काल में दीपदान किया जाता है, इस दिन “देव दीपावली“ मनाई जाती हैं। घर में व तुलसी, पीपल, आंवला जैसे पवित्र वृक्षों के नीचे, नदी व सरोवरों के पास और मंदिरों में दीपक जलाएं जाते हैं।

Tags:    

Similar News