प्राण प्रतिष्ठा से झूम उठा भारतवर्ष, किसी के निकले आंसू, तो कोई नाचा, कोई बोला-सियावर राम चंद्र की जय

Ramlala Pran Pratistha: अवध नगरी के राममंदिर में जैसे रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पूरा होने का शंख बजा, वैसे भारतवर्ष में लोगों को वह अनुभूति हुई, जब प्रभु श्रीराम लंका विजय कर त्रेतायुग में अयोध्या पहुंच थे। पूरा वातारण में राममय से सारोबार हो गया था। चारों दिशाओं से जय जय श्रीराम के नारे सुनाई दे रहे थे।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-01-22 09:47 GMT

Ramlala Pran Pratistha (सोशल मीडिया) 

Ramlala Pran Pratistha: पौष शुल्क द्वादशी, युगाब्ध 5121, 22 जनवरी, 2024 दिन सोमवार को समय दोपहर 12.55 बजे, इतिहास के पन्नों में तब दर्ज हो गया, जब मृगशिरा नक्षत्र के अभि‍जीत मुहूर्त में रामलला अपने घर विराजमान हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलों से श्रीराम मंदिर में प्रभु राघव के बाल्यकाल प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान सोमवार को सपन्न हुआ, जिसकी प्रतीक्षा समस्त ब्रह्मांड की सजीव चीजें कर रही थीं। प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान के दौरान पीएम मोदी के साथ यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भगवत मौजूद रहे। प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान आचार्य लक्ष्‍मीकांत दीक्षित ने कराएंगे और इस दौरान 5 लोग मौजूद रहे।

आज भारतवर्ष ने की त्रेतायुग अनुभूति

अवध नगरी के राममंदिर में जैसे रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पूरा होने का शंख बजा, वैसे भारतवर्ष में लोगों को वह अनुभूति हुई, जब प्रभु श्रीराम लंका विजय कर त्रेतायुग में अयोध्या पहुंच थे। पूरा वातारण में राममय से सारोबार हो गया था। चारों दिशाओं से जय जय श्रीराम के नारे सुनाई दे रहे थे। राम पर आस्था रखने वाले की हर किसी निगाहें नेशनल टीवी दुरदर्शन चैनल पर टिकीं हुई थीं। जैसे ही सुनाई और दिखाई दिया कि रामलला अपने घर वापस गए हैं, कुछ लोगों की आंख से आंसुओं की धारा बह चलती थीं तो कोई ऐसे खुशी के झूम उठा मानो उसके घर में ही साक्षात रामलला आ गए हों। पूरा भारतवर्ष जश्न में डूबा गया। देश के शहरों के चाक चौराहों और गलियां में राम नाम की धुन सुनाई दे रही थी और लोगों ने पटाखे भी फोड़े। देश का हर व्यक्ति बोल रहा था सियावर राममंदिर की जय।

उमा व साध्वी हुईं भावुक

प्राण प्रतिष्ठा का जश्न मंदिर परिसर तो देखने के लायक था। समारोह शुरू होते ही ढोल नगाड़ों से निकलती राम की करतल ध्वनि से परिसर पर बैठी हर हस्तियां धूमने पर मजबूर थीं। यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य अपनी सीट पर खड़ होकर राम राम जप कर नाचते हुए दिखाई दिए। हर लोग प्रुभ के आगमन पर घंटी बजाते हुए दिखाई दिए। कइयों के आंखों के आंसू तक छलकर पड़, जब सुना रामलला कड़े संघर्ष के बाद विराजमान हो गए। परिसर पर बैठीं राम मंदिर आंदोलन (Ram Mandir Movement) धार देने वाले प्रमुख नेता उमा भारती और साध्वी ऋतंभरा के नयन छल पड़े। दोनों लोगों ने एक दूसरे को गले लागकर जश्न मनाया और आंसू पोंछे।

रामलला के विराजमान पर नम हुईं लोगों की आंखें

आज ऐसा कोई शख्स नहीं हो जिसके रामलला विराजमान के दौरान आंसू न छलक गए हों। फिर चाहे वह आम व्यक्ति हो या फिर कोई खास, हर व्यक्ति कुछ समय के लिए भावभीनी हो गया था। बॉलीवुड सिंगर गायिका अनुराधा पौडवाल भी प्राण प्रतिष्ठा के दौरान भावुक हो गए थीं। उन्होनें कहा कि "मेरे पास शब्द नहीं हैं। जब ईश्वर फैसला कर लेता है तो उसे आने से कोई नहीं रोक सकता। हर कोई अपने अपने शब्दों में रामलला के विराजमान की बखान करता हुआ दिखाई दिया।

खास वस्त्र में देखे पीएम मोदी

प्राण प्रतिष्ठा के भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खास दिखाई दिये। वह जटिल नक्काशी वाले सफेद संगमरमर के मंदिर के प्रांगण में क्रीम रंग का पारंपरिक कुर्ता-पायजामा, मैचिंग जैकेट और स्टोल धारण करते हुए थे। पीएम मोदी गर्भगृह तक पहुंचने के लिए सीढ़ियों की एक श्रृंखला पर चढ़े। उसके बाद पुजारियों के मंत्रोच्चार और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने रामलला की पूजा-अर्चना की। 51 इंच ऊंची मूर्ति का अनावरण किया।

पीएम मोदी ने बयां किए शब्द

पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा, "अयोध्या धाम में श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का दिव्य क्षण हर किसी के लिए भावनात्मक क्षण है। इस अनूठे कार्यक्रम का हिस्सा बनना मेरा सौभाग्य है। जय सियाराम।"

हेलिकॉप्टरों से पुष्प वर्षा

प्राण प्रतिष्ठा के दौरान राममंदिर परिसर पर भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के हेलिकॉप्टरों ने फूलों की वर्षा की। आमंत्रित लोगों द्वारा परिसर की हवा 'जय श्री राम' के नारों से गूंज उठी। भव्य मंदिर में समारोह के लिए 8,000 से अधिक मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। इस ऐतिहासिक समारोह में देश के सभी प्रमुख आध्यात्मिक और धार्मिक संप्रदायों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। समारोह में विभिन्न आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधियों सहित सभी क्षेत्रों के लोग भी शामिल हो रहे हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री इस विशिष्ट सभा को संबोधित किया।

जानें राम मंदिर की खासियात 

भव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है। इसकी लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट है; चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है; और यह कुल 392 स्तंभों और 44 दरवाजों द्वारा समर्थित है। मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर हिंदू देवी-देवताओं और देवियों के जटिल चित्रण प्रदर्शित हैं। भूतल पर मुख्य गर्भगृह में भगवान श्री राम के बचपन के स्वरूप (श्री रामलला की मूर्ति) को रखा गया है। मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्वी दिशा में स्थित है, जहाँ सिंह द्वार के माध्यम से 32 सीढ़ियाँ चढ़कर पहुंचा जा सकता है।

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