Ayodhya Ram Mandir : इस शख्स ने दिया राम मंदिर को सबसे ज्यादा दान, खुद को 'फकीर' कहने वाला निकला दिल से अमीर
Ayodhya Ram Mandir : राम मंदिर के लिए दान करने वालों में एक राम भक्त ऐसा भी, जो खुद को फकीर कहता है, मगर दिल से काफी अमीर है। 11.3 करोड़ रुपयों का किया दान
Ayodhya Ram Mandir : राम मंदिर निर्माण के लिए देश ही नहीं दुनिया के सनातनियों ने मुक्त हस्त दान किया। हर शख़्स की ख्वाहिश बढ़ चढ़ कर दान देने की दिखी। दान देने वालों की लाइन में हैं या फिर यह कहें कि सिलसिला अभी भी टूट नहीं रहा है। ऐसे में हर किसी के मन में यह जिज्ञासा जरूर होती होगी कि वह जानें कि सबसे अधिक दान किसने दिया है। आप को यह जानकर हैरत होगा कि सबसे ज़्यादा दान देने वालों में एक नामी कथावाचक का नाम है।राम मंदिर को अब तक 5500 करोड़ रुपये से अधिक का दान मिल चुका है। राम मंदिर के लिए दान करने वालों में एक राम भक्त ऐसा भी है, जो खुद को फकीर कहता है, मगर दिल से काफी अमीर है। हम बात कर रहे हैं आध्यात्मिक गुरु और कथावाचक मोरारी बापू की। मोरारी बापू ने राम मंदिर के लिए देशभर में सबसे अधिक दान दिया है।
कौन है मोरारी बापू?
मोरारी बापू देश के चर्चित रामकथा वाचकों में से एक हैं। वे भारत समेत दुनियाभर के अलग-अलग देशों में रामकथा का आयोजन कराते हैं। मोरारी बापू के कथा सुनाने का अंदाज इतना अनोखा है कि उनकी कथा सुनने हजारों भक्तों व श्रोताओं की भारी भीड़ उमड़ती है। कथा के दौरान वे गद्य, पद्य, सुविचार, कविता और शायरी भी कहते हैं।
अब तक इतना मिल चुका है दान
वैसे तो देश में एक से बढ़कर एक अमीर व्यक्ति हैं, मगर राम मंदिर के लिए दान देने वालों की सूची में मोरारी बापू टॉप पर हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की वेबसाइट द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, अयोध्या में बन रहें भगवान राम के भव्य मंदिर के लिए अब तक सबसे अधिक दान आध्यात्मिक गुरु और कथावाचक मोरारी बापू ने दिया है। मोरारी बापू ने राम मंदिर के लिए 11.3 करोड़ रुपये का दान दिया है। इतना ही नहीं, अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन में बैठे उनके रामभक्त अनुयायियों ने भी राम मंदिर के लिए अलग से 8 करोड़ रुपये का दान दिया है।
मोरारी बापू का गुजरात से क्या है कनेक्शन?
मोरारी बापू का जन्म 1946 में गुजरात के भावनगर में हुआ था। आज भी वह अपने परिवार के साथ वहीं रहते हैं। कहते है कि मोरारी बापू ने मात्र बारह साल की उम्र में संपूर्ण राम चरित मानस को याद कर लिया था और 14 साल की उम्र में राम कथा का पाठ करना शुरू कर दिया था। मोरारी बापू वैष्णव बावा साधु निम्बार्क वंश से हैं। मोरारी बापू की ख्याति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ब्रिटेन के भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी उनकी कथा सुन चुके हैं।