Ram mandir: राम मंदिर में सोने का लग गया है पहला दरवाज़ा, जानिए कितने किलो लगा सोना

Ram mandir: भगवान राम के भव्य मंदिर में सोने का दरवज़ा लगाया गया है जिसकी कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है। आने वाले तीन दिनों में ऐस ही तीन और दरवाज़े लगेंगे।

Written By :  Aakanksha Dixit
Update:2024-01-10 11:20 IST

ram mandir temple golden gate source : social media 

Ram Mandir Temple : रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां अयोध्या में तेजी से हो रही हैं। आने वाली 22 जनवरी का उत्साह तो लोगों में देखते ही बन रहा है। मंदिर निर्माण का कार्य भी तेजी से किया जा रहा हैं। इसी क्रम में प्रभु श्री रामजी के मंदिर में सोने का पहला दरवाजा लगाया गया। आने वाले दिनों में 13 और सोने के दरवाजे लगाए जायेंगे।

क्या है इन दरवाज़ों की खासियत

हाल ही में राम मंदिर में लगे पहले दरवाज़े की एक तस्वीर सामने आयी है। राम मंदिर में लगे इस पहले दरवाज़े पर हजार किलो के सोने की परत चढ़ाई की गयी है। अगर आप दरवाज़े को ग़ौर से देखे तो दरवाजे के बीच के पल्लों में दो हाथियों की तस्वीर बनी है, जो कि अपनी सूंड में विष्णु कमल लिए हुए है, जो स्वागत की मुद्रा में खड़े हैं। इसके ऊपरी हिस्से में एक महलनुमा आकृति बनी है जिसमें दो सेवक हाथ जोड़े खड़े हैं। दरवाजे के निचले हिस्से पर सुंदर कलाकृतियां बनी हैं जोकि मन को मोह रही हैं। यह दरवाजा करीब 12 फीट ऊंचा और 8 फीट चौड़ा है। आने वाले तीन दिन में 13 और दरवाजे लगाए जाएंगे। राम मंदिर में कुल 46 दरवाजे लगेंगे, इनमें से 42 पर 100 किलोग्राम सोने की परत चढ़ाई जाएगी।

उद्धघाटन में VIP भी होंगे शामिल

यह तो हम सभी को पता है कि राम जी के इस भव्य मंदिर का उद्धघाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया जायेगा। यही नहीं देश भर से कई महान आचार्यों और महंतों को भी आमंत्रित किया है जो कि प्रभु श्री राम जी की प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान को संपन्न कराएंगे। परन्तु इसके आलावा भी समारोह में 7,000 से अधिक VIP लोगों को भी आमंत्रित किया गया है। 

सबसे बड़ी जिम्मेदारी मंदिर को सरंक्षित रखना

अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य स्वामी विश्वप्रसन्ना तीर्थ ने कहा कि "मंदिर के निर्माण से भी बड़ा काम उसे संरक्षित करना है। सदियों से हमने जो सपना देखा था, वह पूरा हो गया है। लेकिन यह नहीं मान लेना चाहिए कि हमारी जिम्मेदारियां खत्म हो गईं है। हमारी सोच यह होनी चाहिए कि कितने वर्षों तक मंदिर उसी रूप में बना रहे और कोई उसे फिर नुकसान न पहुंचा सके।

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