Ayodhya News: रथ पर सवार हो अयोध्या भ्रमण करेंगे रामललाः प्राण-प्रतिष्ठा से पहले जल, फल-अन्न में एक-एक दिन करेंगे वास, 22 जनवरी को मंदिर में विराजेंगे
Ayodhya News: 9 दिनों तक चलने वाले इस समारोह के लिए श्रीराम यंत्र की स्थापना की जाएगी। कार्यक्रम के समापन के बाद इसे सरयू नदी में विसर्जित कर दिया जाएगा। समारोह में हवन के लिए 9 कुंड बनाए जाएंगे। यह पूरा कार्यक्रम काशी के विद्वानों की देखरेख में होगा।
Ayodhya News: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य जोरों पर है। रविवार को मन्दिर निर्माण को देखने पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती के साथ अन्य साधु-संत अयोध्या पहुंचे। 22 जनवरी को रामलला राम मंदिर में विराजेंगे। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह 16 जनवरी से 24 जनवरी तक चलेगा। प्राण-प्रतिष्ठा से पहले सरयू पूजन कर उसके जल से रामलला का अभिषेक किया जाएगा। फिर रामलला रथ पर सवार होंगे और उन्हें अयोध्या का भ्रमण कराया जाएगा। इसके बाद रामलला की मूर्ति को जल, फल और अन्न में एक-एक दिन रखा जाएगा।
श्रीराम यंत्र की होगी स्थापना-
9 दिनों तक चलते वाले इस समारोह के लिए श्रीराम यंत्र की स्थापना की जाएगी। कार्यक्रम के समापन के बाद इसे सरयू नदी में विसर्जित कर दिया जाएगा। समारोह में हवन के लिए 9 कुंड बनाए जाएंगे। यह पूरा कार्यक्रम काशी के विद्वानों की देखरेख में होगा। हालांकि, इस पूरे कार्यक्रम के लिए यजमान (पूजा कराने वाला) कौन होगा? यह अभी तक तय नहीं किया गया है। इधर, राम मंदिर ट्रस्ट ने बताया कि राम मंदिर का भूतल बनकर तैयार हो गया है।
देशभर के 7 हजार रामभक्त आएंगे-
ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चैपाल ने बताया, ‘‘समारोह में विश्व के अनेक देशों के 50 विशेष राम भक्तों को आमंत्रित किया जा रहा है। इसके अलावा संतों और देशभर के राम भक्तों सहित 7 हजार लोगों को भी आमंत्रित किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, समारोह का मुख्य पर्व 22 जनवरी 2024 को होगा। जिसमें शामिल होने के लिए पीएम मोदी को आमंत्रण पत्र भेजा जा चुका है। माना जा रहा है कि पीएम इस दिन समारोह में शामिल होंगे।
देशभर के 4 लाख मंदिरों में मनाया जाएगा प्राण-प्रतिष्ठा समारोह-
रामलाल का प्राण प्रतिष्ठा समारोह देशभर के 4 लाख गांवों के मंदिरों में भी मनाया जाएगा। इन मंदिरों में रामनाम संकीर्तन और किसी एक मंत्र का जप के साथ मुख्य पर्व पर आरती और प्रसाद वितरण होगा। इसके साथ ही समारोह का लाइव टेलीकास्ट भी होगा। इससे करोड़ों भक्त इस ऐतिहासिक पल को सीधे देख सकें।
पुजारी को भी देंगे ट्रेनिंग, अन्य मंदिरों में तैनात होंगे पुजारी-
रामलला के पुजारी वही होंगे, जिनका जन्म अयोध्या में हुआ है। पुजारी को जरूरत पड़ने पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। अभी तक पहले से चली आ रही परंपरा के अनुसार रामलला की पूजा होती थी। अब भव्य राम मंदिर के निर्माण और राम मंदिर ट्रस्ट के गठन के बाद यह सब नए सिरे से तय किया जा रहा है।
अभी तक एक मुख्य पुजारी और चार सहायक होते हैं-
रामलला के पूजन के लिए अभी तक एक मुख्य पुजारी और 4 सहायक पुजारी होते हैं। अब इनकी संख्या में भी बदलाव किया जा सकता है। इसके साथ ही रामजन्मभूमि परिसर में बनने वाले अन्य मंदिरों के लिए भी पुजारियों की नियुक्ति की जानी है।
रामलला की 3 मूर्ति का हो रहा निर्माण-
राम मंदिर ट्रस्ट के मुताबिक, रामलला की 5 साल के बालक की 3 मूर्ति को राजस्थान के श्वेत संगमरमर और कर्नाटक के ग्रेनाइट के पत्थरों से बनाया जा रहा है। यह अक्टूबर तक तैयार हो जाएगा। इसके बाद इनमें से किसी एक मूर्ति का चयन संत और राम मंदिर ट्रस्ट मिलकर तय करेगा। इसमें जो रामलला की मूर्ति तय होगी, उसकी ही प्राण-प्रतिष्ठा होगी।
राम मंदिर का निर्माण देखने पहुंचे साधु संत
रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा से पहले रविवार को राम मंदिर को देखने पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती समेत अन्य साधु संत अयोध्या पहुंचे। इस दौरान करीब 300 से ज्यादा साधु संत मौजूद रहे। मंदिर निर्माण देखने के बाद साधु-संत जनवरी 2024 में प्राण-प्रतिष्ठा की तैयारियों को लेकर मंथन करेंगे।