Ram Mandir: पूर्व IAS ने जीवन भर की इतनी कमाई राम मंदिर के नाम की, जानें उनके बारे में

Ram Mandir: चेन्नई के रहने वाले एस. लक्ष्मीनारायण मध्यप्रदेश कैडर में वर्ष 1970 बैच के आइएएस अधिकारी हैं। अभी दिल्ली में रहते हैं। पत्नी सरस्वती गृहिणी और बेटी प्रियदर्शिनी अमेरिका में रह रही हैं।

Report :  Jugul Kishor
Update: 2024-01-14 09:39 GMT

सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी एस. लक्ष्मीनारायण (सोशल मीडिया)

Ram Mandir: रामनगरी अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है, इस मौकै पर प्रत्येक रामभक्त इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनना चाह रहा है। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश कैडर के 1970 बैच के  सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी एस. लक्ष्मीनारायण ने अपनी पूरी जीवन भर की कमाई 5 करोड़ रुपये राम मंदिर के नाम पर सौंप दी है। बीते दिनों पूर्व आईएएस अधिकारी लक्ष्मीनाराण अपनी पत्नी के साथ अयोध्या पहुंचे थे, उस दौरान उन्होने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय से इस बात की अनुमति भी ली। 

जानकारी के मुताबिक पूर्व आईएएस अधिकारी एस. लक्ष्मीनारायण रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्ति के सामने पांच करोड़ से तैयार 151 किलो की रामचरितमानस स्थापित करवाएंगे। 10,902 पदों वाले इस महाकाव्य का प्रत्येक पन्ना तांबे का होगा। पन्ने को 24 कैरेट सोने में डुबोया जाएगा। फिर स्वर्ण जड़ित अक्षर लिखे जाएंगे। इसमें 140 किलो तांबा और पांच से सात किलो सोना लगेगा। सजावट के लिए अन्य धातुओं का इस्तेमाल होगा।

कौन हैं पूर्व आईएएस अधिकारी लक्ष्मीनारायण?

चेन्नई के रहने वाले लक्ष्मीनारायण मध्यप्रदेश कैडर में वर्ष 1970 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। अभी दिल्ली में रहते हैं। पत्नी सरस्वती गृहिणी और बेटी प्रियदर्शिनी अमेरिका में रह रही हैं। वे मध्य प्रदेश में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। वहीं, जानकारों का कहना है कि वह पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के करीबी अफसरों में शामिल रहे। इसके बाद कई निजी कंपनियों से जुडे़ रहे। उन्हें भारत गौरव अवार्ड भी मिल चुका है।

पूर्व आईएएस ने बताया कि कैसे लक्ष्मीनाराणय पड़ा नाम

सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ने यह भी बताया है कि उनका नाम लक्ष्मीनारायण कैसे पड़ा। उन्होने बताया कि उनकी मां ने दिल्ली के बिरला मंदिर यानी लक्ष्मी नारायण मंदिर में प्रार्थना की थी कि बेटा हुआ तो नाम लक्ष्मीनारायण रखेंगी। उनकी मन्नत पूरी हुई, मां ने नाम लक्ष्मीनारायण रखा। अब वे इसी नाम को सार्थक कर रहे हैं।

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