Shankaracharya Avimukteshwarananda: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के बदले सुर, पीएम की तारीफ में पढ़े कसीदे, बोले-हम मोदी के प्रशंसक हैं...

Shankaracharya Avimukteshwarananda: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के सुर आज बदले से नजर आए। उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि सच्चाई यह है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से हिंदुओं का स्वाभिमान जाग गया है। यह छोटी बात नहीं है। हमने कई बार सार्वजनिक रूप से कहा है, हम मोदी विरोधी नहीं बल्कि मोदी के प्रशंसक हैं। हम उनकी प्रशंसा करते हैं क्योंकि स्वतंत्र भारत में ऐसा कौन सा प्रधानमंत्री है जो इतना बहादुर है।

Update: 2024-01-21 17:18 GMT

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के बदले सुर, पीएम की तारीफ में पढ़े कसीदे, बोले-हम मोदी के प्रशंसक हैं: Photo- Social Media

Shankaracharya Avimukteshwarananda: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम मोदी विरोधी नहीं हैं। मैंने कई बार कहा है कि उनके पीएम बनने से भारत के हिंदुओं का स्वाभिमान जाग गया है। हम किसी की आलोचना नहीं कर रहे हैं। हम उनकी प्रशंसा करते हैं।

बता दें कि, 22 जनवरी 2024 यानी सोमवार को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। इससे ठीक एक दिन पहले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का बयान सामने आया है। उन्होंने पहले कई बार श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन को लेकर सवाल उठाए थे, हालांकि रविवार को उन्होंने इससे उलट बयान दिया और पीएम मोदी की तारीफ की।

क्या बोले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने रविवार को दिए अपने बयान में कहा कि, ‘सच्चाई यह है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से हिंदुओं का स्वाभिमान जाग गया है। यह छोटी बात नहीं है। हमने कई बार सार्वजनिक रूप से कहा है, हम मोदी विरोधी नहीं हैं, बल्कि मोदी के प्रशंसक हैं। हम उनकी प्रशंसा करते हैं क्योंकि स्वतंत्र भारत में ऐसा कौन सा प्रधानमंत्री है जो इतना बहादुर है, जो हिंदुओं के लिए दृढ़ता से खड़ा है? हम किसी की आलोचना नहीं कर रहे हैं लेकिन वह पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो हिंदू भावनाओं का समर्थन करते हैं।

प्राण प्रतिष्ठा पर दिया था बड़ा बयान

बता दें कि कुछ दिन पहले ही शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने राम मंदिर पर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि आधे-अधूरे मंदिर में भगवान को स्थापित किया जाना न्यायोचित और धर्म सम्मत नहीं है। कहा था कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधी नहीं बल्कि हितैषी हैं। इसलिए सलाह दे रहे हैं कि शास्त्र सम्मत कार्य करें। उन्होंने कहा कि पूर्व में तत्कालीन परिस्थितियों को देखते हुए बिना मुहूर्त के राम की मूर्ति को सन 1992 में स्थापित किया गया था, लेकिन वर्तमान समय में स्थितियां अनुकूल हैं। ऐसे में उचित मुहूर्त और समय का इंतजार किया जाना चाहिए।

चंपत राय के बयान पर जताई थी नाराजगी

इसके साथ ही उन्होंने राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सहित सभी पदाधिकारियों के इस्तीफे की भी मांग की थी। वो चंपत राय के उस बयान से नाराज हैं जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘राम मंदिर रामानंद संप्रदाय से जुड़े लोगों का है, शैव और शाक्त का नहीं। अवमुक्तेश्वरानंद कहते हैं कि शंकराचार्य और रामानन्द सम्प्रदाय के धर्मशास्त्र अलग-अलग नहीं होते। उन्होंने कहा कि अगर राम मंदिर रामानंद संप्रदाय का है तो उसे सौंप देना चाहिए। चारों पीठों के शंकराचायों को कोई राग द्वेष नहीं है, लेकिन शास्त्र सम्मत विधि का पालन किये बिना मूर्ति स्थापित किया जाना सनातनी जनता के लिये उचित नहीं है। शंकराचार्य ने कहा कि निर्मोही अखाड़े को पूजा का अधिकार दिए जाने के साथ ही रामानंद संप्रदाय को मंदिर व्यवस्था की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।

शंकराचार्य के इस बयान की जमकर अलोचना भी हुई थी। लेकिन आज शंकराचार्य के सुर बदले-बदले नजर जाए।

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