Pran Pratishtha: ‘एक अवसर भी था कार्यक्रम, अनुभवों का करेंगे’...प्राण प्रतिष्ठा के सफल समापन पर बोले यूपी के डीजी लॉ एंड

Ram temple Pran Pratishtha: राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम हमारे लिए एक अवसर भी था। इससे हम लोगों ने कई अनुभव प्राप्त किये हैं। इस कार्यक्रम से प्राप्त अनुभवों का उपयोग हम आने वाले कुम्भ में करेंगे।

Report :  Viren Singh
Update:2024-01-22 17:58 IST

Ram temple Pran Pratishtha (सोशल मीडिया) 

Ram Temple Pran Pratishtha: अयोध्या में आयोजित श्रीराम मंदिर जन्मभूमि पर रामलला के प्राण प्रतिष्ठा भव्य कार्यक्रम सोमवार को सफलतापूर्व संपन्न हो गया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित के देश कई प्रमुख हस्तियां शामिल हुई थीं। इस भव्य कार्यक्रम को लेकर यूपी प्रशासन की ओर से कड़ी मेहनत की गई थी, जो सफल हुई। सुरक्षा दृष्टि के मद्देनजर यूपी प्रशासन की तैयारियों को लेकर अब तक के सबसे बड़े कार्यक्रमों में से एक बताया जा रहा है, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में अगल-अगल क्षेत्र के प्रमुख हस्तियां शामिल हुईं। कार्यक्रम की सुरक्षा को लेकर यूपी प्रशासन ने अयोध्या को अभेद्य किले में तब्दील कर दिया गया था। करीब 10 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। अब प्राण प्रतिष्ठा का समारोह सकुशल सपन्न हो गया है। इसकी सफलता पर यूपी प्रशासन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

सफलता बोले डीजी लॉ एंड ऑर्डर, कुम्भ में प्रयोग होगा अनुभव

कार्यक्रम खत्म होने के बाद मीडिया से बात करते हुए यूपी के स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि हमने पहले की कह रखा था कि प्राण प्रतिष्ठा को लेकर काफी चाक चौबंद किये गए हैं। प्रभु की कृपा से सभी चीजें व्यवस्थी तरीके से समाप्त हुई हैं। अब धीरे धीरे लोग रामलला के दर्शन कर अपने घरों की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम हमारे लिए एक अवसर भी था। इससे हम लोगों ने कई अनुभव प्राप्त किये हैं। इस कार्यक्रम से प्राप्त अनुभवों का उपयोग हम आने वाले कुम्भ में करेंगे।

जानिए क्या थे सुरक्षा के इंतजाम

कार्यक्रम की सुरक्षा की बात करें यूपी प्रशासन ने इसको सफल योजना बनाने के लिए करोड़ों खर्च किए। अयोध्या की सीमाएं प्राण प्रतिष्ठा के दो दिन पहले ही सील कर दी गई थीं। अयोध्या की ओर आने वाले मार्गों पर डायवर्जन लागू कर दिया था। पूरे शहर को अभेद्य दुर्ग में बदल दिया गया था। इसके अलावा पूरे प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था का व्यापार इंतजाम किये गए थे। कोई पंरदा भी पर नहीं मार पाया।

पहली बार एआई प्रणालियों से हुई निगरानी

इसके अलावा पहली बार शहर में संदिग्ध गतिविधियों की पहचान करने और उपद्रवियों को ट्रैक करने के लिए एआई निगरानी प्रणालियों का उपयोग किया गया। 10 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे से अयोध्या पर नजर रखी जा रही थी, जिसमें कुछ सीसीटीवी एआई बेस्ट टेक्नोलॉजी से लैस थे। इस कैमरों से शहर भर के हॉटस्पॉट इलाके जैसे कनक भवन, हनुमान गढ़ी, श्री नागेश्वर नाथ मंदिर, राम की पैड़ी और राम जन्मभूमि परिसर की निगरानी रखी गई।

मंदिर परिसर की थी इनकी जिम्मेदारी

इसके अलावा सुरक्षा के लिए एंटी माइन ड्रोन का उपयोग किया गया। शहर के बड़े बड़े चौराहों पर कंटीले तारों का उपयोग किया गया था। वहीं, अयोध्या को त्री-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था से लैस किया गया था। प्रदेश सरकार द्वारा मंदिरों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के लिए गठित स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स, सीआरपीएफ और यूपी पुलिस 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर की सुरक्षा में तैनात रहे, जबकि एनएसजी द्वारा ट्रेंड एसएसएफ के लगभग 100 कमांडो मंदिर परिसर और उसके आसपास की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी।

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