Ram Mandir: एक फरवरी को अयोध्या में होगा योगी कैबिनेट का जमावड़ा, संघ और बीजेपी ने भी बना रखा है मेगा प्लान

Ram Mandir: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि एक फरवरी को उनकी पूरी कैबिनेट अयोध्या आएगी।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2024-01-20 05:12 GMT

Yogi cabinet in Ayodhya  (photo: social media )

Ram Mandir: प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या पूरी तरह से सज धज कर तैयार है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में महज दो दिन का कार्यक्रम शेष रह गया है। 22 जनवरी को मंदिर के गर्भगृह में विराजमान रामलला की विधिवत अनुष्ठान के साथ प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस समारोह की तैयारियों का जायजा लेने शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामनगरी पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि एक फरवरी को उनकी पूरी कैबिनेट अयोध्या आएगी।

सीएम योगी ने कहा कि श्रीरामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के भव्य समारोह के बाद आगामी एक फरवरी को प्रदेश सरकार के सभी मंत्री एक साथ श्रीरामलला का दर्शन – पूजन करने का पुण्य लाभ प्राप्त करेंगे। इससे पहले अमेठी की गौरीगंज सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक राकेश प्रताप सिंह ने विधानसभा स्पीकर सतीश महाना को खत लिखकर 22 जनवरी को सभी विधायकों को अयोध्या ले चलने का आग्रह किया था।

संघ और बीजेपी के कार्यकर्ता भी करेंगे दर्शन

22 जनवरी के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और केंद्र एवं राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी भी अपने कार्यकर्ताओं को रामलला के दर्शन कराने का अभियान शुरू करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आगामी 26 जनवरी से लेकर 22 फरवरी तक करीब एक लाख संघ के कार्यकर्ता रामलला के दर्शन करने अयोध्या पहुंचेंगे।

वहीं, भारतीय जनता पार्टी 25 जनवरी से लेकर 25 मार्च तक देशभर के अपने कार्यकर्ताओं को अयोध्या में प्रभु रामलला के दर्शन कराएगी। इसके लिए एक विस्तृत योजना तैयार की गई है। हर लोकसभा क्षेत्र से तकरीबन 10 हजार लोगों को अयोध्या लाकर दर्शन कराने का लक्ष्य रखा गया है। बीजेपी के सांसद, विधायक और नेताओं को ये टास्क सौंपा गया है। बता दें कि बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में अपने घोषणापत्र में वादा कर रखा है कि राज्य की गरीब जनता को सरकारी खर्चे पर अयोध्या ले जाकर रामलला के दर्शन कराएगी।

बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा भारतीय जनता पार्टी के कोर एजेंडे में शामिल रहा है। राम मंदिर आंदोलन ने ही पार्टी को देश में कांग्रेस के खिलाफ एक मजबूत विकल्प के तौर पर स्थापित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं इस आंदोलन से बेहद करीब से जुड़े रहे हैं। देशभर से कार्यकर्ताओं और आम लोगों को अयोध्या लाने की तैयारी बताती है कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी इस मुद्दे को भूनाने की पूरी तैयारी में है।

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