आज़म खान को हाईकोर्ट से मिली राहत, दर्ज मुकदमों में गिरफ्तारी पर रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मौलाना जौहर अली विश्वविद्यालय रामपुर के कुलाधिपति मोहम्मद आजम खान को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने अजीमनगर थाने में 27 किसानों द्वारा दर्ज ऍफ़ आई आर के तहत गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मौलाना जौहर अली विश्वविद्यालय रामपुर के कुलाधिपति मोहम्मद आजम खान को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने अजीमनगर थाने में 27 किसानों द्वारा दर्ज एफआईआर के तहत गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है साथ ही जयाप्रदा व किसानों को नोटिस जारी की है। कोर्ट ने राज्य सरकार व जयाप्रदा सहित अन्य विपक्षियों से याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 24 अक्टूबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान की खण्डपीठ ने मोहम्मद आजम खान व अन्य की याचिका पर दिया है।
याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता रवि किरण जैन, अधिवक्ता कमरुल हसन सिद्दीकी व सफदर काजमी ने बहस की। सफदर काजमी ने बताया कि विश्वविद्यालय की जमीन को लेकर किसानों ने एफआईआर दर्ज कराई है। बीजेपी प्रत्याशी रही जया प्रदा पर किसानों को उकसाकर एफआईआर दर्ज कराने का आरोप लगाया गया है। किसानों ने आजम खान पर जबरन जमीन लिखवा लेने व कब्जा कर लेने का आरोप लगाया है।
बदले की कार्यवाही का आरोप
याचिका में बदले की कार्यवाही करने का राज्य सरकार पर आरोप लगाया गया है। जबकि सरकार का कहना है कि किसानों ने एफआईआर दर्ज करायी है जिससे सरकार का कोई सरोकार नहीं है।
किसानों के अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि किसानों से ली गई जमीन में तीन चक का बैनामा ही नहीं हुआ है। किसानों को ऐसे चेक दिए गए जो भुनाए नहीं जा सके। कोर्ट ने इन सभी सवालो पर सुनवाई के लिए 24 अक्टूबर के तिथि नियत की है। तब तक आजम खान की गिरफ्तारी नहीं करने के लिए कहा है।
आजम खान ने इस मामले में याचिका दाखिल कर गिरफ्तारी पर रोक लगाने की गुहार लगाई थी जिस पर आज बुधवार को जस्टिस मनोज मिश्र और जस्टिस मंजू रानी चौहान की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद बेंच ने 29 एफआईआर पर रोक लगा दी। अब कहा जा रहा है कि इस आधार पर उन्हें दूसरे मुकदमों में भी राहत मिल सकती है।
अब तक कितने मुकदमे
बता दें सांसद बनने के बाद से आजम खान पर 84 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इसमें जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों से संबंधित 30 मुकदमे भी शामिल हैं। इसके अलावा भी आजम खान पर चोरी, डकैती, भैंस और बकरी चोरी के मुकदमे दर्ज किए गए हैं। आजम के अलावा उनके दोनों बेटों और पत्नी के खिलाफ भी केस दर्ज हैं।
इससे पहले राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कोसी बाढ़ क्षेत्र पर अतिक्रमण के लिए सांसद आजम खान द्वारा रामपुर में संचालित निजी विश्वविद्यालय के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि चूंकि कोसी गंगा की सहयोगी नदी है, लिहाजा संबंधित वैधानिक प्राधिकरण अतिक्रमणकर्ताओं के खिलाफ उचित कार्रवाई कर सकती है।
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नोएडा के डेवलपर के खिलाफ उत्पीडनात्मक कार्रवाई पर रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा के हॉट शाट डेवलपर प्रा. लि. के खिलाफ जीरो पीरियड की अवधि का लीज देय व अन्य चार्ज वसूली एवं उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है और केंद्र व राज्य सरकार से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति पी.के.एस. बघेल तथा न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की खण्डपीठ ने हॉट शाट डेवलपर की याचिका पर दिया है।
याची अधिवक्ता अक्षय मोहले का कहना है कि कोर्ट ने ऐसे ही सनसाइन इंफ्रावेल केस में राहत दी है। इस पर कोर्ट ने जवाब मांगते हुए याचिका को 21 अक्टूबर सुनवाई हेतु पेश करने का आदेश दिया है।
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हत्या की सजा काट रहे कैदी को केन्द्रीय कारागार शिफ्ट करने की याचिका पर सरकार से जवाब तलब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हत्या के आरोप में सजा काट रहे कैदी को केंद्रीय कारागार में स्थानांतरित करने की मांग में दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से 21 अक्टूबर तक जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज नकवी तथा न्यायमूर्ति एस.के. गुप्ता की खण्डपीठ ने झाँसी के प्रशांत राय की याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता का कहना है कि जेल नियमों के अनुसार आजीवन कारावास की सजा के दोषी कैदी को 3 माह के भीतर केंद्रीय कारागार में भेज देना चाहिए।
नगर पालिका बरुआसागर के पूर्व चेयरमैन मेहर सागर यादव हत्या के आरोप में झाँसी जिला जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है। याची के पिता कमलापति राय को रेप केस में 1 जून 19 से इसी जेल में बन्द किया गया है। मेहर को इन्हीं के भतीजे की हत्या के आरोप में सजा मिली है। याची ने आशंका व्यक्त की है कि उसके पिता की मेहर द्वारा जेल में हत्या की जा सकती है। इस आशय का पत्र आईजी जेल को लिखा गया है, किंतु कोई कार्रवाई न होने पर यह याचिका दाखिल की गयी है।
अध्यापको से छुट्टी में ही ले गैर शैक्षिक कार्य, शैक्षिक अवधि के दौरान मतदाता सूची तैयार करने के कार्य लेने पर रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अध्यापको से शिक्षण कार्य अवधि में मतदाता सूची तैयार करने सहित गैर शैक्षिक कार्य लेने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के उ प्र प्राथमिक शिक्षक संघ की याचिका में दिए निर्देशों के कारण दिया है।
चुनाव आयोग ने भी सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि वह छुट्टियों में ही शिक्षकों से चुनाव कार्य लेता है। कोर्ट ने अनिवार्य शिक्षा कानून व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के हवाले से अध्यापको से शैक्षिक अवधि में गैर शैक्षिक कार्य न लेने का आदेश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने प्रशांत यादव व् 38 अन्य अध्यापको की याचिका पर दिया है।
याचीगण का कहना था कि मणिभूषण शर्मा व 42 अन्य केस में भी कोर्ट ने अध्यापको से गैर शैक्षिक कार्य न लेने का आदेश दिया है। जिसकी अवहेलना कर याचियों से गैर शैक्षिक कार्य लिया जा रहा है।निर्देश के साथ कोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी है।
वर्ष- 2013 कान्सटेबिल भर्ती मे सामान्य महिला की रिक्त सीटें भरने की याचिका पर बोर्ड से जवाब तलब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस विभाग में वर्ष 2013 की 41610 कांस्टेबलों की भर्ती में सामान्य महिला की रिक्त सीटें भरने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर पुलिस भर्ती बोर्ड से जवाब मांगा है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने प्रीति शुक्ला व अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका के अनुसार 41610 पुलिस कांस्टेबलों की भर्ती में महिलाओं के लिए 3550 पद थे। 16 जुलाई 2015 को घोषित अंतिम परिणाम में सिर्फ 1123 महिला अभ्यर्थियों को ही चयनित किया गया।
पुलिस भर्ती ने अपने जवाब में बताया कि महिलाओं के 2427 पद रिक्त रह गए हैं। कोर्ट के निर्देश पर 20 जून 2019 को दोबारा घोषित परिणाम में 2052 महिला अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया। कहा गया कि अन्य पिछड़ा वर्ग व अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग की सभी महिला सीटें भर ली गईं लेकिन सामान्य वर्ग की 375 सीटों पर नियुक्ति नहीं की गई। इस पर कोर्ट ने पुलिस भर्ती बोर्ड से 10 अक्तूबर तक जवाब मांगा है।