लखनऊ: अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में बने रहने वाले सपा के फायर ब्रांड नेता पूर्व मंत्री आजम खां को दलितों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में एससी/एसटी ऐक्ट के तहत विचाराधीन मुकदमे का सामना करने के लिए विशेष अदालत में 22 अक्तूबर यानि आज पेश होना है। वर्ष 2007 में दर्ज इस मामले को सपा सरकार बनने पर 2012 में वापस लेने की कोशिश भी हुई थी।
यह है मामला
रामपुर के राजो थाना पर सामाजिक कार्यकर्ता धीरज कुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 7 अगस्त 2007 को टाण्डा में हुई जनसभा में सपा नेता आजम खां ने वर्ग विशेष को अपमानित करते हुए कहा था कि मायावती ने इन लोगों को दरोगा, एसपी, कलक्टर की कुर्सी पर बैठा रखा है। पुलिस ने आईपीसी के अलावा एससी-एसटी एक्ट के तहत आरोप पत्र पेश किया।
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27 सितम्बर 2012 को राज्य सरकार के विशेष सचिव ने वाद वापसी का पत्र डीएम को भेजा, जिसे लोक अभियोजक ने कोर्ट में अर्जी के साथ 27 सितम्बर 2012 को पेश किया। वाद वापसी नहीं होने के कारण यह अभी तक विचाराधीन है।