Azamgarh Lok Sabha seat: भोजपुरी स्टार दिनेश लाल निरहुआ बीजेपी से लड़ सकते हैं उपचुनाव

Azamgarh Lok Sabha seat: 2019 के चुनाव में लोकसभा चुनाव में मैदान में उतरे दिनेश लाल निरहुआ पर फिर दांव लगाने की खबर है।

Written By :  Rahul Singh Rajpoot
Published By :  Monika
Update:2022-04-22 12:45 IST

दिनेश लाल निरहुआलड़ सकते हैं उपचुनाव (photo: social media )

Azamgarh Lok Sabha seat: भोजपुरी सुपर स्टार और बीजेपी नेता दिनेश लाल निरहुआ (Dinesh Lal Nirahua) एक बार फिर से आजमगढ़ लोकसभा सीट (Azamgarh Lok Sabha seat)  से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक दिनेश लाल निरहुआ का नाम फाइनल हो चुका है, उन्हें चुनाव लड़ने की हरी झंडी आलाकमान से मिल चुकी है। इसका आधिकारिक ऐलान होना बाकी है। मालूम हो करहल से विधायक बनने के बाद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था। वह अब करहल से विधायक हैं। जिसके बाद इस सीट पर उपचुनाव होना है और भारतीय जनता पार्टी आजमगढ़ में जीत का पूरा समीकरण बिठाना शुरू कर दी है। वहां से 2019 के चुनाव में लोकसभा चुनाव में मैदान में उतरे दिनेश लाल निरहुआ पर फिर दांव लगाने की खबर है।

आजमगढ़ समाजवादी पार्टी का गढ़ है, यहां 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने सभी विधानसभा की सीटें जीती हैं। अभी कुछ दिन पहले हुए एमएलसी चुनाव में बीजेपी और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को बीजेपी एमएलसी यशवंत सिंह के बेटे विक्रांत सिंह उर्फ़ रिशु ने निर्दलीय चुनाव लड़कर हराया था। जिसके बाद अब यहां होने वाले लोकसभा उपचुनाव के लिए सपा और बीजेपी अपनी-अपनी गणित तैयार करने में जुटे हैं। जिसके बाद बीजेपी की ओर से दिनेश लाल निरहुआ को एक बार फिर से प्रत्याशी बनाए जाने की चर्चा है। क्योंकि वह भोजपुरी स्टार के साथ यादव समाज से आते हैं। आजमगढ़ में यादवों का गढ़ है। इसीलिए बीजेपी यहां से भोजपुरी स्टार और यादव का समीकरण बैठा कर निरहुआ पर फिर से दांव लगा सकती है।

इस बार चुनाव में कड़ी टक्कर दे सकते हैं निरहुआ

अखिलेश यादव के सामने 2019 के चुनाव में भले ही निरहुआ का क्रेज ना चला हो और उन्हें बुरी हार मिली चुकी है। लेकिन उपचुनाव में अब समाजवादी पार्टी की ओर से दूसरा कोई नेता मैदान में उतरेगा। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि निरहुआ इस बार कड़ी टक्कर दे सकते हैं। वहीं अखिलेश यादव के इस्तीफा देने के बाद यह भी चर्चा हुई थी कि यहां से उनकी पत्नी डिंपल यादव चुनाव लड़ सकती हैं। लेकिन सपा की ओर से अभी तक प्रत्याशी फाइनल नहीं हुआ है। आजमगढ़ यादव और मुस्लिम बाहुल्य इलाका है। यहां सपा की मजबूत पकड़ है।उसमें बीजेपी सेंधमारी करने में कितनी कामयाब होगी है यह तो आने वाले दिनों में पता चलेगा।

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