Book Fair in Azamgarh: 24वें पुस्तक मेले का आगाज, DM बोले- 'डिजिटल क्रांति ने जीवन के हर पहलू को छुआ'

Book Fair in Azamgarh: जिलाधिकारी ने कहा कि, 'बौद्धिक बल ज्ञान से आता है। ज्ञान का सबसे अच्छा श्रोत किताबे हैं। किताबें बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि, वो ज्ञान को बहुत ही छोटे से जगह में कुछ शब्दों में समेट कर आपके सामने रखते हैं।

Report :  Shravan Kumar
Update:2023-11-25 19:38 IST

आजमगढ़ के डीएम विशाल भारद्वाज (Social Media)

Book Fair in Azamgarh: आजमगढ़ के डीएम विशाल भारद्वाज (DM Vishal Bhardwaj) ने शनिवार (25 नवंबर) को हरिऔध कला केन्द्र में24वें पुस्तक मेले का उद्घाटन किया। जिला प्रशासन और गंगा समिति के सानिध्य में नेशनल बुक ट्रस्ट के रचनात्मक सहयोग से ये आयोजन हुआ है। जिलाधिकारी ने 24वां आजमगढ़ पुस्तक मेला (25 नवम्बर से 2 दिसम्बर 2023) का दीप प्रज्जवल एवं फीता काटकर उद्घाटन किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने पुस्तक मेले में लगायी गयी किताबों का अवलोकन किया गया।

जिलाधिकारी ने कहा कि, 'वर्तमान में डिजिटल क्रान्ति ने जीवन के हर पहलुओं को अन्दर तक छुआ है। पढ़ाई-लिखाई हो, नौकरियां हो या युद्ध हो, इन सबमें डिजिटल क्रान्ति ने अपना एक अमिट छाप छोड़ा है।  आने वाले समय में बिल्कुल वैसा नहीं होगा, जैसा हम लोगों ने अपने जीवन के आरम्भ में देखा है।

आने वाला समय युवाओं का 

उन्होंने कहा कि, जो छात्र-छात्राएं एवं युवा वर्ग हैं, आने वाला समय उनका है। डीएम विशाल भारद्वाज ने कहा, 'इस डिजिटल युग में भौतिक किताबों के इस आयोजन को आप महत्व दे रहे हैं। यह इस पुस्तक मेले की बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने आगे कहा कि, मैं यह नहीं मान सकता कि ज्ञान किसी एक प्रकार के आवरण में ही आता है। किताबें जब नहीं छपती थी, तब भी भारत में ज्ञान का एक भण्डार था। कई हजार वर्षों तक भारत का ज्ञान चाहे वह पुराण हों, वेद हों, वे मौखिक रहें, तब किताबें नहीं थी।'

DM बोले- ज्ञान का बस एक साधन...किताबें

आजमगढ़ के डीएम विशाल भारद्वाज ने कहा, 'जब किताबें लिखी जाने लगी, तो वह किसी वर्ग विशेष तक ही सीमित रहीं। क्योंकि, वह बहुत महंगी थी। बहुत आसानी से नही बन पाती थी। जब प्रिंटिंग प्रेस आया, तो किताबें सुलभ हुई और ज्ञान सुलभ हुआ। उन्होंने कहा कि, ज्ञान का एक साधन किताबें हैं और किताबों के एक प्रकार वो है, जो आप यहां आज देख रहे हैं।

'किताबें हमें यह अवसर देती हैं'

जिलाधिकारी ने कहा कि, 'बौद्धिक बल ज्ञान से आता है। ज्ञान का सबसे अच्छा श्रोत किताबे हैं। किताबें बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि, वो ज्ञान को बहुत ही छोटे से जगह में कुछ शब्दों में समेट कर आपके सामने रखते हैं। उन्होंने कहा कि, अगर आप राहुल सांस्कृत्यायन जी का साहित्य पढ़ें तो उससे पता चलेगा कि उन्होने किताबों से ज्यादा भ्रमण को महत्व दिया है। डीएम ने कहा, किताबें हमें यह अवसर देती हैं, कि कुछ पैसे लगाकर हम किसी की जीवनी से, किसी के यात्रा वृतान्त से एवं किसी एस्से से एक नया नजरिया देख लें और एक नया अनुभव हम प्राप्त कर लें।'

विद्या अर्जन की कोई आयु नहीं होती 

डीएम ने कहा कि, 'आज के युग में इन किताबों के अतिरिक्त भी बहुत सारे साधन हैं, जिनके माध्यम से आप विभिन्न विचारधाराओं, विभिन्न लोगां के व्यक्तित्व को, अनेक समाज, देश, भाषा आदि के बारे में आप जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज इस ऑडिटोरियम में जो विद्यार्थी उपस्थित हैं, वैसे हम सब लोग विद्यार्थी ही हैं, विद्या अर्जन करने की कोई आयु सीमा नहीं होती है। हम सब लोग जीवन के चाहे जिस मुकाम पर हों, वहां पर हर रोज कुछ नया सीखते हैं। विद्यार्थी जो पढ़ाई कर रहे हैं, उनके लिए यह अच्छा अवसर है, वे किताबों को रखें, देखें रहे हैं l'

जिलाधिकारी ने छात्र/छात्राओं, युवाओं एवं आमजन से अपील किया कि अधिक से अधिक संख्या में इस पुस्तक मेले में आकर इसका लाभ उठायें। इस अवसर पर आयोजन समिति द्वारा जिलाधिकारी महोदय को अंगवस्त्र एवं पुस्तक देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन राजीव रंजन द्वारा किया गया। उन्होंने इस पुस्तक मेले में सहयोग के लिए जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर अतिरिक्त मजिस्ट्रेट श्री रोहित यादव सहित विभिन्न स्कूलों के छात्र/छात्राएं एवं अन्य संबंधित उपस्थित रहे।

Tags:    

Similar News