Azamgarh News: कमिश्नर ने मंडलीय अस्पताल का किया औचक निरीक्षण, 22 डॉक्टर व कर्मचारी मिले अनुपस्थित

Azamgarh News: मण्डलायुक्त मनीष चौहान ने बड़ी संख्या में स्टाफ की अनुपस्थिति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अनुपस्थित चिकित्सकों एवं कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने तथा स्पष्टीकरण प्राप्त कर प्रस्तुत करने हेतु मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आमोद कुमार को निर्देशित किया।

Report :  Shravan Kumar
Update:2024-07-29 20:41 IST

 Azamgarh News (Pic: Newstrack)

Azamgarh News: मंडलीय अस्पताल में लापरवाही बरतने की शिकायत पर मण्डलायुक्त मनीष चौहान ने सोमवार को स्थानीय मण्डलीय जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कुल 22 चिकित्सक एवं कर्मचारी अनुपस्थित मिले। कमिश्नर के पहुंचते ही जिला अस्पताल में अफरा तफरी मच गई। एक्शन मूड में दिखे कमिश्नर के लगभग डेढ़ घण्टे तक किए गये औचक निरीक्षण के दौरान दोनों अधिकारियों ने रजिस्ट्रेशन काउण्टर, नेत्र विभाग, फिजीशियन कक्ष, हृदय रोग कक्ष, अल्ट्रासाउण्ड, ईएनटी वार्ड, जनरल सर्जन, ट्रामा सेन्टर आदि के विधिवत् निरीक्षण के साथ ही स्टाफ के उपस्थिति रजिस्टर को भी चेक किया। चिकित्साधिकारियों के उपस्थिति रजिस्टर में कुल 6 चिकित्सक डा. एससी कन्नौजिया, डा. संजय गोंड़, डा. चन्द्रहास कुमार, डा. पूनम कुमारी, डा. काशिफ असरार एवं डा. राघवेन्द्र सिंह अनुपस्थित मिले। पैरा मेडिकल की उपस्थिति पंजिका की जॉंच में भी कुल 4 कर्मचारी अनुपस्थित थे, जिसमें आरएन गिरि, राकेश कुमार, उमेश चौरसिया, ऋचा सिंह शामिल हैं।

इसी प्रकार ब्लड बैंक सेन्टर में 6 कर्मचारी डॉली पाण्डेय, शंकर दूबे, पुष्पा पाण्डेय, चन्दन उपाध्याय, रीना, सुमन एवं धर्मराज अनुपस्थित थे। मण्डलायुक्त चौहान द्वारा इसी क्रम में ई-हास्पिटल एवं जीएसएस पैरा मेडिकल स्टाफ की उपस्थिति का भी निरीक्षण किया गया, जिसमें ई-हास्पिटल में 3 कर्मचारी अजय प्रकाश सिंह, वीर नारायन सिंह एवं बृजेश चौहान अनुपस्थित थे, जबकि जीएसएस पैरा मेडिकल में 2 कर्मचारी हीरालाल व पंकज कुमार राजभर तथा वाहन चालकों में एक वाहन चालक एस यादव अनुपस्थित थे।

मण्डलायुक्त मनीष चौहान ने बड़ी संख्या में स्टाफ की अनुपस्थिति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अनुपस्थित चिकित्सकों एवं कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने तथा स्पष्टीकरण प्राप्त कर प्रस्तुत करने हेतु मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आमोद कुमार को निर्देशित किया। उन्होंने सीएमएस द्वारा उपस्थिति पंजिका को नियमित रूप से चेक नहीं किए जाने पर भी नाराजगी व्यक्त की तथा निर्देश दिया कि नियमित रूप से उपस्थिति पंजिका को चेक किया जाय तथा समय से स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित कराई जाय। मण्डलायुक्त ने कहा कि यदि डाक्टर्स की शिफ्टवाइज ड्यूटी का चार्ट तैयार किया गया है तो उसे प्रदर्शित होना चाहिए, ताकि आमजन को भी उसकी जानकारी हो सके। इसके साथ ही उपस्थिति पंजिका में भी डाक्टर्स की ड्यूटी का विवरण अंकित कराया जाय।

उन्होंने ईएनटी वार्ड, ट्रामा सेन्टर आदि वार्डों में भर्ती मरीजों से भी दवाओं और भोजन की उपलब्धता के सम्बन्ध में स्वयं पूछताछ की, जिसमें किसी भी मरीज द्वारा सुविधाओं के अभाव की शिकायत नहीं की गयी। मण्डलायुक्त चौहान ने निरीक्षण के दौरान कतिपय स्थानों पर पुराना सामान रखा हुआ पाया, जिस पर उन्होंने तत्काल उसकी नियमानुसार नीलामी की कार्यवाही करने तथा अस्पताल की साफ सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि ओपीडी में मरीजों को उनके नम्बर के अनुसार ही देखा जाय किसी भी दशा में कोई अव्यवस्था नहीं होनी चाहिए। उन्होंने मरीजों की सुविधा के दृष्टिगत इलेक्ट्रानिक डिस्पले पर नम्बर प्रदर्शित किए जाने का भी निर्देश दिया।

मंडलीय अस्पताल में मरीजो के साथ किया जाता है सौतेला व्यवहार

मंडलीय अस्पताल आजमगढ़ में मरीजो का काफी भीड़ लगी रहती है। पर्चा कटवाने के लिए लंबी कतार लगी रहती है। वहां पर ऑनलाइन पर्चा कटवाने में मरीजों को काफी दिक्कत होती है। संबंधित विभाग के डॉक्टर समय से उपस्थित नहीं रहते हैं। मरीज इधर-उधर भटकते रहते हैं। सीटी स्कैन,एक्सरा,जांच आदि मरीजों के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है। कर्मचारियों का व्यवहार मरीजों के प्रति सकारात्मक नहीं रहता है। डॉक्टर द्वारा जो दवा लिखी जाती है अस्पताल के अंदर कम मिलती है। प्राइवेट मेडिकल स्टोर से खरीदनी पड़ती है। कई डॉक्टरों के पास प्राइवेट मेडिकल स्टोर के कर्मचारी रहते हैं। डॉक्टर से मिलने के लिए मरीज को अंदर जाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। भीषण गर्मी में मरीजों को इलाज के लिए घंटो इंतजार करना पड़ता है।    

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