Ambedkar Jayanti: संगठनों ने घर-घर दीप जलाने का लिया संकल्प, शराब की दुकानें रहेंगी बंद

Azamgarh News: डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती पर आजमगढ़ के तमाम संगठनों ने अलग अलग तैयारियां की हैं। इस दिन शराब की दुकानों को बंद रखने का फैसला लिया है।

Report :  Shravan Kumar
Update:2024-04-13 19:13 IST

Ambedkar Jayanti 2024 (Pic: Social Media)

Azamgarh News: संविधान निर्माता बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती 14 अप्रैल को बड़े धूमधाम से मनाई जाएगी। जिले में आचार संहिता लागू होने के कारण उनके अनुयायियों ने परमिशन लेकर जगह-जगह तैयारी में जुट गए हैं। वहीं चुनावी माहौल को देखते हुए राजनीतिक दल के नेता भी कार्यक्रम में भाग लेकर लुभावने वादा करेंगे। बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल को हर साल मनाई जाती है।

बंद रहेंगी शराब की दुकानें

तमाम संगठन, दलित संगठन के लोग अपने तरीके से जयंती की तैयारी करते हैं। इस बार संगठन के लोगों ने ऐलान किया है कि बाबा साहब के अनुयायी अपने घरों में मोमबत्ती,दीपक जलाकर जन्मदिन की खुशहाली मनाएंगे। 14 अप्रैल को बाबा साहब की जयंती के अवसर पर शासन प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था के कड़े प्रबंध किए गए हैं। 14 अप्रैल को शराब की दुकान बंद रहेगी। अगर शराब की दुकान खुली पाई गई तो उनके खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। शासन का अनुमान है कि आचार संहिता लागू है, चुनावी माहौल चल रहा है। इस दौरान कोई उपद्रवी माहौल खराब करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जंयती की तैयारियां जोरों पर

उल्लेखनीय है कि बाबा साहब संविधान निर्माण में उनकी बड़ी भूमिका रही है। इसलिए उनको लोग संविधान निर्माता भी कहते हैं। हर साल की भांति इस बार भी उनकी जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई जाएगी। आजमगढ़ से लेकर लालगंज क्षेत्र तक अंबेडकर जुलूस की तैयारियां जोरों पर चल रही है। प्रशासन भी कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था कर रहा है। भारत के इतिहास में अहम शख्सियत रहे डॉक्टर अंबेडकर एक न्यायविद, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक भी थे। जिन्होंने अछूतों यानी दलितों के साथ हो रहे भेदभाव को खत्म करने और महिलाओं, श्रमिकों को अधिकार दिलाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। अंबेडकर जयंती के मौके पर देशभर के तमाम संस्थानो में अवकाश रहता है। भीम जयंती को समानता दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। दरअसल अंबेडकर ने अपने पूरे जीवन में समानता की वकालत की और कानून की नजर में सभी भारतीय नागरिकों के साथ उचित व्यवहार पर जोर दिया।

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