Azamgarh News: पशु आरोग्य शिविर मेला में पशु चिकित्सा अधिकारी ने पशुओं के महत्व के बारे में बताया

Azamgarh News पशुपालन विभाग द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु आरोग्य शिविर मेला में गोवंश के दूध, गोबर और मूत्र के महत्व के बारे में विस्तृत रूप से ग्रामीणों को जानकारियां दी गई।

Report :  Shravan Kumar
Update:2024-10-15 19:54 IST

पशु आरोग्य शिविर मेला में पशु चिकित्सा अधिकारी ने पशुओं के महत्व के बारे में बताया: Photo- Newstrack

Azamgarh News: आजमगढ़ जनपद के निजामाबाद तहसील के हुसामपुर बड़ागांव में अस्सी मैरेज हाल के प्रांगण में मंगलवार को सुबह दस बजे से पशुपालन विभाग द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु आरोग्य शिविर मेला का आयोजन किया गया। वहीं गोवंश के दूध गोबर और मूत्र के महत्व के बारे में भी विस्तृत रूप से ग्रामीणों को जानकारियां दी गई।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु आरोग्य शिविर मेला का आयोजन हुसामपुर बड़ागांव मे उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी निजामाबाद डॉ.जय प्रकाश सिंह की देखरेख में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ भाजपा जिला उपाध्यक्ष शेर बहादूर सिंह ने फीता काटकर गौ पूजन कर किया और कार्यक्रम कि अध्यक्षता वीरेन्द्र नाथ मिश्र व संचालन क्षेत्र पंचायत सदस्य ने किया, कार्यक्रम में 245 पशुपालकों को मिनरल मिक्सचर, कृमि नाशक, किलनी, कैल्शियम और विटामिन की दवाएं दी गई और सैकड़ो पशुओं का उपचार किया गया डॉ.जय प्रकाश सिंह ने कहा कि पशुओं को स्वस्थ रखने के लिए चारे के साथ पौष्टिक तत्व भी खिलाएं विभिन्न रोगों से बचाव के लिए समय-समय पर पशु डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है।

गोवंश के महत्व के बारे में बताया गया 

गोवंश के दूध, गोबर और मूत्र के महत्व के बारे में भी विस्तृत रूप से ग्रामीणों को जानकारियां दी। इस अवसर पर भाजपा जिला उपाध्यक्ष शेर बहादुर सिंह, गुलाब चंद्र महा प्रधान वीरेन्द्र नाथ मिश्र, क्षेत्र पंचायत सदस्य, वीरेन्द्र चौहान प्रधान ओमप्रकाश मिश्र, पूर्व ग्राम प्रधान रंजीत चौहान, डॉक्टर विनोद सिंह डॉक्टर, पूनम त्रिपाठी, डॉक्टर योगेन्द्र यादव,जगदम्बा चौहान दिनेश चंद्र मिश्र, सदानंद मिश्र आदि ग्रामीण उपस्थित रहे।

छुट्टा पशुओं से लोग परेशान रहते हैं रात को खेतों में जाकर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं, किसान दिन रात मेहनत करके फसल तैयार करने में लगा रहते है। लेकिन आवारा पशु जो रात दिन घूमते रहते हैं उन पर पशु विभाग का कोई लगाम नहीं रहता है।खुलेआम खेतों में फसल को नुकसान पंहुचाते हैं। बजारो व कस्बे मे छुट्टा पशु घूमते रहते हैं। इनसे कहीं-कहीं दुर्घटना होने की भी आशंका बनी रहती है।

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