मंत्री के सामने दबंगई पर उतरी BJP की नगर पालिका चेयरमैन
भगवाधारी नेता अजय जायसवाल और उनकी चेयरमैन पत्नी की बदसलूकी की कहानी यूं तो जग-जाहिर है, लेकिन गुरुवार को जिले के प्रभारी मंत्री जेपी सिंह नें शायद पहली बार इसे देखा हो। बताया जा रहा है के समीक्षा बैठक कर जब मंत्री कलेक्ट्रेट परिसर से निकल रहे थे तब उनसे मिलने सोनम चिश्ती किन्नर पहुंची ही थी;
सुल्तानपुर : भगवाधारी नेता अजय जायसवाल और उनकी चेयरमैन पत्नी की बदसलूकी की कहानी यूं तो जग-जाहिर है, लेकिन गुरुवार को जिले के प्रभारी मंत्री जेपी सिंह नें शायद पहली बार इसे देखा हो। बताया जा रहा है के समीक्षा बैठक कर जब मंत्री कलेक्ट्रेट परिसर से निकल रहे थे तब उनसे मिलने सोनम चिश्ती किन्नर पहुंची ही थी कि चेयरमैन बबिता जायसवाल उनसे भिड़ गई और धमकी देने लगी। जिस पर बात तूल पकड़ गई, किसी तरह लोगों ने समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया।
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मिली जानकारी के अनुसार जिले के प्रभारी मंत्री जय प्रताप सिंह गुरुवार को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत जिला पंचायत में आयोजित कार्यक्रम में यहां पहुंचे थे। कार्यक्रम से निकल कर वो कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में अधिकारियों के साथ विकास कार्यो की समीक्षा बैठक ले रहे थे। देर शाम जब वो समीक्षा बैठक निपटा कर लखनऊ जानें के लिए निकले तब उनसे वहां मिलने के लिए सोनम चिश्ती किन्नर पहुंच गई। अभी मंत्री से बात शुरू ही हुई थी कि वहां मौजूद चेयरमैन बबिता जायसवाल व सोनम आपस मे भिड़ गई और हाथापाई तक पहुंच गई। जैसे-तैसे मामले को शांत कराया गया।
आपको बता दें कि हाल ही में सोनम नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ चुकी हैं जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
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इस झड़प के पीछे माना जा रहा है के सोनम के एक अचल संपत्ति के वाद में जिला पंचायत सदस्य एवं चेयरमैन पति अजय जायसवाल द्वारा जानबूझकर रोड़ा अटकाया गया था, जिसको लेकर आज आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह के सामने यह मुद्दा उठा और तमाशा मच गया।
गौरतलब हो कि शहर के पल्टू का पुरवा घोसियाना निवासी सोनम ने कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है। उसका कहना है कि एक मकान की मालिक सुगिया थी, जिसको सुगिया ने मोहल्ले की ही निवासिनी रेहाना को बैनामा कर दिया। उक्त मकान को रेहाना ने 9 मार्च 2018 को हमें (किन्नर सोनम चिश्ती) कर दिया था। जिसको लेकर हमने नगर पालिका परिषद के अभिलेखों में अपना नाम दर्ज कराने को लेकर आवेदन किया था। 4 जून 2018 को नगर पालिका अध्यक्ष बबिता जायसवाल द्वारा नामांतरण वाद को खारिज कर दिया गया, जिसमें अध्यक्ष नगर पालिका द्वारा यह कहा गया कि उक्त मकान पर उनका पूर्ण स्वामित्व नहीं पाया गया है। उक्त मामला कोर्ट में विचाराधीन है, ऐसे में पहले इलेक्शन की रार और बाद में ये वाद दोनों के मध्य विवाद का कारण बना है।