बाबरी विध्वंस केस: फैसले से संतुष्ट नहीं, HC जाएगी बाबरी एक्शन कमेटी

बाबरी विध्वंस मामलें पर आज सीबीआई कोर्ट के फैसलें पर बाबरी एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने न्यूजट्रैक को बताया कि यह फैसला गवाहों और सबूतों को नजरअंदाज करते हुए दिया गया है।

Update: 2020-09-30 04:45 GMT
बाबरी विध्वंस केस: फैसलें से संतुष्ट नहीं होने पर HC जाएगी बाबरी एक्शन कमेटी (social media)

लखनऊ: बाबरी विध्वंस मामलें पर आज सीबीआई कोर्ट के फैसलें पर बाबरी एक्शन कमेटी के संयोजक जफरयाब जिलानी ने न्यूजट्रैक को बताया कि यह फैसला गवाहों और सबूतों को नजरअंदाज करते हुए दिया गया है। अभी कोर्ट के फैसले की कापी का इंतजार है उसके बाद कमेटी हाइकोर्ट जायेगी। उन्होंने कहा कि हाइकोर्ट में जाने के लिए 03 महीने का समय होता है और एक्शन कमेटी इस समय के अंदर ही हाइकोर्ट में इस मामले को ले जायेगी।

ये भी पढ़ें:हाथरस मामले पर बोलीं मायावती, घटना का सुप्रीम कोर्ट स्वतः संज्ञान ले तो बेहतर

जिलानी ने बुधवार कहा कि राममंदिर का फैसला हम देख चुके है और उससे संतुष्ट नहीं है। ऐसे में इस मामलें में भी हम फैसले का इंतजार कर रहे है और अगर यह संतुष्ट करने वाला नहीं हुआ तो हाईकोर्ट का विकल्प हमारे पास है। उन्होंने कहा कि केवल हम ही नहीं जो भी पक्ष इससे संतुष्ट नहीं होगा वह हाईकोर्ट की राह पकड़ेगा।

21 अगस्त को हमारे वकील ने इस मामलें में दखल देते हुए सीबीआई न्यायालय में एक याचिका दी थी

जिलानी ने बताया कि बीती 21 अगस्त को हमारे वकील ने इस मामलें में दखल देते हुए सीबीआई न्यायालय में एक याचिका दी थी लेकिन न्यायालय ने उसे खारिज करते हुए कहा था कि न्यायालय की सुनवाई पूरी हो चुकी है और अब कोई नया पक्ष नहीं सुना जायेगा। ऐसे में इस मामलें में हमारी भूमिका केवल सीबीआई के वकील को सहयोग करने तक ही सीमित थी। उन्होंने बताया कि बाबरी मस्जिद विध्वंस के मामलें में पैरवी के लिए बनी बाबरी एक्शन कमेटी को राम मंदिर पर फैसला आने के बाद भी समाप्त नहीं किया गया है। अब ये कमेटी देश में कही भी इस तरह का मामला उठेगा तो उसकी पैरवी करेगी।

babri-masjid (social media)

ये भी पढ़ें:राजस्थानः लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के पिता का निधन, सीएम अशोक गहलोत ने जताया शोक

मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामलें को जिलानी राजनीति से प्रेरित बताते है

हाल ही में उठे मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामलें को जिलानी राजनीति से प्रेरित बताते है। उनका कहना है कि वर्ष 2022 में यूपी में विधानसभा चुनाव है, ऐसे में सोच-समझ कर इस मुद्दे को उठाया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस कुछ भी कर सकती है। उन्होंने कहा कि फिलहाल हम इस मामलें में न्यायालय के रूख का इंतजार कर रहे है।

मनीष श्रीवास्तव

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News