बलिया में मंत्रीजी की फिसली जुबान, मुंह से निकली स्वतंत्रता दिवस की बधाई

पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राजभर ने अपने भाषण में बार बार स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी तथा उनको अपनी गलती का भान नही हुआ । उन्होंने देश की सीमा की रक्षा करने के दौरान अपनी आहुति देने वाले सैनिकों का भावपूर्ण स्मरण किया।

Update: 2021-01-26 12:21 GMT
बलिया में मंत्रीजी की फिसली जुबान, मुंह से निकली स्वतंत्रता दिवस की बधाई

बलिया। उत्तर प्रदेश के दिव्यांग जन सशक्तिकरण व पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिल राजभर को जानकारी नही है कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस है न कि स्वतंत्रता दिवस। उधर नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी अपने विधानसभा क्षेत्र में रस्सी की गांठ न खोल पाने के कारण तिरंगा झंडा नहीं फहरा पाए।

राजभर की फिसली जुबान

पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राजभर, जो कि बलिया के प्रभारी मंत्री भी हैं, ने आज जिला मुख्यालय पर पुलिस लाइन में झंडा फहराया तथा सलामी ली। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में राजभर ने बलिया के गौरवशाली अतीत का बखान करते हुए गणतंत्र दिवस के स्थान पर स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी ।



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भाषण में कई बार स्वतंत्रता दिवस की दी बधाई

पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री राजभर ने अपने भाषण में बार बार स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी तथा उनको अपनी गलती का भान नही हुआ । उन्होंने देश की सीमा की रक्षा करने के दौरान अपनी आहुति देने वाले सैनिकों का भावपूर्ण स्मरण किया तथा कहा कि बलिया की क्रांतिकारी धरती ने मंगल पांडेय व चित्तू पांडेय को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि बलिया ने स्वतंत्रता आंदोलन में अहम योगदान दिया है । इस मौके पर जिलाधिकारी श्री हरि प्रताप शाही , पुलिस अधीक्षक डॉ विपिन ताडा , विधायक धनन्जय कन्नौजिया व भाजपा के जिलाध्यक्ष जय प्रकाश साहू भी मौजूद रहे।

रस्सी की गांठ नहीं खोल पाए राम गोविंद

उधर उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी अपने विधानसभा क्षेत्र में रस्सी की गांठ न खोल पाने के कारण तिरंगा झंडा नही फहरा पाए। चौधरी 26 जनवरी के अवसर पर किसानों के आंदोलन के समर्थन में ट्रैक्टर रैली का नेतृत्व करते हुए अपने विधानसभा क्षेत्र बांसडीह पहुंचे। बांसडीह तहसील के सामने सड़क किनारे गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराना था , जहाँ तिरंगे की रस्सी ऐसी उलझी कि तिरंगा खुला ही नही। नतीजा यह हुआ कि मौजूद समर्थको ने तिरंगा लहराने में प्रतिपक्ष का पूर्ण सहयोग किया , बावजूद तिरंगे में फूलों से भरा गांठ नही खुला। समर्थक जबरिया तिरंगे की रस्सी को जोर-जोर से खीचने लगे, जहां कुछ फूल तो गिरे लेकिन तिरंगा पूरी तरह से नही लहराया और न उसमे लगी गांठ खुली। इस पर नेताप्रतिपक्ष के चेहरे पर नाराजगी दिखी और वह चलते बने।

रिपोर्ट- अनूप कुमार हेमकर

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