Meerut News: बदहाल कांवड़ मार्ग, कांवड़िये कावंड़ लेकर कैसे गुजरेंगे
Meerut News: आगामी जुलाई में सावन मास में शिवरात्रि आ रही है, लेकिन अभी तक कांवड़ मार्ग गंगनहर पटरी के साथ-साथ रजवाहा पटरी की हालत भी इस समय बदहाल है।
Meerut News: आगामी जुलाई में सावन मास (Sawan month) में शिवरात्रि आ रही है, लेकिन अभी तक कांवड़ मार्ग (Kanwar Marg) गंगनहर पटरी के साथ-साथ रजवाहा पटरी की हालत भी इस समय बदहाल है। मार्ग की हालत जर्जर है और जगह-जगह गहरे गड्ढे होने के साथ ही सड़क के पत्थर बाहर निकले हुए हैं। दो वर्ष तक कोरोना माहामारी (corona pandemic) के कारण कांवड़ यात्रा नहीं निकाली गई थी लेकिन इस बार कांवड़ लाने की तैयारी में शिवभक्त जुटे हैं लेकिन टूटी गंगनहर पटरी पर कांवड़िये कावंड़ लेकर कैसे गुजरेंगे।
बता दें कि पुरा महादेव में भगवान शिव (Lord Shiva) का जलाभिषेक करने वाले शिवभक्त मुजफ्फरनगर जिले में आने वाली नावला की कोठी से जौली ग्रांट माइनर की पटरी से होते हुए पुरामहादेव जाते हैं। रार्धना रजवाहा पटरी से यह क्षेत्र सरधना थाना और जिला मेरठ की सीमा में आ जाता है।
कांवड़ पटरी जगह-जगह उखड़ गई, कांवड़ यात्रियों के लिए मुश्किल
इसके अलावा हरिद्वार (Haridwar) हर की पौड़ी से गंगाजल लेकर आने वाले अधिकतर शिवभक्तों का जत्था मवाना-हस्तिनापुर मध्य गंगनहर कांवड़ पटरी से होकर गुजरता है। पिछले दो साल कोराना संक्रमण के चलते कांवड़ यात्रा नहीं हो पाई। श्रावण की यात्रा नहीं होने के कारण प्रशासन ने कांवड़ पटरी की सुध भी नहीं ली। हालात यह हैं कि कांवड़ पटरी जगह-जगह उखड़ गई है।
गहरे गड्ढे होने के साथ बजरी व रोड़ी बिखरी पड़ी है। ऐसे में यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कांवड़ मार्ग की बदहाल हालत को लेकर विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बहुत जल्द कांवड़ मार्ग गंगहर पटरी का मरम्मत कार्य शुरू हो जाएगा।
कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले मार्ग की मरम्मत जरूरी
दरअसल, पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों की नींद तब टूटी जब डीएम दीपक मीणा द्वारा पिछले दिनों इस मार्ग का निरीक्षण किया गया। डीएम द्वारा हड़काने के बाद विभागीय अधिकारियों का ध्यान इस ओर गया है। बहरहाल, देखना ही है कि कांवड़ यात्रा शुरू होने पूर्व मार्ग की मरम्मत होती है या नही।
बता दें कि श्रावण मास की शिवरात्रि पर भगवान आशुतोष का जलाभिषेक करने के लिए लाखों कांवड़िये हरिद्वार से गंगाजल लेकर आते हैं। मेरठ के प्राचीन औघड़नाथ मंदिर, बागपत के ऐतिहासिक परशुरामेश्वर पुरा महादेव मंदिर पर पश्चिम उप्र के लाखों कांवड़िये शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं। उस दौरान एक सप्ताह के लिए महत्वपूर्ण नेशनल हाईवे-58 पर भारी और छोटे वाहनों का आवागमन बंद कर दिया जाता है।