Bahraich News: मुख्य आरोपी की छत पर मिला ये सामान, STF ने शुरू किया ऑपरेशन, इंटरनेट सेवा अभी भी बंद
Bahraich News: सीएम ऑफिस पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों से पल-पल की जानकारी ले रहा है। इसके लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। वीडियो फुटेज के जरिए उपद्रवियों की पहचान कर उनकी तलाश भी की जा रही है।
Bahraich News: यूपी के बहराइच जिले में हिंसा प्रभावित महराजगंज कस्बे और उसके आसपास के इलाकों में आज बुधवार को हालात सामान्य हो रहे हैं। हालांकि, मोबाइल इंटरनेट सेवाएं लगातार तीसरे दिन भी बंद रहीं। किसी तरह लोगों ने दो दिन बिना इंटरनेट के गुजारा किया। बुधवार को रामगोपाल पर पथराव और हत्या के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के घर की छत का एक नया वीडियो सामने आया है। इसमें उसकी छत पर कई ईंटें और बोतलें पड़ी हुई हैं। इसके बाद अब पथराव की घटना के पूर्व नियोजित होने की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं।
आपको बता दें कि मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के घर की छत का वीडियो देखने के बाद लोगों का कहना है कि विसर्जन जुलूस के दौरान पथराव कर शांति व्यवस्था भंग करने की पहले से ही योजना थी। और घटना को अंजाम देने के लिए छत पर पहले से ही पत्थर और ईंटें रखी गई थीं और बोतलें भी एकत्र की गई थीं। साथ ही इरादों को पूरा करने के लिए डीजे पर बज रहे गाने को आधार बनाया गया और योजना के मुताबिक गाने का विरोध करते हुए गाली-गलौज शुरू कर दी गई। लेकिन जब विसर्जन जुलूस में शामिल लोगों ने इसका विरोध किया तो योजना के मुताबिक छतों से ईंट, पत्थर और बोतलें फेंककर प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
लोगों का यह भी कहना है कि पथराव की घटना के बाद जब हिंदुओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया तो हजारों की संख्या में लोग वहां पहुंच गए, जिससे मौके पर अफरातफरी मच गई। इसके साथ ही पुलिस ने लाठीचार्ज कर हालात और खराब कर दिए। वहीं घटना के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद और उसके बेटों को एसटीएफ गिरफ्तार नहीं कर पाई है। हालांकि मंगलवार को एसटीएफ की टीम ने उसके बेहरा में छिपे होने की आशंका पर बेहरा में अभियान चलाया। इसके साथ ही एसटीएफ खैरा बाजार में भी अभियान चला रही है। जबकि बुधवार को हरदी पुलिस ने शांति भंग करने के आरोप में पांच लोगों के खिलाफ कार्रवाई की।
हरदी पुलिस के मुताबिक शिवम वर्मा, राजन सिंह, सुशील तिवारी, विशाल अवस्थी और शिवाकांत के खिलाफ कार्रवाई की गई है। बताया गया है कि अब तक 55 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी ने हिंसा के पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। बताया जाता है कि जिला पुलिस और प्रशासन के स्तर से इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है। वहीं इस मामले में उपद्रवियों को चिन्हित करने का काम सीसीटीवी और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो फुटेज के आधार पर किया जा रहा है। प्रभावित क्षेत्र को सुरक्षा की दृष्टि से नौ सेक्टरों में बांटा गया है और पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारी लगातार इलाके में गश्त करने के साथ ही कैंप भी कर रहे हैं। इलाके में अभी भी पीएसी की 12 कंपनियां, सीआरपीएफ की दो, आरआरएफ और चार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी तैनात हैं। इसके साथ ही जिले के तमाम आला अधिकारी भी जगह-जगह तैनात हैं और हर घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। इसके साथ ही महराजगंज कस्बे में अभी भी चप्पे-चप्पे और हर सड़क पर पुलिस बल तैनात है। साथ ही इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि कोई उपद्रवी तत्व शांति व्यवस्था भंग न कर सके।
कस्बे में आने वाले हर वाहन की चेकिंग की जा रही है और उसमें सवार लोगों से पूछताछ की जा रही है। साथ ही बाहरी लोगों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। इसी का नतीजा है कि बुधवार को किसी भी तरह की कोई हिंसा सामने नहीं आई है। बता दें कि हिंसा के बाद कई लोगों ने सोशल मीडिया पर भ्रामक तथ्य फैलाकर जिले का माहौल खराब करने की भी कोशिश की है। अब पुलिस इसकी गहनता से जांच में जुट गई है। सोशल मीडिया पर वायरल कई वीडियो और मैसेज की भी पुलिस टीमें लगातार जांच कर रही हैं। साथ ही जिले के हिंसा प्रभावित इलाकों को नौ सेक्टरों में बांटा गया है।
सीएम ऑफिस पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों से पल-पल की जानकारी ले रहा है। इसके लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। वीडियो फुटेज के जरिए उपद्रवियों की पहचान कर उनकी तलाश भी की जा रही है। इसके साथ ही तीसरे दिन भी कुछ युवा इंटरनेट से खुद को रोक नहीं पाए। बहराइच से सैकड़ों युवा श्रावस्ती, गोंडा, बाराबंकी, सीतापुर के रेउसा, लखीमपुर की सीमा पार कर अपने दोस्तों के साथ पहुंचे और नेट का इस्तेमाल किया। नगर निवासी मुनेश्वर पांडेय, वीपी सिंह, प्रशांत शुक्ला, उमेश कुमार मिश्रा, एपी सिंह, केपी सिंह, अरुण मिश्रा ने बताया कि वह ऑनलाइन काम करते हैं। इंटरनेट बंद होने से लोग काफी परेशान हैं।
आपको बता दें कि हत्या के बाद शुरू हुई आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं पर काबू पाने के लिए पिछले तीन दिनों से पूरे जिले में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई है। जबकि विभागीय सूत्रों का कहना है कि अगले दो दिनों तक इंटरनेट सेवाएं बहाल होने पर संशय है। उम्मीद है कि शनिवार से इंटरनेट सेवाएं बहाल हो जाएंगी। आपको बता दें कि बुधवार को दंगा प्रभावित महराजगंज कस्बे में हालात सामान्य हो जाने के बाद भी सरकार अभी भी सुरक्षा में कोई ढील नहीं दे रही है। इसके साथ ही जिले और प्रदेश के विभिन्न राजनीतिक दल हिंसा प्रभावित इलाके में जाने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति लेने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन