Bahraich News : धान खरीद की धीमी रफ्तार, कैसे होगा लक्ष्य पूरा?, केंद्र पर बिचौलियों का बोलबाला
Bahraich News : अधिकारी व व्यापारियों में गठजोड़ से पयागपुर ब्लॉक में धान खरीद बिचौलियों के हवाले है।
Bahraich News : अधिकारी व व्यापारियों में गठजोड़ से पयागपुर ब्लॉक में धान खरीद बिचौलियों के हवाले है। सिस्टम में खामियों से क्रय केंद्रों से अधिक धान की खरीद बाड़ों पर हो रही है। कहीं कर्मचारियों की कमी तो कहीं पंखे की खराबी से धान खरीद प्रभावित है। इसका बाड़ा मालिक जमकर फायदा उठा रहे हैं। बाड़ों पर खूब धान खरीदा जा रहा है।
पयागपुर ब्लॉक के अन्तर्गत आने वाले ज्यादातर धान क्रय केंद्रों पर केन्द्र प्रभारियों के अलावा किसी अन्य की तैनाती नही है। जिस कारण किसानों पर दोहरा चार्ज भारी पड़ रहा है। इन क्रय केंद्रों पर बिचौलियों का बोलबाला है। कुछ केन्द्रों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर केन्द्रों पर धान साफ करने वाला पंखा कई दिनों से खराब पड़ा बताया जा रहा है। किसान केंद्र पर धान लाकर स्वयं साफ करता है, तब कहीं जाकर उसके धान की खरीद की जाती है। हालांकि धान खरीद में पारदर्शिता बनी रहे, इसको लिए डीएम मोनिका रानी कई बार संबंधित को निर्देश दे चुकी है। बावजूद जिम्मेदार पूरी शिद्दत से जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं।
वहीं, कई धान खरीद केंद्रों से धान की उठान न होने से केन्द्रों पर खरीद लगभग बंद पड़ी है। इस कारण धान बिक्री करने के लिए किसानों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि, केंद्रों पर शुरुआती दौर में किसानों से धान तौल में तेजी दिखाई पड़ी थी, लेकिन खरीदे गए धान की उठान न होने से कई केन्द्रों पर खरीद लगभग बंद हो गई है। बता दें कि धान खरीद में किसानों को परेशानी न हो और उनकी उपज का मुनासिब मूल्य मिल सके। इसके लिए धान क्रय केन्द्र स्थापित कर धान खरीद की जा रही है। सुविधाओं का मरहम लगाने का दावा करते हुए किसानों से धान की खरीद एक नवम्बर से शुरू हुई। शुरुआत में तो धान खरीद की गति तेज रही। लेकिन अब कई क्रय केन्द्रों पर धान खरीद लगभग बंद हो गई है।
खरीदे गए धान की उठान मिलर की ओर से नहीं हो पा रही है। उठान न होने से कई क्रय केन्द्रों के गोदाम भर चुके हैं। गोदाम में अब धान रखने की जगह नहीं है। ऐसे में केन्द्रों पर धान की खरीद लगभग बंद हो गई है। हालांकि जिला खाद्य विपणन अधिकारी का कहना है कि हो सकता है एक- आध धान क्रय केंद्रों पर कमी हो, और सब जगह सही हैं। जानकारी देने वाले किसी अन्य कारणों से गलत जानकारी दे रहे होंगे। फिर भी केन्द्रों का औचक निरीक्षण कराकर जमीनी हकीकत ली जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ क्रय केन्द्रों से धान की उठान न होने की समास्या हो सकती है। उसको दूर किया जा रहा है। धान बिक्री में किसानों को कोई समस्या नहीं होगी।
उल्लेखनीय है कि जिले में खरीद सत्र 2024- 25 में किसानों की धान खरीद जारी है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों का धान खरीदने के लिए खाद्य एवं विपणन विभाग की ओर से छह एजेंसियों के 125 क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। जिसमें खाद्य विभाग के 23, पीसीएफ के 52, पीसीयू के 27, यूपीएसएस के 18, मंडी समिति के तीन और भारतीय खाद्य निगम के दो क्रय केंद्र शामिल हैं। शासन की ओर से सभी 125 क्रय केंद्रों के माध्यम से 17 लाख क्विंटल खरीद का लक्ष्य दिया गया है, लेकिन अभी तक धान खरीद गति नहीं पकड़ रही है।
वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की उपज आढ़ती (बिचौलिए )लगातार औने-पौने दामों पर खरीद रहे हैं। सरकार की ओर से जहां इस बार 2300 रुपए प्रति क्विंटल मूल्य निर्धारित किया गया है तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों से 1700 से 1800 रुपए में खरीद रहे हैं। मालूम हो कि कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, तराई क्षेत्र में पांच लाख से अधिक किसान परिवार हैं, जिनका मुख्य व्यवसाय खेती है। यहां के किसान गेहूं के साथ-साथ धान की खेती को भी प्राथमिकता दे रहे हैं। सामान्य मानसून के बावजूद किसान धान की खेती का रकबा बढ़ा रहे हैं।
खरीफ की मुख्य फसल धान के साथ-साथ, यहां किसान संकर मक्का की खेती भी कर रहे हैं। प्रदेश में मक्का उत्पादन में बहराइच पहले स्थान पर है और यहां के किसान रबी, खरीफ और जायद के मौसम में भी मक्का उगाते हैं।