नसीमुद्दीन का सपा पर हमला, कहा- भाजपा से मिल कर मुसलमानों के साथ किया धोखा

नसीमुददीन ने कहा कि सपा ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि वह मुसलमानों को आबादी के हिसाब से आरक्षण देगी और जेल में बंद मुसलमानों को रिहा किया जाएगा। लेकिन सपा के सारे वादे खोखले निकले। मुसलमानों से किया कोई भी वादा उसने पूरा नहीं किया।

Update: 2016-10-14 11:48 GMT

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिददीकी ने कहा है कि भाजपा के साथ सरकार बनाने के बाद भी मायावती ने आरएसएस का एजेंडा नहीं लागू होने दिया था। बसपा महासचिव ने सपा पर हमला करते हुए कहा कि सपाई अक्सर कहते हैं कि बसपा और भाजपा तीन बार मिलकर सरकार बना चुके हैं। लेकिन, हमने भाजपा के साथ सरकार बना कर आरएसएस के एजेंडे को प्रदेश में लागू नहीं होने दिया, और मायावती ने इसके एवज में सीएम का पद छोड़ दिया।

मुसलमानों से धोखा

-नसीमुददीन ने कहा कि सपा ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि वह मुसलमानों को आबादी के हिसाब से आरक्षण देगी और जेल में बंद मुसलमानों को रिहा किया जाएगा।

-लेकिन सपा के सारे वादे खोखले निकले। मुसलमानों से किया कोई भी वादा उसने पूरा नहीं किया।

-सपा और भाजपा ने मिलकर प्रदेश में 400 छोटे बड़े दंगे कराए। जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए।

-बसपा महासचिव ने कहा कि अब मुसलमान सपा के बहकावे में आने वाले नहीं हैं।

-सिददीकी ने कहा कि वर्ष 1999 में केंद्र में भाजपा की सरकार को बसपा ने एक वोट से गिराकर सबक सिखाने का काम किया था।

-इसके अलावा प्रदेश में जब जब बसपा की सरकार बनी है, तब तब भाजपा कमजोर हुई है। लेकिन जब सपा की सरकार बनी, तो भाजपा मजबूत हुई है।

सपा ने भाजपा को मजबूत किया

-नसीमुद्दीन ने कहा कि वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में यूपी में बसपा की सरकार थी। उस समय भाजपा के 9 सांसद थे।

-2012 के विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में सपा सरकार है, तो इस दौरान हुए चुनाव में भाजपा के 9 सांसद से बढकर 73 सांसद जीत गए।

-नसीमुद्दीन ने आरोप लगाया कि भाजपा और सपा की अंदरूनी सांठगांठ है, जिसे यूपी और सारा देश देख रहा है।

-बसपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि वर्ष 2003 में सिद्धांतों के लिए मायावती ने गठबंधन खत्म किया।

-सिददीकी ने कहा कि सपा परिवार के सारे पारिवारिक कार्यक्रमों में पीएम मोदी समेत भाजपा के नेता मंच पर दिखाई देते हैं, लेकिन मुस्लिम समाज के लोगों को मंच पर स्थान नहीं मिलता।

-उन्होंने कहा कि बिहार में सपा-भाजपा के अंदरूनी समझौते को पूरे देश ने देखा। भाजपा से सांठगांठ कर मुलायम ने महागठबंधन तोड़ा।

-बिहार चुनाव के समय ही मुलायम ने कहा था कि बिहार में भाजपा की सरकार बनेगी।

-नसीमुद्दीन ने कहा कि मुलायम और मोदी अक्सर एक दूसरे की तारीफ करते हैं। सपा का तो जन्म भी जनसंघ और भाजपा की मदद से हुआ।

संघ की मदद से बढ़े मुलायम

-नसीमुद्दीन ने कहा कि मुलायम सिंह 1967 में जसवंतनगर से जनसंघ की मदद से एमएलए बने।

-1977 में वर्तमान संघियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और सरकार चलाई। मंत्री बने।

-1989 से पहले पूरे देश में भाजपा की बहुत बुरी हालत थी। उसके केवल 2 सांसद आडवाणी और बाजपेयी थे। मुलायम सिंह ने भाजपा को जीवित करने का काम किया।

-1989 में लोकसभा और विधानसभा के साथ हुए चुनाव में वीपी सिंह और मुलायम सिंह ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा और भाजपा को जीवनदान दिया।

-नसीमुद्दीन ने आरोप लगाया कि हाल में सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने के उददेश्य से मुलायम ने बयान दिया कि 1990 में अयोध्या में और भी आदमी मरवाने पड़ते तो मरवा देता। चुनाव के पहले इस तरह के बयान क्या दर्शाते हैं।

-उन्होंने कहा कि 1995 में जब भाजपा की मदद से सरकार चल रही थी, तो यही परिस्थिति बसपा के भी सामने थी।

-काशी में जलाभिषेक और मथुरा के ईदगाह में कार्यक्रम होना था। लेकिन मायावती ने कहा कि कोई नई परम्परा नहीं पड़ने दूंगी।

-इसके एवज में बसपा को अपनी सरकार का बलिदान देना पड़ा। पर मायावती ने किसी हिंदू या मुसलमान को खरोंच तक नहीं लगने दी।

-भाजपा और सपा साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण कराकर राजनीति करते हैं। मुलायम पर्दे के पीछे भाजपा और जनसंघ की मदद करते हैं।

-सपा ने बसपा और भाजपा के गठबंधन की झूठी अफवाह फैलाई, ताकि मुस्लिम वोटों का बंटवारा हो जाए और भाजपा को उसका लाभ मिल सके।

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