छुटभैया दलों की सुनिए जनाब-राम अगर SC/ST होते तो अध्यादेश ला चुकी होती BJP

अक्सर सियासी दांव रोमांचित कर देते हैं, कुछ गुदगुदाते भी हैं। सियासी दलों और नेताओं से जुड़े चुटकुलें भी जनता के बीच मशहूर हैं। मौजूदा विषय भी मौजूं है। ऐन चुनाव के वक्त सियासी पिटारे से अयोध्या राम मंदिर निर्माण का मंत्र फूट पड़ा है। इसे लपकने को छुटभैया दल भी आतुर हैं। ऐसा ही एक रोचक बयान से हम आपको रूबरू कराते हैं। 

Update:2018-11-23 21:12 IST

लखनऊ : अक्सर सियासी दांव रोमांचित कर देते हैं, कुछ गुदगुदाते भी हैं। सियासी दलों और नेताओं से जुड़े चुटकुलें भी जनता के बीच मशहूर हैं। मौजूदा विषय भी मौजूं है। ऐन चुनाव के वक्त सियासी पिटारे से अयोध्या राम मंदिर निर्माण का मंत्र फूट पड़ा है। इसे लपकने को छुटभैया दल भी आतुर हैं। ऐसा ही एक रोचक बयान से हम आपको रूबरू कराते हैं।

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ऐसा ही एक दल है बहुजन विजय पार्टी। उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव चन्द्र ने राममंदिर मुद्दे पर बयानबाजी कर इसे एक नयी राह पकड़ाने की कोशिश शुरू कर दी है। उन्होंने भाजपा आरोप लगाते हुए कहा है कि राम एससी एसटी नहीं थे, अगर राम एससी एसटी होते तो भाजपा कबका अध्यादेश ला चुकी होती।

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भाजपा जान-बूझकर राम मंदिर पर अध्यादेश नहीं ला रही, उसे पता है कि राम मन्दिर मुद्दा ही भाजपा की असली ताकत है और मन्दिर बनने से यह मुद्दा खत्म होते ही भाजपा की दशा अन्य पार्टियों जैसी हो जायेगी। भाजपा की रूचि अयोध्या मुद्दे को टालने में है। किसी भी कीमत पर वह अभी लोकसभा चुनावों के पूर्व इस प्रकरण का हल निकालने के बजाय केवल इसकी आड़ में जनभावनाओं को भड़कायेगी। भाजपा अगले 50 सालों तक मन्दिर मुद्दे का टालने की फ़िराक में है। भाजपा अपनी पूरी ताकत लगाकर अगर मन्दिर नहीं बना सकी तो इसका कारण उसकी कमजोर राजनीतिक इच्छाशक्ति है।

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