गायत्री की मांग पर जमानत की सुनवाई टली, शिकायतकर्ता ने लगाए पुलिस पर आरोप

तीनों अभियुक्तों को जमानत देने सम्बंधी सत्र न्यायालय के आदेश के क्रियान्वयन पर 28 अप्रैल को रोक लगा दी थी। साथ ही अभियुक्तों को नोटिस भी जारी किया गया था जिस पर जवाब देने के लिए शुक्रवार को गायत्री प्रजापति की ओर से समय दिए जाने की मांग की गई।

Update:2017-05-12 18:49 IST
21 और 22 फरवरी को अधिवक्ताओं की गैर मौजूदगी में नहीं होगा प्रतिकूल आदेश 

लखनऊ: हाईकोर्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति व उनके दो अन्य सहयोगी अभियुक्तों की जमानत पर रोक के मामले में 26 मई को अगली सुनवाई तय की है। अभियुक्तों की ओर से अपना जवाब पेश करने के लिए शुक्रवार को और समय की मांग की गयी थी, जिसे मानते हुए जस्टिस एपी साही ने सुनवाई टाल दी।

जमानत पर रोक

बताते चलें कि मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डीबी भोसले ने तीनों अभियुक्तों को जमानत देने सम्बंधी सत्र न्यायालय के आदेश के क्रियान्वयन पर 28 अप्रैल को रोक लगा दी थी। साथ ही अभियुक्तों को नोटिस भी जारी किया गया था जिस पर जवाब देने के लिए शुक्रवार को गायत्री प्रजापति की ओर से समय दिए जाने की मांग की गई।

वहीं दो अन्य अभियुक्तों विकास व अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू की ओर से संशोधन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया था।

न्यायालय ने सभी प्रार्थना पत्रों पर एक साथ सुनवाई का निर्देश दिया है। इस मामले में अभियुक्तों की ओर से सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका भी दाखिल की गई थी लेकिन शीर्ष अदालत ने अभियुक्तों को हाईकोर्ट जाने को कहा था।

शिकायतकर्ता को खतरा

वहीं शुक्रवार को मामले की शिकायतकर्ता की ओर से शपथ पत्र दाखिल करते हुए पुलिस पर आरोप लगाया गया कि अन्य दो अभियुक्तों को पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर सकी है जिसकी वजह से शिकायतकर्ता पर खतरा बना हुआ है। उन्होंने 1 मई को पुलिस महानिदेशक को दी गई शिकायत भी पेश की जिसमें कहा गया है कि शिकायतकर्ता पर दबाव बनाया जा रहा है।

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