Banda News: DM ने दवा खाकर शुरू किया फाइलेरिया से बचाव अभियान, रैली को दिखाई हरी झंडी

Banda News: IAS दुर्गाशक्ति नागपाल ने इंदिरा नगर स्थित एक स्कूल में छात्राओं को अपने हाथों से दवा खिलाई। उन्होंने कहा- ज्यादा से ज्यादा लोग न केवल खुद फाइलेरिया से बचाव की दवा खाएं बल्कि आस-पास के लोगों को भी दवा खाने के लिए प्रेरित करें।

Report :  Om Tiwari
Update: 2024-02-10 13:36 GMT

Banda News: DM Durgashakti Nagpal (Pic:Newstrack)

Banda News: जिलाधिकारी IAS दुर्गाशक्ति नागपाल ने शनिवार (10 फरवरी) को जिला अस्पताल में फाइलेरिया उन्मूलन जन जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाने से पहले दवा खाकर फाइलेरिया से बचाव अभियान का श्रीगणेश किया। एक तरह से उन्होंने जनपदवासियों से कहा- “दवा खा निभाई जिम्मेदारी अब है आप सब की बारी।”

रैली में गूंजते नारों ने खींचा सभी का ध्यान


फाइलेरिया उन्मूलन जन जागरूकता रैली में नर्सिंग छात्र छात्राओं ने हिस्सा लिया। “जन-जन का है एक ही नारा, फाइलेरिया मुक्त हो देश हमारा” और “स्वस्थ होगा शहर व गांव, जब जड़ से मिटेगा हाथी पांव”..आदि नारे गूंजते रहे। लोगों को 10 से 27 फरवरी तक चलने वाले फाइलेरिया उन्मूलन अभियान से अवगत कराया गया। रोग से बचाव के लिए दवा खाने और आसपास सफाई रखने के लिए प्रेरित किया गया।

IAS दुर्गाशक्ति ने छात्राओं को खुद पिलाई दवा

IAS दुर्गाशक्ति ने इंदिरानगर स्थित एक स्कूल में छात्राओं को अपने हाथों से फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई। उन्होंने कहा- सभी लोग दवा का सेवन जरूर करें। आस-पास के लोगों को दवा सेवन के लिए प्रेरित करें। दवा खाने से फाइलेरिया (हाथीपांव व हाइड्रोसील) से बचाव होगा । उन्होंने फाइलेरिया उन्मूलन की शपथ दिलाकर अभियान के समर्थन में हस्ताक्षर भी किए।



 बांदा जिले में 20.86 लाख लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी अजय कुमार ने बताया- जिले में करीब 20.86 लाख लोगों को दवा खिलाई जाएगी। सभी प्रखंडों में व्यापक कार्यक्रम होगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग लाभ ले सकें। दवा खिलाने के लिए सभी आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य केंद्र समेत वार्ड कार्यालय बूथ बनाए गए हैं।

1814 टीमों पर 300 पर्यवेक्षक रखेंगे नजर


अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी मुकेश पहाड़ी ने बताया- अभियान में 1814 टीमें लगाई गई हैं। 300 पर्यवेक्षक नजर रखेंगे। फाइलेरिया से बचाव की दवा शरीर में परजीवियों को मारती है। प्रतिक्रिया में सिर व शरीर दर्द, बुखार, उल्टी और बदन पर चकत्ते जैसे लक्षण फाइलेरिया से मुक्त के सूचक हैं। उन्होंने बताया- जिले में हाथीपांव के 732 मरीज हैं। इजाफा न होने देने के लिए बड़ी आबादी को दवा का सेवन कराना जरूरी है।

आशा और स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर खिलाएंगे दवा

जिला मलेरिया अधिकारी (DMO) पूजा अहिरवार ने कहा- अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ता व स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर अपने सामने ही दो वर्ष से अधिक लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाएंगे। गर्भवती और गंभीर बीमार को दवा सेवन नहीं करना है। एक-दो वर्ष के बच्चों को पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाई जाएगी।


अभियान के पहले दिन नहीं मिली दवा दुष्प्रभाव की कोई शिकायत

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक समेत सभी स्वास्थ्य अधिकारियों, स्वयंसेवी संस्था के प्रतिनिधियों और बड़ी संख्या में आम लोगों ने भी दवा का सेवन किया। डीएमओ ने बताया- अभियान के पहले दिन दवा सेवन के दुष्प्रभाव की कोई घटना सामने नहीं आई। इस अवसर पर मलेरिया निरीक्षक, यूनिसेफ, स्वयंसेवी संस्था सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर), पीसीआई और पाथ के प्रतिनिधि तथा अस्पताल के कर्मचारी मौजूद रहे।

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