Banda: नशा और जाति व्यवस्था गांवों के विकास में बाधक, चिंतन शिविर का आयोजन

Banda News: नई दिल्ली से आए वरिष्ठ पत्रकार भारत डोगरा और जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल भाई गांवों को नशा और भेदभाव मुक्त बनाने पर जोर दिया।

Report :  Om Tiwari
Update:2024-02-29 21:44 IST

'ग्राम पुनर्रचना चिंतन शिविर' में वरिष्ठ पत्रकार भारत डोगरा। (Pic: Newstrack)

Banda News: केन तट पर कोलावल रायपुर गांव में शुक्रवार (29 फरवरी) को 'ग्राम पुनर्रचना चिंतन शिविर' में नई दिल्ली से आए वरिष्ठ पत्रकार भारत डोगरा ने कहा, 'नशा से मुक्त हुए बिना किसी भी समाज या गांव का विकास संभव नहीं है। नशा विरोधी समिति बनाकर इस दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है।' जबकि जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल भाई ने जाति व्यवस्था को गांवों के विकास में सबसे बड़ी बाधा बताते हुए भेदभाव के खात्मे पर जोर दिया।


महिलाओं में बढ़ती नशे की लत चिंताजनक: डोगरा

विद्याधाम समिति की अगुवाई में चिंगारी संगठन के दो दिवसीय ग्राम पुनर्रचना चिंतन शिविर के पहले दिन का पहला सत्र वरिष्ठ पत्रकार डोगरा के नाम रहा। उन्होंने कहा, 'बुंदेलखंड से पलायन का कारण सरकारी योजनाओं का ठीक से क्रियान्वयन न होना है। दरअसल, हम दूसरे से योजनाओं का लाभ मांगते हैं। मनरेगा, आवास, शिक्षा एवं स्वास्थ्य आदि योजनाएं बानगी हैं। मांगने से भीख मिलती है, अधिकार नहीं। आज की पीढ़ी को सबसे ज्यादा नुकसान नशा रहा है। पुरुष ही नहीं, महिलाएं भी नशे से अछूती नहीं हैं। इसे खत्म किए बिना किसी भी समाज या गांव का विकास संभव नहीं है।' उन्होंने कहा कि नशा विरोधी समितियां बनाकर गांवों को नशा मुक्त बनाएं।

भेदभाव मिटाकर जलाएं गांव पुनर्रचना की मशाल: गोपाल भाई

दूसरे सत्र के दौरान ग्राम सह बैठक में महिलाओं के गांव वार ग्रुप बनाकर समस्याएं चिन्हित की गईं। सामूहिक चर्चा का दौर चला। चर्चा में शामिल जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल भाई ने समस्याओं के समाधान सुझाए। उन्होंने कहा, 'जाति व्यवस्था गांवों विकास में सबसे बड़ी बाधा है। भेदभाव खत्म कर सभी लोग संगठन जुड़ें। संगठन को मजबूत बनाएं। ग्राम पुनर्रचना की मशाल जलाएं।'


गांवों की पुनर्रचना में बैंकों की आधार भूमिका

SBI के रीजनल मैनेजर राजीव लोचन ने कहा, 'गांव की पुनर्रचना में बैंकों की आधार भूमिका है। वित्तीय असमानता समाप्त करके ही ग्रामीण विकास की ओर अग्रसर हुआ जा सकता है। इससे पहले वृक्ष पूजन का सिलसिला चला। दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। लल्लूराम शुक्ल की संगीतमय स्वर लहरियों ने समा बांधा। प्रेरक गीत से महिलाओं में जोश भरा। संचालन विद्याधाम समिति मंत्री राजा भैया ने किया।

अनेक गांवों मजरों की महिलाओं ने किया सहभाग

शिविर में अवधेश द्विवेदी, योगेंद्र पांडेय, श्रमिक भारती के उत्कर्ष द्विवेदी, रामकरन यादव, ग्राम प्रधान राममनोहर यादव, मुबीना खान, अर्चना, शशि, कुबेर सिंह, शिवकुमार गर्ग, मुस्तफा अली, माया श्रीवास्तव, प्रिया, रीना, वालिंटियर मुबीन, सुनैना, जितेंद्र, सागर, ममता, उर्मिला और निर्मला समेत भुजियारी पुरवा, अतर्रा ग्रामीण, भज्जू पुरवा, बाबूपुर, नौगवां, गुढ़ा, कालिंजर, नीबी, बंजारा, मसुरी खेरवा, घसरौंट और राजाराम पुरवा आदि गांव मजरों की महिलाएं भी मौजूद रहीं।

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