Mukhtar Ansari Death: दादा स्वतंत्रता सेनानी, नाना महावीर चक्र विजेता, चाचा उपराष्ट्रपति, फिर भी माफिया डॉन बन गया मुख्तार अंसारी
Mukhtar Ansari News: मुख्तार अंसारी की गिनती उत्तर प्रदेश के बड़े बाहुबलियों में की जाती रही है। मुख्तार अंसारी का जन्म 20 जून साल 1963 को यूपी के गाजीपुर जिले में हुआ था। उसके पिता का नाम सुबहानउल्लाह अंसारी और मां का नाम बेगम राबिया था।
Mukhtar Ansari: बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की आज हार्ट अटैक से मौत हो गई। बांदा जेल की बैरक में अचानक बेहोश होकर गिरने के बाद मुख्तार अंसारी को मेडिकल कॉलेज लाया गया था जहां डॉक्टरों ने मुख्तार को मृत घोषित कर दिया। जानकार सूत्रों का कहना है कि अचानक हार्ट अटैक की वजह से मुख्तार अंसारी बेहोश होकर गिर गया था। हालत काफी गंभीर होने के कारण उसे आनन-फानन में कड़ी सुरक्षा के बीच अस्पताल पहुंचाया गया था मगर मुख्तार की मौत हो गई।
इससे पहले मंगलवार को भी मुख्तार (Mukhtar Ansari Death) की तबीयत काफी बिगड़ गई थी और उसे रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। मुख्तार का करीब 14 घंटे तक आईसीयू में रखकर इलाज किया गया था। इस दौरान मुख्तार के बड़े भाई और गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने भी उनसे मुलाकात की थी। मुख्तार ने कुछ समय पूर्व अदालत में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि उसे खाने में धीमा जहर दिया जा रहा है।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे मुख्तार के दादा
मुख्तार अंसारी की गिनती उत्तर प्रदेश के बड़े बाहुबलियों में की जाती रही है। मुख्तार अंसारी का जन्म 20 जून साल 1963 को यूपी के गाजीपुर जिले में हुआ था। उसके पिता का नाम सुबहानउल्लाह अंसारी और मां का नाम बेगम राबिया था। मुख्तार अंसारी के पिता वामपंथी नेता थे।
साफ सुथरी छवि के कारण उन्होंने 1971 में हुए नगर पालिका चुनाव में निर्विरोध जीत हासिल की थी। मुख्तार के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे। मुख्तार अंसारी के दादा महात्मा गांधी के करीबी हुआ करते थे।
नाना महावीर चक्र विजेता,चाचा बने उपराष्ट्रपति
मुख्तार के नाना ब्रिगेडियर उस्मान महावीर चक्र (Mahavir Chakra) विजेता रहे हैं। ब्रिगेडियर उस्मान (Brigadier Usman Ansari) 1947 की नौशेरा की जंग में शहीद हुए थे। उन्होंने 1947 में भारतीय सेना की ओर से केवल नौशारा की जंग लड़ी बल्कि भारत को जीत भी दिलाई। उनकी वीरता का सम्मान करने के लिए ही बाद में उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था। यही नहीं मुख्तार के पिता भी कद्दावर नेता थे।
कभी मुख्तार अंसारी के घर पर फरियादियों की भीड़ लगी रहती थी। मुख्तार अंसारी तीन भाइयों में सबसे छोटा था। उसकी पत्नी का नाम अफशां अंसारी (Afshan Ansari) है। मुख्तार के दो बेटे अब्बास अंसारी व उमर अंसारी हैं। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी (Hamid Ansari) रिश्ते में मुख्तार के चाचा लगते हैं।
पूरे प्रदेश में बोलती थी मुख्तार की तूती
रोबदार मूंछों वाला यह विधायक भले ही हाल का दिनों में व्हील चेयर पर बैठा नजर आया हो मगर एक जमाना ऐसा भी था जब पूर्वांचल के कई जिलों में उसकी तूती बोला करती थी। एक वक्त ऐसा भी आया जब पूरा सूबा उसके नाम से कांपा करता था। उसका गिरोह इतना लंबा चौड़ा था कि मुख्तार के शूटर इशारा मिलते ही मुख्तार के विरोधी का खात्मा कर दिया करते थे।
2005 में हुआ कृष्णानंद राय हत्याकांड
मुख्तार अंसारी के खिलाफ सबसे चर्चित मामला भाजपा विधायक कृष्णानंद राय (Krishnanand Rai) की हत्या का है। कृष्णानंद राय ने 2002 में गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट अंसारी परिवार से छीन ली थी। इस सीट पर 1985 से ही अंसारी परिवार का कब्जा था। कृष्णानंद राय विधायक के रूप में अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके थे और 2005 में उन्हें गोलियों से भून दिया गया था। उनके साथ सात अन्य लोग भी मारे गए थे।
1988 में दर्ज हुआ था पहला मुकदमा
मुख्तार अंसारी के गुनाहों की लिस्ट काफी लंबी है। उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) के मुताबिक देशभर में मुख्तार अंसारी पर कुल 52 केस दर्ज हैं जिसके कारण वह तकरीबन दो दशक से जेल में बंद हैं। मुख्तार अंसारी के खिलाफ पहला मामला साल 1988 में हत्या का केस गाजीपुर कोतवाली में दर्ज किया गया था।
हालांकि पुलिस उनके खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं जुटा पाई थी। 90 के दशक में मुख्तार अंसारी ने प्रॉपर्टी और ठेके का काम शुरू किया। इसके अलावा मुख्तार ने अपना गिरोह बनाते हुए विवादित जमीनों पर भी जमकर कब्जा किया।
योगी के सीएम बनने के बाद कसा शिकंजा
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश सरकार की ओर से लगातार मुख्तार अंसारी पर शिकंजा कसा गया और उसकी अभी तक सैकड़ों करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। सरकार के कड़े रुक कारण मुख्तार की सैकड़ो करोड़ की संपत्ति पर अभी तक बुलडोजर चल चुका है।
मुख्तार के आर्थिक साम्राज्य को तहस-नहस करने के साथ ही प्रदेश पुलिस ने उसके गिरोह को भी छिन्न-भिन्न कर दिया। प्रदेश के विभिन्न इलाकों से उसके गिरोद से जुड़े सैकड़ो लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं जिनमें से तमाम लोगों पर गुंडा एक्ट की कार्रवाई भी की गई है।