Banda News: बांदा में साल भीतर 75 महिलाओं समेत 192 किसानों ने चुनी मौत, प्राकृतिक खेती और नशामुक्ति आत्महत्याओं का निदान

Banda News: विद्याधाम समिति का सर्वे पेश करते हुए प्रभा मिश्रा व अर्चना कुशवाहा ने स्पष्ट किया कि आंकड़ों का स्रोत सर्वे और समाचार पत्रों की कतरनें हैं।एक साल में जिले में 75 महिलाओं समेत 192 किसानों ने आत्महत्या की है।

Report :  Om Tiwari
Update:2024-11-16 20:17 IST

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Banda News: अतर्रा स्थित विद्याधाम समिति कार्यालय में शनिवार को आयोजित जन संवाद कार्यक्रम के दौरान एक सर्वे के हवाले से जिले में साल भीतर 192 किसानों के आत्महत्या करने का खुलासा हुआ। आत्महत्या करने वालों में 75 महिला किसान शामिल हैं। जान देने वाले किसानों में 90 फीसद कर्जदार रहे हैं। मृतकों के 70 फीसद परिवार पलयान कर गए हैं। इस बीच निदान भी पेश हुआ। कहा गया, प्राकृतिक खेती अपनाने और नशामुक्ति से आत्महत्याओं के सिलसिले पर लगाम लग सकती है।

ज्यादतर गांवों में मनरेगा ठप, बेमौसम बारिश और फसलें सूखने से कर्ज लेना किसानों की नियति

विद्याधाम समिति का सर्वे पेश करते हुए प्रभा मिश्रा व अर्चना कुशवाहा ने स्पष्ट किया कि आंकड़ों का स्रोत सर्वे और समाचार पत्रों की कतरनें हैं।एक साल में जिले में 75 महिलाओं समेत 192 किसानों ने आत्महत्या की है। 90 फीसद मामलों में वजह बैंकों और साहूकारों का कर्ज रहा है। 70 फीसद पीड़ित परिवार पलायन कर गए हैं। पिछले दो वर्षों से अधिकतर ग्राम पंचायतों में मनरेगा ठप है। धरती का तापमान बढ़ा और जलस्तर घटा है। बेमौसम बारिश होती है। फसलें सूख जाती हैं। इस दौरान बुंदेलखंड के प्रमुख मुद्दों और क्षेत्रीय समस्याओं पर भी चर्चा हुई।

आंकड़ों से चकित हुए जाने-माने पत्रकार भारत डोगरा

जनसंवाद कार्यक्रम में पेश हुई सर्वे रिपोर्ट पर नई दिल्ली से आए जाने-माने पत्रकार भारत डोगरा ने आश्चर्य जताया। डोगरा ने कहा, आत्महत्याएं रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में स्थिति बहुत भयावह हो जाएगी। कर्ज में डूबे किसान को उबरने के लिए प्राकृतिक खेती शुरू करनी होगी। इससे खेती की लागत घटेगी। महाराष्ट्र में किसानों ने जैविक खादों का इस्तेमाल करना शुरू किया है। थोड़ी सी भूमि पर किचन गार्डेन तैयार करके अपने उपयोग की सब्जियां उगाई जा सकती है। साथ ही संगठन की मजबूती जरूरी है। एक-दूसरे के सुख दुख में शरीक हों। उन्हें हिम्मत दिलाएं। जिससे लोगों के मन में आत्महत्या का ख्याल ही न आए।

वरिष्ठ पत्रकार डोगरा ने कहा, बुंदेलखंड में गुटखा, शराब, बीड़ी-सिगरेट, पान मसाला इत्यादि नशे का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। महिलाओं में भी यह प्रवृत्ति बढ़ी है। इस पर अंकुश की जरूरत है। विद्याधाम समिति मंत्री राजा भैया ने कहा, समिति ने वर्ष 2020 से आत्महत्याओं के आंकड़े इकट्ठा किए हैं। साल दर साल आत्महत्या करने वालो की संख्या में इजाफा हो रहा है। कार्यक्रम में संगीताचार्य लल्लूराम शुक्ल, समाजसेविका माया श्रीवास्तव, पूर्व शिक्षक रामधनी यादव व भगवती प्रसाद, पूर्व प्रधान विजय बहादुर आदि ने भी विचार रखे।

अनेक गांवों के महिला पुरुषों ने की शिरकत

चिनगारी संगठन की मुबीना खातून ने संचालन करते हुए समुदाय केंद्रित प्रयासों पर रौशनी डाली। सीमा, वर्षा, इमरान अली, शिव कुमार, रीना, मुबीन आदि व्यवस्था संभाले रहे। कार्यक्रम में भग्गू पुरवा, टिर्रा पुरवा, नग्नेधी, बछेई, नौगवां, बाबू पुरवा, अतर्रा ग्रामीण, बंजारा इत्यादि गांवों के महिला-पुरुष शामिल हुए।

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