SP का ये फरमानः हैरत में पड़ गए अधिवक्ता, 8 अक्टूबर को लेंगे बड़ा फैसला

हरदोई के एसपी अनुराग वत्स ने मुख्य चिकित्साधिकारी से कहा है कि जिला अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा बिना पुलिस जानकारी के शपथ पत्र और मेडिको लीगल कर देते है।

Update: 2020-10-06 17:00 GMT

हरदोई। पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स के एक आदेश से अधिवक्ता हैरत में पड़े है।अधिवक्ताओं ने इस हैरतअंगेज आदेश को लेकर 8 अक्टूबर को आम सभा की बैठक बुलाई है उसके बाद निर्णय करेंगे।

8 अक्टूबर को अधिवक्ताओं ने बुलाई आम सभा की बैठक

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के एसपी अनुराग वत्स नए नए प्रयोग करने के लिए जाने जाते है।अब ऐसे में एसपी ने एक और नया प्रयोग किया है जिसने अधिवक्ताओं को हैरत में डाल दिया है।एसपी के पत्र के बाद स्वास्थ्य विभाग के मुखिया सीएमओ द्वारा अपने विभाग के मातहतों को एक सख्त आदेश जारी कर दिया है जिसके बाद से यह स्थिति आ गयी।

SP ने डाॅक्टरों को लेकर दिया था ये बयान

दरअसल, हरदोई के एसपी अनुराग वत्स ने एक पत्र मुख्य चिकित्साधिकारी को लिखकर कहा है कि जिला अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा बिना पुलिस जानकारी के शपथ पत्र और मेडिको लीगल कर देते है, जिसकी जानकारी पुलिस को न हो पाती है। जिसके बाद से आक्रामक पक्ष द्वारा एफआईआर दर्ज कराई जाती है यह विषय चिंता का है।

एसपी अनुराग वत्स के आदेश से अधिवक्ताओं में रोष

इस पत्र के बाद मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर सूर्यमणि त्रिपाठी ने एक आदेश मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को जारी करते हुए एसपी के पत्र का हवाला देकर निर्देशित किया है कि यदि कोई घायल मजरूब गम्भीर अवस्था मे आता है तो प्राथमिकता के आधार पर उसका इलाज किया जाएगा और सूचना सम्बन्धित थाने को देकर उसके बाद ही मेडिकोलीगल किया जाएगा और रिपोर्ट दी जाएगी।

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सीएमओ द्वारा दिये गये मनमाने आदेश के प्रति रोष

एसपी के पत्र के बाद सीएमओ द्वारा दिये गये मनमाने आदेश के प्रति रोष प्रकट करते हुए हरदोई बार एसोसिएशन के महामंत्री रोहित श्रीवास्तव ने कहा कि इस पर समग्रता से विचार करने के लिए बार एसोसिएशन की आम सभा की बैठक 8 अक्टूबर को बुलायी गयी है।बार एसोसिएशन के महामंत्री रोहित कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि उनके संज्ञान में आया है कि पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स ने शपथ पत्र के आधार पर जिला चिकित्सालय में प्राइवेट मेडिकल जांच कराने पर रोक लगाने का एक पत्र मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भेजा है जिसके बाद प्राइवेट होने वाली मेडिकल जांच बंद हो गयी है।

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एसपी के आदेश को बताया गैरकानूनी व मौलिक अधिकारों का हनन करने वाला

उन्होंने कहा कि इस प्रकार का आदेश गैरकानूनी व मौलिक अधिकारों का हनन करने वाला है, इसलिए इस पर विचार करने के लिए आम सभा की बैठक बुलाई गई है। बैठक के बाद एसपी के आदेश पर विचार किया जाएगा।अब इस पत्र के बाद 8 अक्टूबर को आमसभा की बैठक के बाद अग्रिम रणनीति पर चर्चा होगी।

मनोज तिवारी

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