Barabanki Madrasa: मदरसों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस वाला पहला जिला, यहां रोजाना होता है राष्ट्र गान
Barabanki Madrasa: मदरसों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू करने का भी फैसला किया गया है।
Barabanki Madrasa: उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों (Madrasa) को लेकर बड़े क्रांतिकारी फैसले किये हैं। अब राज्य के मान्यता प्राप्त, सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त मदरसों में छात्रों को नए शैक्षणिक सत्र से कक्षाएं शुरू होने से पहले राष्ट्रगान गाना अनिवार्य (National Anthem Mandatory) होगा। सरकार के फैसले के तहत इसे दूसरी दुआओं के साथ अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही अब मदरसों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम (Biometric Attendance System) लागू करने का भी फैसला किया गया है।
यही नहीं मदरसों की शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए टीईटी की तर्ज पर शिक्षकों की भर्ती के लिए मदरसा शिक्षक पात्रता परीक्षा (एमटीईटी) भी शुरू की जाएगी। जानकारी के मुताबिक अब आठवीं तक परीक्षाओं में विज्ञान, अंग्रेजी और गणित के सवाल भी शामिल किए जाएंगे। सरकार के इन तमाम फैसलों का बाराबंकी जिले के मदरसों और यहां के शिक्षकों ने स्वागत किया है। साथ ही बाराबंके के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने बताया कि बाराबंकी प्रदेश में पहला ऐसा जिला है जो जहां के सभी मदरसों में सरकार के फैसले से पहले ही यहां के सभी शिक्षकों की अटेंडेंस बायोमेट्रिक से होती है। उनका मानना है कि सरकार के इन क्रांतिकारी निर्णयों से मदरसों की गुणवत्ता, बच्चों की शिक्षा के स्तर में काफू सुघार भी होगा।
बाराबंकी जिले के रसौली कस्बे में स्थित मदरसा जामिया मदीनतुल उलूम की अगर बात करें तो यहां के प्रिंसपल और शिक्षकों ने सरकार के सभी फैसलों से काफी खुश हैं। इस मदरसे में सभी छात्र-छात्राओं में शिक्षा के प्रति काफी लगाव दिखा। यहां के बच्चे सभी तरह की एक्टिविटि में काफी आगे दिखे। चाहे हिंदी, अंग्रेजी या उर्दू समेत बाकी विषयों का ज्ञान हो या फिर आर्ट, सामान्य ज्ञान और दूसरे सबजेक्ट का ज्ञान, इस मनदरसे के बच्चे सभी बातों में आगे दिखे। यहां मदरसे के बच्चे रोजाना नियमित रूप से क्लास शुरू होने से पहले दुआओं के साथ राष्ट्रगान गाते हैं।
मदरसे में NCERT से अप्रूव किताबों से ही होती है पढाई
मदरसे के प्रिंसपल और शिक्षकों ने बताया कि मदरसे में NCERT से अप्रूव किताबों को ही पढ़ाया जाता है। मदरसों की परीक्षा भी बोर्ड के माध्यम से होती है। उन्होंने बताया कि बच्चे रोजाना मदरसों में आते हैं और मन लगाकर पढ़ाई करते हैं। उनका कहना है कि मदरसे के अंदर बोर्ड के सारे नियम का पालन होता है। मदरसे में हिंदू, उर्दू, गणित, इंग्लिश समेत तमाम विषय पढ़ाये जाते हैं। साथ ही बच्चों को मदरसे में राष्ट्रगान भी नियमित कराया जाता है। इस मदरसे के बच्चे भी काफी एक्चिव दिखे और उन्हें सभी विषयों की अच्छी जानकारी भी है।
वहीं बाराबंकी के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी बालेंदु कुमार द्विवेदी ने बताया कि उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद लंबे समय से गुणवत्ता, बच्चों की शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने की कोशिश में लगा हुआ है। इसी क्रम में बोर्ड की बैठक में कई क्रांतिकारी निर्णय हुए हैं। इसमें मुख्य रूप से बच्चों की उपस्थिति को सुनिश्चित करना है। इसके अलावा मदरसों में टीचर्स की उपस्थिति अब बायोमेट्रिक से यानी ऑनलाउइन होगी। उन्होंने बताया कि बाराबंकी अकेला ऐसा जनपद है जहां पहले से ही टीचर्स की बायोमेट्रिक अटेंडेंस की सुविधा है। इसके अलावा बोर्ड ने यह तय किया है कि मदरसों में कक्षाएं प्रांरभ होने से पहले प्रार्थना या दुआ के साथ ही नियमित रूप से राष्ट्रगान भी कराया जाएगा। जिससे बच्चों में एक राष्ट्रीय चेतना का संचार हो सके। उन्होंने कहा कि इस फैसले से मदरसे के बच्चे राष्ट्र की मुख्य धारा से जुड़ेंगे। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय में भी अब लड़कियों की शिक्षा के प्रति जागरुकता आई है। जिससे अब मदरसों में भी बच्चों की संख्या काफी बढ़ी है। यह समाज के लिये भी काफी सकारात्मक संकेत है।