Barabanki News: घाघरा-सरयू नदी का तांडव है जारी, 30 घरों सहित सरकारी स्कूल भी नदी में समाया
Barabanki News: अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार सिंह ने बताया है कि पीड़ितों के खाते में तत्काल आर्थिक सहायता राशि पहुंचा दी गई है। लोगों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो इसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से लगा हुआ है।
Barabanki News: घाघरा और सरयू नदी इन दिनों पूरे उफान पर चल रही हैं। तीव्र बहाव के चलते कटान काफी तेजी से हो रहा है, दर्जनों दर्जनों घर घाघरा सरयू नदी के इस भीषण कटान में बह गए हैं, लोग बेघर हो गए हैं। लोग अपना आसरा छोड़कर पलायन कर रहे हैं। बता दें कि सरकार के द्वारा घाघरा सरयू नदी की कटान रोकने के लिए करोड़ों रुपए बर्बाद किए जाते हैं, इसके बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। इस वर्ष भी घाघरा सरयू नदी की कटान में बाराबंकी जिले के कई गांव चपेट में आए। पक्के मकान हो या प्राथमिक विद्यालय सब घाघरा सरयू नदी की जद में समाते चले जा रहे हैं। प्रशासन लगातार दावा कर रहा है की बाढ़ पीड़ित परिवारों को आर्थिक मुआवजा और घर बनाने के लिए जमीन का पट्टा किया जा रहा है, लेकिन दूसरी तरफ बात करें तो लोगों के घर जो नदी में समा गए हैं वह अपना परिवार लेकर के सुरक्षित स्थानों पर डेरा बनाकर जीवन जीने को मजबूर हैं।
बाराबंकी जिले जिले की रामनगर तहसील क्षेत्र के दर्जनों गांव घाघरा सरयू नदी की बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं, जिसमें सबसे ज्यादा रामनगर तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत सरसंडा का मजरे बबुरी गांव बुरी तरह से प्रभावित है। पूरा गांव लगभग नदी की जद में समा चुका है। 30 से ज्यादा पक्के मकान और एक प्राथमिक विद्यालय घाघरा सरयू नदी के तीव्र बहाव में कट कर नदी में बह गए हैं। लोग अब सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे हैं, क्योंकि घाघरा सरयू नदी खतरे के निशान से 47 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। अगर हम बात करें बाढ़ विभाग के अधिकारी राजस्व तहसील के अधिकारी कि वह मौके पर तो मौजूद है प्रशासन के द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में समुचित व्यवस्था बाढ़ पीड़ितों के करने का दावा किया जा रहा है, लेकिन बाढ़ पीड़ितों की माने तो उनका आसरा नदी में बह जाने के बाद वह पलायन करने को मजबूर हैं। खाने पीने की भी लोगों के पास किल्लत हो रही है क्योंकि घाघरा नदी का विकराल रूप दिन प्रतिदिन बढ़ता चला जा रहा है।
अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार सिंह ने बताया है कि रामनगर तहसील क्षेत्र के बाबुरी गांव में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सरकार के निर्देश पर पट्टा की जमीन सुनिश्चित कर ली गई है। उसके साथ ही बाढ़ पीड़ितों के खाते में तत्काल आर्थिक सहायता राशि पहुंचा दी गई है। लोगों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो इसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से लगा हुआ है, क्योंकि काटन होने से पहले ही गांव के सभी लोगों को प्रशासन के द्वारा सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा चुका है। बाढ़ पीड़ितों के खाने-पीने और रहने की व्यवस्था जिला प्रशासन सुनिश्चित कर रहा है किसी भी प्रकार की दिक्कत बाढ़ पीड़ितों को ना हो जिसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।