Deva Sharif Mela: देवा महोत्सव में मालिनी अवस्थी और जावेद अली देंगे प्रस्तुति, इतने दिनों तक चलेगा मेला
Deva Sharif Mela: सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की सरजमी देवा शरीफ में उनके पिता सैय्यद कुर्बान अली शाह की याद में विश्व प्रसिद्ध देवा मेला 10 दिनों तक चलने वाला मेला 30 अक्टूबर से शुरू होगा।
Deva Sharif Mela: सूफी संत हाजी वारिस अली शाह की सरजमी देवा शरीफ में उनके पिता सैय्यद कुर्बान अली शाह की याद में विश्व प्रसिद्ध देवा मेला 10 दिनों तक चलने वाला मेला 30 अक्टूबर से शुरू होगा। हर साल कार्तिक महीने के करवाचौथ से शुरू होने वाले इस मेले में पशुओं का विशाल बाजार लगता है। जिसमें अच्छी नस्ल के घोड़े, गधे, भैंस और गायों की खरीद और बिक्री होती है। लखनऊ मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर दूर बाराबंकी में लगने वाले इस मेले में लोग दू-दूर से आते हैं। देवा शरीफ की मजार को हिंदू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है।
मानवता के प्रेमी थे हाजी वारिस अली शाह
पुराने अवध क्षेत्र के दिल बाराबंकी जिला मुख्यालय से मात्र 12 किलोमीटर हाजी वारिस अली शाह की जन्मस्थली है, जहां ये मेला लगता है। हाजी वारिस अली शाह के बारे में बताया जाता है कि वे मानवता के प्रेमी थे। उनका जन्म 19वीं शताब्दी की पहली तिमाही में हुसैनी सय्यदों के एक परिवार में हुआ। बचपन में ही पिता सय्यद कुर्बान अली शाह का देहांत हो गया। हिंदु समुदाय ने उन्हें उच्च सम्मान में रखा तथा उन्हें एक आदर्श सूफी और वेदांत का अनुयायी मानते थे। 7 अप्रैल, 1905 को वे दुनिया को अलविदा कह गये। उन्हें वहीं दफनाया गया जहां उनकी मौत हुई थी। वहां उनके कुछ अनुयायियों जिसमें हिंदू और मुसलमान दोनों थे, ने उनकी स्मृति में एक भव्य स्मारक बनवाया। हर साल सफर महीने में पवित्र कब्र पर उर्स आयोजित होता है।
मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है
हाजी वारिस अली शाह कार्तिक के महीनें में अपने पिता के उर्स का आयोजन करते थे, जिसे संतों उनकी याद में देवा मेला के नाम से एक बड़ा मेला आयोजित करते हैं। देश के सभी हिस्सों और विदेशों से तीर्थयात्री महान सूफी संत, हाजी वारिस अली शाह और उनके पिता कुर्बान अली शाह को श्रद्धांजलि अर्पित करने आते हैं। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
ऑल इंडिया मुशायरा, कवि सम्मेलन, संगीत सम्मेलन, मानस सम्मेलन, सीरतुन-नबी इत्यादि का भी आयोजन होता है। खेल प्रेमियों के लिए हॉकी, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, एथलेटिक्स जैसे खेलों का भी आयोजन किया जाता है। सैकड़ों सजी दुकानें हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। हस्तशिल्प, घरेलू उपयोग की वस्तुएं, खिलौने, स्वादिष्ट स्नैक्स और मिठाइयों की महक मेले की रौनक बढ़ा देती है।