Barabanki: बबुरी के बाद अब दूसरे गांवों को लीलने को बेताब सरयू नदी, अपने ही मकान तोड़कर दूसरी जगह पहुंचे ग्रामीण

Barabanki News: रामनगर तहसील क्षेत्र अंतर्गच सूरतगंज ब्लाक के बाढ़ प्रभावित इलाके हेतमापुर के तटवर्ती गांव से होकर गुजरी हुई सरयू नदी कटान कर तबाही मचाने में जुटी हुई है।

Report :  Sarfaraz Warsi
Update:2024-08-13 11:45 IST

अपने ही मकान तोड़कर दूसरी जगह पहुंचे ग्रामीण   (photo: social media )

Barabanki News: सरयू नदी की कटान में लगातार इजाफा होता जा रहा है। इसी वजह से बबुरी गांव को नदी ने अपने आगोश में लेकर गांव का अस्तित्व ही समाप्त कर दिया। बबुरी के बाद अब केदारीपुर गांव को नष्ट करने के लिए भी सरयू बेताब दिख रही है। कटान से बचने के लिए पीड़ित आशियाने को तोड़कर ईंट, सरिया, दरवाजे और खिड़की आदि सुरक्षित करने पर लगे हैं। तो पहाड़ पर हो रही बारिश से जलस्तर बढ़ने की उम्मीद है। वहीं बाढ़ ग्रस्त इलाकों में भी हो रही बारिश ने भी लोगों की मुसीबतें बाढ़ दी है।

रामनगर तहसील क्षेत्र अंतर्गच सूरतगंज ब्लाक के बाढ़ प्रभावित इलाके हेतमापुर के तटवर्ती गांव से होकर गुजरी हुई सरयू नदी कटान कर तबाही मचाने में जुटी हुई है। खेती योग्य भूमि की कटान के बाद नदी ने एक सप्ताह में दर्जनों परिवारों को बेघर कर दिया। वहीं किसी तरह लोगों ने आशियानों पर हथौड़ा चलाकर, गृहस्थी का सामान निकाल दो दिन स्कूलों में शरण ली, लेकिन नदी ने कंपोजिट विद्यालय बबुरी को भी आगोश में लेकर, बाढ़ पीड़ितों को दूसरे स्कूल, सड़कों व अस्थाई डेरे में शरण लेने के लिए मजबूर कर दिया था।

घर तोड़कर सुरक्षित स्थान पर पलायन

शेष बचे घर के लोग स्वयं घर तोड़कर सुरक्षित स्थान पर पलायन कर रहे हैं। वही नदी बबुरी के बाद अब केदरीपुर गांव को अपनी आगोश में लेने के लिए कटान करते हुए आबादी की ओर बढ़ रही है। नदी और गांव के बीच में सिर्फ चंद कदम का फैसला बचा हुआ है। कटान के साथ बाढ़ के चलते पीड़ितों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश से लोग सहमे हुए हैं। सरयू का पानी भी अभी और बढ़ने की आशंका बरकरार है।


बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि नदी किसी वक्त घरों को अपनी आगोश में लेकर लोगों को बेघर कर सकती है। इसीलिये वह बाढ़ पीड़ित कटान के चलते अपना कीमती सामान सुरक्षित स्थानों की ओर पहुंचाने में जुट गए हैं। यहां करीब साठ घर हैं। बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि सरकार की तरफ से जो मदद मिलनी चाहिये वह मिल रही है। हम लोगों के खेत और घर नदी में कट चुके हैं। इसीलिये हम सभी सुरक्षित स्थानों पर आकर रुके हैं।



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