Loksabha Election 2024: इधर मेरठ में विपक्ष को कोस रहे मोदी, उधर बरेली में हो गया खेला?

Loksabha Election 2024: भाजपा ने बरेली से आठ बार के सांसद रहे संतोष गंगवार के टिकट को काटकर छत्रपाल गंगवार को टिकट दे दिया है, जिसके बाद उनका विरोध शुरू हो गया है।

Written By :  Rajnish Verma
Update:2024-03-31 23:10 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Photo - Social Media)

Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है। प्रधानमंत्री मोदी ने क्रांतिकारियों की धरती मेरठ से अपने चुनावी अभियान का आगाज किया है। वह रविवार (31 मार्च) को वीरों की धरती मेरठ से विपक्ष पर हमलावर थे। वहीं, इस बीच बरेली में उनकी ही पार्टी के नेताओं के बीच अंदरूनी कलह देखने को मिली। भाजपा ने बरेली से आठ बार के सांसद रहे संतोष गंगवार के टिकट को काटकर छत्रपाल गंगवार को टिकट दे दिया है, जिसके बाद उनका विरोध शुरू हो गया है। छत्रपाल गंगवार ने विरोध को देखते हुए टिकट सरेंडर करने की बात कही है।

बरेली भाजपा में दिखी अंदरूनी कलह

भारतीय जनता पार्टी ने बरेली से आठ बार के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार का टिकट काट दिया और उनकी जगह संघ से जुड़े से छत्रपाल गंगवार को टिकट दिया है। इसके बाद से ही बरेली में भाजपा में भूचाल आ गया है। बरेली में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच अंदरूनी कलह भी देखने को मिल रही है। ये बात तब सामने आई, जब भाजपा नेता डॉ. दीप्ति भारद्वाज ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि चुनाव प्रचार में भाजपा उम्मीदवार छत्रपाल गंगवार को स्थानीय नेता और पदाधिकारी सपोर्ट नहीं कर रहे हैं।

अब उमेश गौतम को टिकट दे सकती है भाजपा

भाजपा नेता डॉ. दीप्ति भारद्वाज ने कहा कि इससे बुरी बात क्या होगी कि जब भाजपा बरेली प्रत्याशी छत्रपाल अकेले अपना चुनाव प्रचार कर रहे हैं। सभी विधायक, संगठन पदाधिकारी नदारद हैं। इसे देखते हुए हताश प्रत्याशी ने एक बैठक में अपना टिकट तब सरेंडर करने की बात कह दी है। वहीं, पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बरेली हो रहे विरोध को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी छत्रपाल गंगवार का टिकट काट सकती है। चर्चा है कि मेयर उमेश गौतम को टिकट मिल सकता है। बताया जा रहा है कि उमेश गौतम ने टिकट के लिए आवेदन भी किया है।

जातिगत समीकरण देखते हुए बनाया प्रत्याशी

बता दें कि बरेली लोकसभा में 23 लाख मतदाता है, जिसमें करीब साढ़े 3 लाख कुर्मी मतदाता हैं। वहीं, 35 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं। ऐसे में जातिगत समीकरण साधते हुए भारतीय जनता पार्टी ने छत्रपाल गंगवार को प्रत्याशी बनाया है, हालांकि उन्हें जब से प्रत्याशी बनाया गया है तभी से उनका जबरदस्त विरोध शुरू हो गया है। 

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