Bareilly News: सरकारी और अर्द्धसरकारी भवनों की छत पर सोलर रूफ टॉप संयंत्र की स्थापना: जिलाधिकारी
Bareilly News: रवीन्द्र कुमार ने बताया कि भारत सरकार से प्रदेश के समस्त सरकारी/अर्द्धसरकारी भवनों पर कैपेक्स मोड अथवा रेस्को मोड में सोलर रूफटॉप प्लांट लगाये जाने के निर्देश प्राप्त हुए हैं।
Bareilly News: जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने समस्त कार्यालयाध्यक्षों को अवगत कराया है कि उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 के अन्तर्गत सरकारी/अर्द्धसरकारी भवनों पर सोलर रूफटॉप प्लांट लगाये जाने हैं। वांछित सूचनाएं निर्धारित प्रारूप पर एक सप्ताह के अन्दर परियोजना अधिकारी यूपीनेडा के ईमेल pobare@rediffmail.com और व्हाट्सएप नम्बर 9415609034 पर उपलब्ध करा दी जाएं।
रवीन्द्र कुमार ने बताया कि भारत सरकार से प्रदेश के समस्त सरकारी/अर्द्धसरकारी भवनों पर कैपेक्स मोड अथवा रेस्को मोड में सोलर रूफटॉप प्लांट लगाये जाने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। इसके क्रियान्वयन हेतु यूपीनेडा नोडल एजेन्सी के रूप में कार्य कर रहा है। यूपीनेडा ने रेस्को मोड से 500 मेगावाट का टेंडर पूर्ण कर लिया है।
विभाग को 25 सालों तक अपने सरकारी भवन की छत उपलब्ध करानी होगी
रेस्को मोड के अन्तर्गत सोलर रूफटॉप स्थापना हेतु महत्वपूर्ण बिन्दु यह हैं कि रेस्को मोड में विभाग को अपने सरकारी भवन पर सोलर रूफटॉप स्थापित करने में कोई वित्तीय व्यय नहीं करना पड़ेगा। इसका सम्पूर्ण पूंजीगत व्यय यूपीनेडा के पैनलबद्ध वेण्डर द्वारा वहन किया जायेगा। स्थापित सोलर रूफटॉप का संचालन एवं रख-रखाव 25 वर्षों तक पैनलबद्ध वेण्डर द्वारा किया जायेगा। विभाग को 25 वर्षों तक अपने सरकारी भवन की छत इस कार्य हेतु उपलब्ध करानी होगी। सरकारी भवन का न्यूनतम भार 25 किलोवाट तथा अधिकतम भार 2000 किलोवाट होना चाहिए। रेस्को मोड में सोलर रूफटॉप से उत्पादित विद्युत एवं उपभोग की गयी विद्युत के टैरिफ के आधार पर रेस्को विकासकर्ता को मासिक बिल देय होगा। इसके लिए विभाग को विकासकर्ता के साथ विद्युत क्रय अनुबन्ध निष्पादित करना होगा।
सरकारी एवं अर्ध-सरकारी भवनों में नेट मीटरिंग सुविधा की अनुमति
यूपीनेडा द्वारा 500 मेगावाट के लिए निविदा में निम्न टैरिफ पाया गया है। 25 किलोवाट से 200 किलोवाट तक के लिए 4.90 रुपये प्रति यूनिट तथा 200 किलोवाट से अधिक से 2000 किलोवाट तक के लिए 4.85 रुपये प्रति यूनिट। यह विद्युत विभाग के टैरिफ से काफी कम है। विद्युत विभाग द्वारा सरकारी भवनों को दी जाने वाली बिजली की दर लगभग 8 से 8.5 रुपये प्रति यूनिट है। रोस्को मोड में सोलर रूफटॉप प्लांट लगाने से विभागों की आर्थिक बचत के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण भी सुनिश्चित होता है।
सभी सरकारी एवं अर्द्धसरकारी भवनों पर नेट मीटरिंग की सुविधा अनुमन्य है, जिससे अधिक सौर ऊर्जा उत्पादन होने पर उसे ग्रिड में भण्डारित/बेचा जा सकेगा, जिसे विद्युत विभाग द्वारा क्रय किया जाएगा। नेट मीटरिंग के अन्तर्गत विभाग द्वारा सायं एवं रात्रि में उपयोग की जाने वाली विद्युत की यूनिटों को दिन में उत्पादित एवं ग्रिड में भण्डारित/बेची गई सौर ऊर्जा की यूनिटों के साथ समायोजित किया जाएगा, जिससे विभाग का विद्युत बिल काफी कम हो जाएगा।