Basti News : निजी अस्पताल का कारनामा, डॉक्टरों की लापरवाही से अब कभी मां नहीं बन सकेगी प्रसूता, डीएम ने दिए कार्रवाई के आदेश

Basti News : बस्ती जिले में प्राइवेट अस्पतालों का एक और कारनामा सामने आया है, यहां पैसा लेने के चक्कर में महिला की बच्चेदानी ही ऑपरेशन कर दिया है, जिससे अब महिला कभी भी मां नहीं बन सकती है।

Report :  Amril Lal
Update: 2024-08-16 13:52 GMT

Basti News : बस्ती जिले में प्राइवेट अस्पतालों का एक और कारनामा सामने आया है, यहां पैसा लेने के चक्कर में महिला की बच्चेदानी ही ऑपरेशन कर दिया है, जिससे अब महिला कभी भी मां नहीं बन सकती है। पीड़ित महिला रीता देवी के पति ने जिलाधिकारी सहित आला अधिकारियों को प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की है। उन्होंने फातिमा अस्पताल को सील कर ऑपरेशन के दौरान शामिल डॉक्टर और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की मांग की। वहीं, जिला अधिकारी रवीश कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करने के लिए सीएमओ को निर्देशित कर दिया है।

बस्ती जिले के मेवा लाल निवासी बड़े बन पटेल नगर वार्ड नंबर 10 गणेशपुर ने ने बताया कि उनकी पत्नी रीता देवी, जो कि गर्भवती थी। पेट में दर्द की शिकायत के बाद प्रसूता को आनन-फानन में महिला अस्पताल लेकर गए। यहां गांव की आशा बहू तारा देवी ने उनसे कहा कि महिला अस्पताल में सही से इलाज नहीं होगा और अल्ट्रासाउंड में बताया गया कि बच्चा पेट में मर चुका है। बच्चे के मरने की जानकारी पाने के बाद परिवारीजन घबरा गए थे, वह आशा की बात मान गए और प्रसूता को फातिमा हॉस्पिटल पतेला कटरा अस्पताल में भर्ती कराया। यहां डॉक्टर ने तत्काल ऑपरेशन करके बच्चे को निकाल दिया, लेकिन इस डॉक्टरों की लापरवाही से पीड़ित महिला रीता देवी की ब्लीडिंग नहीं बंद हो रही थी। इसके बाद फिर दोबारा ऑपरेशन कर बच्चेदानी काटकर निकाल दी गई, यह बात हम लोगों को पता नहीं थी। करीब 5 घंटे बाद प्रसूता ऑपरेशन थियेटर से बाहर निकाला गया।

प्रसूता की हालत गंभीर

प्रसूता की हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उसे रेफर कर दिया। इसके बाद परिजन प्रसूता को लेकर लखनऊ आए, यहां मेडिकल कॉलेज में प्रसूता का इलाज चल रहा है। प्रसूता की हालत गंभीर बनी हुई है। पीड़िता के पति ने कहा कि डॉक्टरों की लापरवाही से मेरी पत्नी कभी मां नहीं बन सकती है, उसकर पहला बच्चा था जो मरा हुआ पैदा हुआ है। डॉक्टरों की लापरवाही से उसकी जिंदगी खराब हो गई है। उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत हम लोगों ने जिला अधिकारी बस्ती से की है। उन्होंने तत्काल सीएमओ को फोन कर आदेशित किया है कि दोषी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाए, जिससे भविष्य में ऐसी घटना न घटित हो। वहीं, आशा बहू के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाए।

मरीजों के साथ खिलवाड़ कर रहीं आशा बहुएं

प्राइवेट अस्पतालों में आशा बहू को एक मरीज की डिलीवरी करवाने के नाम पर दो से तीन हजार रुपए कमीशन मिलता है। कमीशन के लालच में आशा बहुएं प्रसूताओं को प्राइवेट अस्पतालों में झोंक देती हैं, जहां उनके जच्चा और बच्चा दोनों को खतरा रहता है। कई बार घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। यदि आशा बहू तारा देवी पीड़ित महिला रीता देवी को प्राइवेट अस्पताल में न ले गई होती तो शायद उसकी जिंदगी बरबाद नहीं होती। आशा बहुओं का दलाली का चल रहा धंधा ये कब बंद होगा, इसे लेकर कई बार सवाल उठ चुका है। हालांकि प्रशासन इस पर मौन है।

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