Lucknow: सपा के सम्मेलन से पहले अखिलेश यादव की बड़ी बैठक, विधायक सांसदों के साथ मंथन
Lucknow: समाजवादी पार्टी के राज्य और राष्ट्रीय सम्मेलन को लेकर आज पार्टी कार्यालय पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव अपने विधायकों, सांसदों और वरिष्ठ नेताओं के साथ एक बड़ी बैठक करेंगे।
Lucknow: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राज्य और राष्ट्रीय सम्मेलन को लेकर आज पार्टी कार्यालय पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव (SP supremo Akhilesh Yadav) अपने विधायकों, सांसदों और वरिष्ठ नेताओं के साथ एक बड़ी बैठक करेंगे। इस बैठक में दो दिवसीय सम्मेलन (Samajwadi Party convention) को लेकर विस्तृत चर्चा होगी। मसलन किन मुद्दों पर उनका फोकस होगा, सम्मेलन में आए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को क्या सन्देश देना है, दो दिन में क्या-क्या कार्यक्रम होंगे इसकी समीक्षा अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) नेताओं के साथ करेंगे। 28 और 29 सितंबर को लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में यह सम्मेलन होगा। इसकी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है। पार्टी के अलग अलग नेताओं को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
अखिलेश यादव लेंगे राष्ट्रीय अध्यक्ष की शपथ
28 और 29 सितंबर को होने वाले इस सम्मेलन में पहले दिन राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन होगा। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा। इसमें देखना होगा कि नरेश उत्तम कि फिर से ताजपोशी होगी या किसी दूसरे नेता को अखिलेश जिम्मेदारी सौंपते हैं। 29 सितंबर को दूसरे दिन राष्ट्रीय सम्मेलन होगा। जिसमें सपा के मार्गदर्शक मुलायम सिंह यादव भी शामिल होंगे। मुलायम सिंह यादव की मौजूदगी में अखिलेश दूसरी बार राष्ट्रीय अध्यक्ष की शपथ लेंगे।
इस पूरे कार्यक्रम की देखरेख खुद पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव कर रहे हैं। पहले दिन राज्य स्तरीय सम्मेलन में निकाय चुनाव, लोकसभा चुनाव के साथ कई विषयों पर चर्चा होगी। उसके बाद 29 सितंबर को राष्ट्रीय सम्मेलन में अलग-अलग प्रदेशों से आए नेताओं के साथ जिन राज्यों में विधानसभा के चुनाव हैं उस पर भी चर्चा होगी। पार्टी को किन नीतियों पर आगे बढ़ना है, देश में सपा क़ो कैसे और मजबूत किया जाये इन तमाम विषयों पर मंथन होगा और नेता अपनी बात रखेंगे। इसके बाद अखिलेश यादव की फिर से ताजपोशी होगी।
सम्मेलन में इन मुद्दों पर होगा फोकस
पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा था सपा के सम्मेलनों में राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर लोकतांत्रिक संस्थाओं को भाजपा द्वारा कमजोर किए जाने, अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट, राजनीतिक दल-बदल को बढ़ावा देने तथा सामाजिक सद्भाव को खतरे में डालने पर भी विशेष चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति, शिक्षा-स्वास्थ्य क्षेत्र की बदहाली, बढ़ते भ्रष्टाचार और किसानों-नौजवानों के साथ धोखा आदि मसलों पर राजनीतिक-आर्थिक प्रस्तावो के जरिये प्रकाश डाला जाएगा। पार्टी के सक्रिय सदस्यों में से ही सम्मेलन के प्रतिनिधि चुने जाएंगे।