योगी कैबिनेट का बड़ा फैसला: विधायकों के वेतन से कटेगा 30 प्रतिशत

केन्द्र सरकार की तर्ज पर ही प्रदेश की योगी सरकार ने भी आज विधायक निधि को एक वर्ष के लिए विधायक निधि को खत्म करने तथा मुख्यमंत्री मंत्रियों और विधायकों के वेतन में 30 प्रतिशत कटौती करने का फैसला लिया है।

Update: 2020-04-08 13:57 GMT
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श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ। केन्द्र सरकार की तर्ज पर ही प्रदेश की योगी सरकार ने भी आज विधायक निधि को एक वर्ष के लिए विधायक निधि को खत्म करने तथा मुख्यमंत्री मंत्रियों और विधायकों के वेतन में 30 प्रतिशत कटौती करने का फैसला लिया है। सरकार ने कोरोना फंड के लिए अध्यादेश में संशोधन कर दिया है। ^ न्यूज़ ट्रैक* ने एक दिन पहले ही इसकी खबर अपने पाठको को दे दी थी।

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सरकार ने आपदा निधि 1951 में किया बदलाव

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज हुई बैठक में आज इस आशय का फैसला लिया। इसके लिए राज्य सरकार ने आपदा निधि 1951 में बदलाव किया हैै। अब तक आपदा निधि में 600 करोड़ की राशि थी जिसे अब बढ़ा कर 1200 करोड़ किया गया है।

उधर राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविद को एक पत्र लिखकर एक साल अपने वेतन से 30 प्रतिशत कटौती करने के लिए एक पत्र भी लिखा है। यूपी में विधानसभा के 403 एवं विधानपरिषद के 10 सदस्यों को मिलाकर विधानमंडल के सदस्यों की कुल संख्या 503 हैं।

यहां यह भी बताना जरूरी है कि फरवरी में हुए बजट सत्र के दौरान इसी वित्तीय वर्ष में उत्तर प्रदेश में विधायक निधि दो से बढ़ाकर तीन करोड़ रुपये सालाना करने का प्रस्ताव विधानसभा में पेश हुआ था। यह प्रस्ताव खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में पेश किया था। जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद का प्रस्ताव पेश किया था।

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लाॅकडाउन का विपरीत प्रभाव गरीब तबके पर सबसे ज्यादा

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार दो बार विधायक निधि बढा चुकी है। विधायक निधि बढ़ाई गई है। इससे पहले अभी पिछले साल 2019 में ही सरकार ने विधायक निधि को डेढ़ करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये सालाना किया था। अब इसे डेढ़ गुना बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया गया है।

लाॅकडाउन का विपरीत प्रभाव गरीब तबके पर सबसे ज्यादा पड़ा है। इसके मद्देनजर प्रधानमंत्री द्वारा 1.70 लाख करोड़ रुपए का ‘गरीब कल्याण पैकेज’ घोषित किया गया है, जिसके तहत कोविड योद्धाओं को तीन माह के लिए 50 लाख रुपए का बीमा कवर भी मुहैया कराया गया है।

लाॅकडाउन के दौरान राज्य सरकार द्वारा गरीब जनता को राहत पहुंचाने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। प्रदेश के 20 लाख से अधिक निर्माण श्रमिकों को 1000 रुपए का भरण-पोषण भत्ता दिए जाने की कार्यवाही प्रारम्भ की गई है।

87 लाख लाभार्थी लाभान्वित

मनरेगा मजदूरों को 611 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। वृद्धावस्था, निराश्रित महिला, दिव्यांगजन व कुष्ठावस्था पेंशन के लाभार्थियों को दो माह की अग्रिम पेंशन की 871 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि उनके खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर की गई है। इससे लगभग 87 लाख लाभार्थी लाभान्वित हुए हैं।

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गत एक अप्रैल से अन्त्योदय कार्डधारकों, मनरेगा श्रमिकों, श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों तथा नगर विकास विभाग के अन्तर्गत दिहाड़ी मजदूरों को निःशुल्क राशन वितरित किया जा रहा है।

राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे। राज्य सरकार ने ठेला, खोमचा, पल्लेदार, रिक्शा, ई-रिक्शा आदि चलाने वाले दिहाड़ी मजदूरों को राहत पहुंचाने के लिए उनके बैंक खातों में 1000 रुपये भेजने की घोषणा की है।

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