CBI का दावा: बगैर ई-टेंडरिंग के अखिलेश 14 और गायत्री ने 8 फाइलों को दी थी मंजूरी, जल्द होगी पूछताछ!
खुलासे के अनुसार यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ई टेंडरिंग प्रकिया का उल्लघंन कर 14 फाइलों को स्वीकृत किया था। वहीं आठ फाइलों को पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति ने स्वीकृत किया था। ये सभी फाइलें हमीरपुर खनन घोटाले से जुड़ी हैं। सूत्रों का कहना है कि घोटाले संबंधी दस्तावेज सीबीआई जांच अधिकारियों के हाथ लगने के बाद अब दोनों मंत्रियों से जल्द ही पूछताछ हो सकती है।
लखनऊ: खनन घोटाला मामले में सीबीआई ने आज बड़ा दावा किया है। खुलासे के अनुसार यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ई टेंडरिंग प्रकिया का उल्लघंन कर 14 फाइलों को स्वीकृत किया था। वहीं आठ फाइलों को पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति ने स्वीकृत किया था। ये सभी फाइलें हमीरपुर खनन घोटाले से जुड़ी हैं। सूत्रों का कहना है कि घोटाले संबंधी दस्तावेज सीबीआई जांच अधिकारियों के हाथ लगने के बाद अब दोनों मंत्रियों से जल्द ही पूछताछ हो सकती है।
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बता दें कि इलाहबाद हाईकोर्ट ने 29 जनवरी 2013 को आदेश दिया था कि खनन संबंधी जो लीज पहले दी गई हैं उन्हें रद्द किया जाए तथा आगे जो भी लीज दी जानी है वह ई-टेंडरिंग प्रकिया के माध्यम से दी जाए।
सीबीआई का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जिनके पास खनन मंत्रालय भी था उन्होंने और पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति ने अदालत के आदेश का उल्लघंन किया।सीबीआई का कहना है जांच के दौरान जब्त किए गए खनन घोटाले संबंधी दस्तोवजों से पता चला है कि 17 फरवरी 2013 को पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने डीएम ऑफिस में पेडिंग पड़ी फाइलों को अपने पास मंगाया और लीज से जुड़ी 13 फाइलों को एक ही दिन में स्वीकृति दे दी थी जबकि एक फाइल को 14 जून 2013 को स्वीकृति दी गई थी।
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बताया गया कि 22 लीज फाइलें पांच लाख से ऊपर की थीं। सूत्रों का कहना है कि यह सभी फाइलें 31 मई 2013 से डीएम ऑफिस में लंबित थी। इन सभी फाइलों को ई टेंडरिंग प्रकिया के माध्यम से दिया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
अखिलेश यादव ने सीएम रहते हुए माइनिंग की 14 लीज़ अवैध तरीके से अपने खास लोगों को दी। इसमें एक लीज़ उस समय के जालौन से समाजवादी पार्टी के सांसद घनश्याम अनुरागी(16 नम्बर) को दी गयी। यूपी सरकार ने अपने और इलाहाबाद हाइकोर्ट के आदेश के हिसाब से ई टेंडरिंग की प्रक्रिया का पालन नहीं किया। उसके बाद दूसरे माइनिंग मिनिस्टर गायत्री प्रजापति ने भी 8 लीज़ ऐसे ही दीं, ये मामला केवल हमीरपुर का है,जहां बी चन्द्रकला उस समय डीएम थीं|
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