यूपी में अजब कारनामा: 1235 महिलाएं साल में दो बार बनी माँ, सरकार का बड़ा घोटाला

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को शासन के द्वारा कुछ धनराशि दी जाती है जिससे महिलाएं अपने शिशु की अच्छी परवरिश कर उनको कुपोषण से दूर रख सकें।

Update: 2020-10-01 07:36 GMT
स्वास्थ्य विभाग का अजब कारनामा,साल में दो बार माँ बन गयी 1235 महिलाएं (social media)

हरदोई: स्वास्थ्य महकमा अपने एक बड़े हैरतअंगेज कारनामे के कारण चर्चा का विषय बन गया है।यहां स्वास्थ्य विभाग का एक बड़ा कारनामा सामने आया जिसके तहत एक साल के अंदर ही 1235 महिलाएं दो बार मां बन गयी और जननी सुरक्षा योजना का लाभ ले लिया।अब जब स्वास्थ्य विभाग का पूरा ऑडिट हुआ तो इसका खुलासा हो गया।अब जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाई के बजाए सरकारी धन की रिकवरी की बात कही जा रही है।

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पूरे देश प्रदेश में यह योजना चलाई जा रही है और इसमे घोटाले भी हुए है

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को शासन के द्वारा कुछ धनराशि दी जाती है जिससे महिलाएं अपने शिशु की अच्छी परवरिश कर उनको कुपोषण से दूर रख सकें। पूरे देश प्रदेश में यह योजना चलाई जा रही है और इसमे घोटाले भी हुए है इसमे कोई दो राय नही है क्योंकि जब हरदोई में विभाग का ऑडिट हुआ तो मामला खुलकर सामने आ गया है।

hardoi-scam-matter (social media)

स्वास्थ्य महकमे के कागजों में जब देखा गया तो पता चला कि हरदोई में एक वर्ष में 1235 महिलाएं ऐसी थी जिनको एक साल में दो बार इस योजना का लाभ दिया गया है।अब जब यह खुलासा हो गया तो महकमे में हड़कम्प की स्थिति बन गयी और मामले को दबाए जाने के प्रयास भी शुरू कर दिए गए है कि किसी प्रकार यह मामला बाहर न जा पाए।

1235 महिलाएं जिन्हें एक साल में दो बार जननी सुरक्षा योजना का लाभ दिया गया है

दरअसल 1235 महिलाएं जिन्हें एक साल में दो बार जननी सुरक्षा योजना का लाभ दिया गया है। हालांकि उन्होंने अपने बच्चे को एक बार ही जन्म दिया है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार लोगों ने इन 1235 महिलाओं को कागजों पर दुबारा माँ बना कर सरकारी धन हड़प कर लिया।अब यह धन कैसे कहाँ किसकी जेब मे गया इसकी अगर जांच हुई तो बडा कारनामा सामने आएगा जिसको लेकर विभाग बड़ी सावधानी बरत रहा है।

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इस मामले मामले को सीएमओं डॉक्टर सूर्यमणि त्रिपाठी भी मामले में जिम्मेदार कर्मियों की लापरवाही व भूमिका की जांच व कार्यवाई करने से बचने के प्रयास में है।सीएमओं का महज इतना ही कहना है कि प्रकरण में ऐसे लोगों को नोटिस के माध्यम से सरकारी धन कोष में जमा कराए जाने के निर्देश दिए जाएंगे। ऐसा न करने पर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।लेकिन सवाल यहा है कि ऐसे लोगो पर केवल खानापूर्ति ही क्यों।

मनोज तिवारी

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