भाजपा ने गोरखालैंड राज्य की मांग पर विचार का किया है वादा: बिमल गुरुंग
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के नेता बिमल गुरुंग ने दावा किया कि भाजपा नेतृत्व ने उन्हें आश्वासन दिया है कि अगर वह दोबारा सत्ता में आते हैं तो गोरखालैंड राज्य की मांग पर विचार करेंगे।
कोलकाता: 14 अप्रैल गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के नेता बिमल गुरुंग ने दावा किया कि भाजपा नेतृत्व ने उन्हें आश्वासन दिया है कि अगर वह दोबारा सत्ता में आते हैं तो गोरखालैंड राज्य की मांग पर विचार करेंगे। पर्वतीय क्षेत्र में 2017 के आंदोलन के बाद से गुरुंग फरार चल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक गोरखा व्यक्ति ‘गोरखालैंड राज्य’ के सपने के साथ जीता है। उन्होंने कहा कि भाजपा का इस मुद्दे पर स्थायी राजनीतिक समाधान की बात करना ‘‘बहुत उत्साहजनक’’ है।
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दार्जीलिंग से लगातार तीसरी बार जीत की उम्मीद लगा रही भाजपा ने अपने घोषणापत्र में गोरखालैंड को राज्य बनाने संबंधी किसी भी तरह का जिक्र नहीं किया है लेकिन उन्होंने इस क्षेत्र में ‘स्थायी राजनीतिक समाधान’ और 11गोरखा समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का आश्वासन दिया है।
गुरुंग ने पीटीआई को फोन पर एक साक्षात्कार में बताया, ‘‘ हमने भाजपा को गोरखालैंड की मांग करते हुए एक ज्ञापन पत्र भेजा है। उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि वह इस पर विचार करेंगे। हम इस बात से खुश हैं कि उन्होंने घोषणापत्र में इस क्षेत्र में स्थायी समाधान लाने की बात कही है।’’
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के ‘इस क्षेत्र के प्रति सहानूभूति रखने की’ प्रशंसा करते हुए उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर इस क्षेत्र में अपना आधार मजबूत करने के लिए ‘वोट बैंक की राजनीति’ करने का आरोप लगाया।
उन्होंने दावा किया, ‘‘ उन्होंने यहां कभी भी वास्तविक मुद्दों को देखने की कोशिश नहीं की। वह क्षेत्र के विकास लाने की इच्छुक नहीं है।’’
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उनसे जब यह पूछा गया कि पिछले पांच साल में भाजपा ने गोरखालैंड बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया तो जीजेएम नेता ने पार्टी का बचाव करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की प्राथमिकता लोगों के जीवनस्तर में सुधार लाना था।
गुरुंग ने कहा, ‘‘गोरखालैंड हमारे एजेंडे में शीर्ष पर है और मैं अंत तक इसके लिए लड़ता रहूंगा। लेकिन केंद्र सरकार को पहले पूरे देश के विकास पर ध्यान देने की जरूरत है। बाकी सारी चीजें दूसरे स्थान पर है। हमें आशा है कि भाजपा अपने अगले कार्यकाल में इस मुद्दे पर ध्यान देगी।
भाषा