DM बंगले से फटे हाल बाहर निकले भाजपा विधायक, बोले- SP ने की मारपीट

बीजेपी के विधायक धीरज ओझा ने आरोप लगाया है कि प्रतापगढ़ के एसपी आकाश तोमर ने उनके साथ ऑफिस में मारपीट की।

Published By :  Shreya
Update: 2021-04-07 10:36 GMT

प्रतापगढ़: BJP विधायक का DM आवास पर प्रदर्शन, SP पर गंभीर आरोप (फोटो- सोशल मीडिया)

प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रहा है, यहां पर भाजपा विधायक ने जिले के एसपी पर उन्हें मारने का आरोप लगाया है। जिले में रानीगंज से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक धीरज ओझा ने आरोप लगाया है कि प्रतापगढ़ के एसपी आकाश तोमर ने उनके साथ ऑफिस में मारपीट की। अब इस घटना का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

इस वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि विधायक धीरज ओझा फटा हुआ कुर्ता दिखाकर आरोप लगा रहे है कि एसपी ने उन्हें मारा है। यही नहीं, वो रास्ते पर लैटकर एसपी पर आरोप लगाते भी देखे गए।

जानें क्या है पूरा मामला

मामले में बताया जा रहा है कि विधायक धीरज ओझा ने मतदाता सूची में व्यापक धांधली का आरोप लगाते हुए डीएम कार्यालय पर दिन में दो बजे धरने पर बैठ गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि कुछ ऐसे लोग हैं जिन पर गुंडा एक्ट सहित कई मुकदमे दर्ज हैं, लेकिन फिर भी कोई कारवाई नहीं हुई। धरना की जानकारी होते ही एडीएम शत्रोहन वैश्य मौके पर पहुंच गए।

बहस के बाद विधायक ने फाड़े कपड़े

एडीएम शत्रोहन वैश्य ने वहां पहुंचकर धीरज ओझा को मनाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने उनकी बात नहीं मानी। दरअसल, ओझा का कहना था कि जब तक उनकी मांग के मुताबिक कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक वह धरने पर ही बैठे रहेंगे। इसके बाद डीएम के साथ एसपी आकाश तोमर भी घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंच गए। इस दौरान उनकी विधायक ओझा से बहस हो गई। बहस होने पर गुस्साए विधायक ने अपना कुर्ता फाड़ लिया और बंगले के सामान बैठ गए।

पुलिस अधीक्षक ने दी सफाई

वहीं अब इस पूरे प्रकरण में प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक ने बयान जारी कर मामले में सफाई दी है। उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा कि आज कई जगह विधायक ओझा दवारा जिलाधिकारी आवास पर धरना दिए जाने की खबर चलाई गई। इस प्रकरण के संबंध में अवगत कराना है कि डीएम आवास पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाकर डीएम के खिलाफ धरने पर बैठे थे, मेरे द्वारा दुर्व्यवहार करने से मना किया तो झूठा आरोप लगा रहे हैं। जिलाधिकारी प्रतापगढ़ संपूर्ण घटनाक्रम में साथ में मौजूद थे। पूर मामले से पुलिस का कोई संबंध नहीं है।

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