भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने एलौपेथिक चिकित्सक को बताया राक्षस

बाबा रामदेव के सर्मथन में उतरे भाजपा विधायक

Written By :  Anoop Hemkar
Published By :  Pallavi Srivastava
Update: 2021-05-28 08:07 GMT

बलिया। योग गुरू स्वामी रामदेव के समर्थन में सामने आए भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने एलौपेथिक डॉक्टरों की तुलना राक्षसों से कर दी है। एलोपैथ चिकित्सकों पर बेतुका बयान देते हुए इन्हें सफेद वस्त्रधारी अपराधी करार दे दिया है। भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने गुरूवार को बैरिया क्षेत्र के सोनबरसा में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि एलौपेथ के क्षेत्र में डॉक्टरों ने राक्षस का रूप ले लिया है। मृतक को भी जीवित दिखाकर पैसा लेने की परंपरा चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे चिकित्सकों को राक्षस ही कहा जा सकता है। उन्होंने इसके साथ ही यह भी कहा कि जो डॉक्टर मरे हुए व्यक्ति को आईसीयू में जीवित बताकर पैसा लेता है, वो राक्षस से कम नहीं हो सकता है। ये पुरातन धर्म के समय के राक्षसों से भी बदतर हैं। योगगुरु रामदेव का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि रामदेव जिस पद्धति को आगे बढ़ा रहे हैं, वो सनातन धर्म की पद्धति है। बाबा रामदेव का तर्क बिल्कुल सही है। मैं भी अगर राजनीति से संन्यास लूंगा तो इसी के प्रचार का जिम्मा संभालूंगा।


फेसबुक पोस्ट में बाबा रामदेव का सर्मथन

बता दें कि जिले के बैरिया क्षेत्र के भाजपा विधायक सिंह ने इसके पूर्व कल फेसबुक पर दो पोस्ट कर योग गुरू रामदेव के एलोपैथ चिकित्सकों पर दिये गए बयान का समर्थन किया थ। उन्होंने लिखा था कि पूज्य बाबा रामदेव पर चिकित्सकों के द्वारा टिप्पणी करना निंदनीय है। वर्तमान चिकित्सा पद्धति को महंगा बनाकर समाज को लूटने वाले नैतिकता की शिक्षा न दें। आज एलोपैथ के क्षेत्र में रुपये 10 की गोली 100 रुपये पर बेचने वाले लोग सफेद वस्त्रधारी अपराधी हो सकते हैं, वह समाज के हितैषी नहीं हो सकते।


भाजपा विधायक ने फेसबुक पोस्ट में बाबा रामदेव का किया सर्मथन pic(social media)

एलोपैथ भी उपयोगी है और आयुर्वेद भी उस से कम नहीं है, यह भाव रखकर समाज में पीड़ित इंसान की सेवा चिकित्सकों को करनी चाहिए। उन्होंने अपने दूसरे पोस्ट में लिखा है कि भारतीय चिकित्सा पद्धति के ध्वज वाहक पूज्य स्वामी रामदेव जी का मैं हृदय से अभिनंदन करता हूं। उन्होंने आयुर्वेद के माध्यम से स्वस्थ भारत समर्थ भारत अभियान का शुरुआत किया है ।



गेंहू क्रय की शुरुआत कराकर खत्म किया धरना प्रर्दशन

इस बीच भाजपा विधायक सिंह द्वारा कल बैरिया क्षेत्र के सोनबरसा गांव के गेहूं क्रय केंद्र पर दिया जा रहा धरना कल यानि गुरूवार देर शाम समाप्त हो गया। बैरिया के उप जिलाधिकारी प्रशांत कुमार नायक ने गेंहू क्रय की शुरुआत कराकर धरना समाप्त कराया। भाजपा विधायक ने फेसबुक पर इसको लेकर पोस्ट किया है कि सोनबरसा गेहूं क्रय केंद्र, जो अधिकारियों की उदासीनता के कारण 4 दिनों से बंद था, जिसे चालू कराने के लिए मुझे लगभग 8 घंटे बैठना पड़ा । उच्च अधिकारियों के आने के बाद लगभग 23 पैकेट गेहूं वजन होने के बाद ही अधिकारियों को वापस जाने दिया।



जिलाधिकारी अदिति सिंह ने दिये कड़ी कार्रवाई के आदेश

सूचना विभाग द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार जिलाधिकारी अदिति सिंह ने बैरिया तहसील के सोनबरसा क्रय केंद्र पर गेहूं की खरीद प्रभावित होने को गंभीरता से लेते हुए क्षेत्रीय विपणन अधिकारी नरेंद्र कुमार मिश्र पर कड़ी कार्रवाई के लिए खाद्य एवं रसद आयुक्त उत्तर प्रदेश को डीओ लेटर लिखा है। क्षेत्रीय विपणन निरीक्षक रानीगंज प्रदीप जायसवाल को सोनबरसा का अतिरिक्त प्रभार देकर गेहूं खरीद शुरू करा दी गई है। जिलाधिकारी ने डिप्टी आरएमओ व एसडीएम को निर्देश दिया है कि कि क्रय केंद्र पर समय-समय पर गेहूं खरीद का निरीक्षण कर सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित कराएं। इसके अलावा जिस-जिस कर्मचारियों की वजह से खरीद प्रभावित हुई, उन सबकी जवाबदेही तय करते हुए कार्रवाई के लिए संबंधित उच्चधिकारियों को पत्र लिखा गया है। खाद्य एवं रसद आयुक्त को लिखे गए पत्र में जिलाधिकारी ने कहा है कि क्षेत्रीय विपणन अधिकारी नरेंद्र कुमार मिश्रा को गेहूं खरीद के लिए सोनबरसा केंद्र पर नियुक्त किया गया, लेकिन उन्होंने वहां ज्वाइन नहीं किया और इससे खरीद प्रभावित हुई। इस तरह शासकीय एवं जनहित के कार्यों में रूचि नहीं लेने के साथ उच्च अधिकारियों के आदेश की अवहेलना की गई।


किसी ने नहीं संभाला प्रभार

गेहूं क्रय केंद्र सोनबरसा पर सबसे पहले पूर्णेन्दु प्रवीन की नियुक्ति हुई थी, पर उनके परिवार में कोरोना पॉजिटिव केस हो जाने के कारण चले गए। इसके बाद विपणन सहायक रोहित भट्ट को केंद्र प्रभारी बनाया गया, जो वहां गए नहीं। इन पर कार्रवाई के लिए सम्भागीय खाद्य नियंत्रक (आरएफसी) आजमगढ़ को पत्र भेजा गया। इसके बाद नरेंद्र मिश्र को तैनात किया गया, पर उन्होंने भी मेडिकल भिजवाकर जॉइन नहीं किया। इसके बाद गोदाम चैकीदार विपिन सिंह को सहायक के रूप में तैनात किया गया, लेकिन ये भी जॉइन नहीं किए। इनके विरुद्ध भी कार्रवाई के लिए सम्भागीय खाद्य नियंत्रक (आरएफसी) आजमगढ़ को पत्र भेजा गया है। फिर पूर्ति निरीक्षक दिलीप सिंह को प्रभारी बनाया गया, लेकिन इन्होंने भी असमर्थता जताई है। इन पर भी कार्रवाई के लिए एसडीएम बैरिया से रिपोर्ट मांगी गई है।

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